
मनरेगा के श्रम बजट निर्धारण में प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन,कृषि एवं आजीविका सर्वद्धन पर किया जाय फोकस। मनरेगा के वर्ष 2025-26 के श्रम बजट निर्माण मे कम से कम 60% कार्य (लागत की दृष्टि से), कृषि एवं उससे सम्बन्धित गतिविधियों पर किये जाये। मनरेगा के श्रम बजट निर्धारण में प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मनरेगा के तहत वर्ष 2025-26 के श्रम बजट निर्माण कम से कम 60% कार्य (लागत की दृष्टि से), कृषि एवं उससे सम्बन्धित गतिविधियों पर किये जाये। मनरेगा में 2025-26 के श्रम बजट निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने मनरेगा से अन्य विभागों के अभिसरण के लिए समेकित कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिए गये हैं।उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि श्रम बजट के अन्तर्गत लिये जाने वाले कार्यों में मुख्य रूप से प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन, कृषि एवं उससे सम्बन्धित गतिविधियों, व्यक्तिगत लाभार्थियों के लिये आजीविका सर्वद्धन से सम्बन्धित कार्यों पर विशेष बल दिया जाना चाहिए। ग्रामीण अवस्थापना के लिए कराये जाने वाले कार्यों में चौदहवां वित्त एवं राज्य वित्त के वित्तीय संसाधनों का मनरेगा योजना से अभिसरण करने से गुणवत्तापरक परिसम्पत्तियों का निर्माण हो सकेगा।
योजना के तहत श्रम बजट- 2025-26 की तैयारी में 14 आधारभूत कार्य अनिवार्य रूप से सम्मिलित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें जल निकासी हेतु नाली एवं आंतरिक सड़क निर्माण संबधी कार्य, मोरिंगा वृक्षारोपण, (सीएलएफ पीआईए के रूप में)चॉक मार्ग/बंध का निर्माण,सामुदायिक एवं व्यक्तिगत बायो गैस प्लांट का निर्माण,अमृत सरोवर,सामुदायिक मेड़बन्धी (आवश्यकतानुरूप कृषि विभाग के मध्य कन्वर्जेन्स करते हुए),सामुदायिक / व्यक्तिगत पशु आश्रय स्थल का निर्माण,चारागाह विकास,खेल मैदान निर्माण (आवश्यकतानुरूप राज्य वित्त / 14 वें वित्त एवं युवा कल्याण विभाग के मध्य कन्वर्जेन्स करते हुए),अन्त्येष्टि स्थल निर्माण (आवश्यकतानुरूप राज्य वित्त / 14 वें वित्त के मध्य कन्वर्जेन्स करते हुए) ग्रामीण हॉट निर्माण,मनरेगा एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मध्य कन्वर्जेन्स,रूफ टॉप रेनवाटर हार्वेस्टिगं संरचनाएं, सी०सी० रोड निर्माण (आवश्यकतानुरूप प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम 500 मीटर) हैं।
इस सम्बन्ध में आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग जी एस प्रियदर्शी ने समस्त जिलाधिकारियों/जिला कार्यक्रम समन्वयकों को जारी दिशा निर्देशों में कहा जा चुका है कि मनरेगा श्रम बजट निर्माण की प्रक्रिया, कार्य की मांग के आधार पर श्रम बजट का निर्माण कराया जाएगा। कार्य योजना निर्माण गांव की आवश्यकता का ध्यान रखते हुए 6चरणों में किये जाने का प्राविधान है।प्रथम चरण में आवश्यकताओं की पहचान, द्वितीय चरण मे ग्राम पंचायत में संसाधन की उपलब्धता,तृतीय चरण मे कार्ययोजना को तकनीकी रूप से बनाने की तैयारी, चौथे चरण में ग्राम सभा की अनुमति,पांचवें चरण में कार्ययोजना को अंतिम रूप देना और छठवें चरण में संकलित श्रम बजट का राज्य स्तर पर प्रस्तुतिकरण किया जायेगा । श्रम बजट निर्माण में जिन बिन्दुओं को संज्ञान में लेकर कार्यवाही की जानी है, उनका विस्तृत रूप से उल्लेख जारी दिशा निर्देशों में किया गया है। जिलाधिकारी / जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि जनपद की प्रत्येक ग्राम पंचायत में शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट के निर्धारण के लिये बॉटम अप अप्रोच का अनुपालन किया गया है। मनरेगा के श्रम बजट निर्धारण में प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन