माइग्रेन:लक्षण,कारण,इलाज या घरेलू उपाय..?

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माइग्रेन:लक्षण,कारण,इलाज या घरेलू उपाय..?
माइग्रेन:लक्षण,कारण,इलाज या घरेलू उपाय..?

भारत में 2 करोड़ से अधिक लोग माइग्रेन से पीड़ित हैं। माइग्रेन एक प्रकार का न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें सिरदर्द के साथ उल्टी, मतली, रोशनी और आवाज़ से संवेदनशीलता जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह समस्या आनुवंशिक, हार्मोनल बदलाव, अनियमित खानपान या तनाव के कारण हो सकती है। इस लेख में हम विस्तार से माइग्रेन के प्रकार, लक्षण, कारण और घरेलू इलाज पर चर्चा करेंगे। माइग्रेन

आयुर्वेदिक डॉ.रोहित गुप्ता

माइग्रेन क्या होता है ?

माइग्रेन एक तेज सिरदर्द से भी कहीं अधिक है, इसे हाल ही में तंत्रिका मार्गों और मस्तिष्क रसायनों से जुड़े एक न्यूरोलॉजिकल विकार के रूप में पहचाना गया है।

माइग्रेन के लक्षण

माइग्रेन का अनुभव अलग-अलग तरह से होता है , यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन इससे गुजर रहा है, लक्षणों की एक सूची

मूड का बदलना
कब्ज
थकान
बार-बार उबासी आना
सिरदर्द और गर्दन में अकड़न
प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
मतली एवं उल्टी

माइग्रेन के कारण

माइग्रेन के लिए संभावित फ़ूड ट्रिगर क्या हैं?

अपने भोजन के ट्रिगर्स को निर्धारित करने का सबसे अच्छा तरीका एक न्यूट्रिशनिस्ट के साथ मिलकर काम करना है जो विशेषज्ञता के साथ आपका मार्गदर्शन कर सकता है,

कुछ सामान्य फ़ूड ट्रिगर हैं

सॉल्टी, प्रोसेस्ड फ़ूड
अल्कोहल
कैफ़ीन
डेरी प्रोडक्ट
सोया सॉस
चॉकलेट
कम पानी
histamine रिलीज़िंग फ़ूड जैसे केला, संतरा , बैरीज

अन्य ट्रिगर

तनाव

काम या घर पर तनाव माइग्रेन का कारण बन सकता है।

अनियमित भोजन का समय

लंबे समय तक भोजन का अंतराल या भोजन छोड़ना, मसालेदार भोजन करना ये सभी माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं।

अनियमित नींद का पैटर्न

बहुत कम सोना या अधिक सोना कुछ लोगों में माइग्रेन का कारण बन सकता है।

मैग्नीशियम की कमी

मैग्नीशियम न्यूरोट्रांसमिशन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह माइग्रेन के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है और माइग्रेन के लिए एक प्राकृतिक उपचार है।

कुछ लोगों में माइग्रेन का कारण मैग्नीशियम की कमी हो सकती है।

महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन।
एस्ट्रोजन में उतार-चढ़ाव, जैसे मासिक धर्म से पहले/उस दौरान, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति, कई महिलाओं में सिरदर्द का कारण बनते हैं।
Oral गर्भ निरोधकों जैसी हार्मोनल दवाएं भी माइग्रेन को खराब कर सकती हैं।

lifestyle एवं food मैनेजमेंट, निष्कर्ष

माइग्रेन का दर्द व्यक्ति के लिए अनोखा होता है, इसलिए अपने स्वयं के भोजन ट्रिगर और अपनी जीवनशैली में उन चीजों को ढूंढना अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं और रोकथाम के लिए प्रबंधन कर सकते हैं।


माइग्रेन MIGRAINE

आज के इस दौर में हमें कई तरह की बीमारियों के बारे में सुनने को मिल रहा है। उन्हीं में से एक है माइग्रेन या अधकपारी। आपने सिरदर्द के बारे में तो सुना ही होगा। मुमकिन है कि आपने अनुभव भी किया होगा। माइग्रेन एक ऐसी अवस्था है जिसमें इंसान को बार-बार गंभीर सिरदर्द का अहसास होता है। आमतौर पर इसका प्रभाव आधे सिर में देखने को मिलता है और दर्द आता-जाता रहता है। हांलाकि कई लोगों में यह दर्द पूरे सिर में भी होता है। माइग्रेन साधारण सिरदर्द से हटकर एक विशेष तरह का सिरदर्द है और इससे पूरी दुनिया में कई लोग पीड़ित हैं। ऐसा हो सकता है कि लोग इसे आम सिरदर्द समझकर नज़रअंदाज कर दें। लेकिन ध्यान रहे, अगर आपको बार-बार इस तरह का दर्द होता है तो आप ज़रूर किसी अच्छे डाॅक्टर से सलाह लें।

माइग्रेन से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदु..

1 इस तरह की परेशानी पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में ज़्यादा देखने को मिलती है। इसके अलावा यह बीमारी बच्चों में भी पाई जाती है।

2 आमतौर पर इसका असर कुछ घंटों तक होता है लेकिन यह कुछ दिन तक भी रह सकता है।

3 काफी लोगों में उम्र बढ़ने के साथ ही इसका प्रभाव कम होने लग जाता है।…..

माइग्रेन के प्रकार

माइग्रेन भी विभिन्न प्रकार का होता है।

1. दृष्टि संबंधी माइग्रेन-इसे आप क्लासिकल माइग्रेन के नाम से भी समझ सकते हैं। ऐसी अवस्था में आंखों से संबंधित परेशानियां, जैसे रोशनी में चकाचैंध या रोशनी में काले धब्बे की दिक्कतें आ सकती हैं।

2. दृष्टि रहित माइग्रेन--इस तरह के माइग्रेन को काॅमन माइग्रेन भी कहा जाता है। तेज़ सिरदर्द के साथ ही लोगों को कुछ परेशानियां होती हैं, जैसे कि उल्टी आना, मूड स्विंग, आदि।

3. क्राॅनिक माइग्रेन- इस तरह के माइग्रेन की शिकायत उन लोगों में ज़्यादा पाई जाती है जो दवाईयों का अधिक सेवन करते हैं। क्राॅनिक माइग्रेन को मिश्रित सिरदर्द भी कहा जाता है क्योंकि इसमें माइग्रेन और तनावपूर्ण सिरदर्द के टिशू की उपस्थिति होती है

4. ऑप्टिकल माइग्रेन- इसे आई माइग्रेन के नाम से भी जाना जाता है जिसका किसी एक आंख पर असर दिखाई देता है। इस तरह के माइग्रेन में आंख खराब होने की आशंका रहती है। इसलिए ज़रूरी है कि जल्द से जल्द मेडिकल सहायता ली जाए।

सिरदर्द और माइग्रेन में अंतर-

कई बार हमें हल्के से मध्यम रूपी सिरदर्द होता है। इसकी वजह है सिर और गर्दन के बीच की मांसपेशियों का संकुचन। सामान्य तौर पर सिरदर्द कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक रह सकता है। कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जहां इंसान को कई दिनों तक भी सिरदर्द की परेशानी रहती है। लेकिन अगर बात की जाए माइग्रेन की, इसका असर मध्यम से लेकर गंभीर होता है। कभी-कभी तो इसका असर इतना बढ़ जाता है कि इंसान कुछ समय के लिए अपना दैनिक कार्य भी ढंग से नहीं कर पाता। जब किसी को सिरदर्द की समस्या होती है, तो उसके साथ कोई चेतावनी के संकेत नहीं होते हैं। वहीं दूसरी ओर, माइग्रेन में औरा जैसे कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसा कम ही होता है कि नींद के दौरान आपको साधारण सिरदर्द हो, लेकिन अगर बात की जाए माइग्रेन की, तो यह आमतौर पर नींद के दौरान ही शुरू होता है।

♦️माइग्रेन के लक्षण…♦️

1 दृष्टि संबंधी परेशानियां होना (विजुअल डिस्टरबेंस)

2 बोलने में परेशानी होना

3 चक्कर आना या असंतुलित महसूस करना

4 जी मचलाना

5 उल्टी होना

6 चिड़चिड़ापन, गुस्सा होना

7 लो ब्लड प्रेशर

8 आवाज़ से परेशान होना

9 गर्दन में अकड़न होना

10 ज़्यादा प्यास लगना

11 बार-बार पेशाब आना

12 भूख लगना

13 कब्ज़ का होना

♦️माइग्रेन के कारण♦️

माइग्रेन के दौरान इंसान के खून की नलियां (ब्लड वैसल्स) फैल जाती हैं और उसके पश्चात् उनमें कुछ खास तरह के केमिकल्स का स्त्राव होता है। इस तरह के केमिकल्स तांत्रिका रेशों (नर्व फाइबर्स) की वजह से होने वाले दबाव के कारण उत्पन्न होते हैं। जब सिरदर्द की अनुभूति होती है और उस दौरान कोई आर्टरी या खून की नली फैल जाती है तो इससे तांत्रिका रेशों पर दबाव पड़ता है। इस दबाव के कारण केमिकल निकलते हैं जिस वजह से खून की नलियों में दर्द, सूजन और फैलाव होने लगता है। इन कारणों से इंसान को बहुत तेज़ सिर में दर्द होने लगता है।
याद रहें, इन कारणों से आपको माइग्रेन की समस्या हो सकती है।

  1. टेंशन
  2. तेज़ आवाज़
  3. तेज़ रोशनी
  4. तेज सुगंध
  5. एलर्जी
  6. धुआं
  7. सोने में अनियमितता
  8. एल्कोहोल का सेवन
  9. हाॅर्मोनल चेंज
  10. बर्थ कंट्रोल पिल्स
  11. अनियमित पीरियड्स
  12. थकावट
  13. दवाईयों का अत्यधिक सेवन

माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पाने के 10 रामबाण घरेलू नुस्खे और उपाय

माइग्रेन सिर दर्द का रोग है जो सिर के आधे हिस्से में होता इसलिए इस बीमारी को आधा सीसी के दर्द से भी जानते है। माइग्रेन का दर्द कोई आम headache नहीं, ये दर्द सिर के किसी भी एक भाग में बहुत तेज होता है जो इतना पीड़ा देने वाला होता है की मरीज ना तो चैन से सो पता है और न ही आराम से बैठ पता है। Head pain होने के बाद जब उल्टी भी आने लगे तब ये और भी भयानक बन जाता है। कुछ घंटो से कुछ दिनों तक माइग्रेन का दर्द रह सकता है।

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हर रोज दिन में 2 बार गाय के देसी घी की दो – दो बूँदें नाक में डालें। इससे माइग्रेन में आराम मिलता है।

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तेल को हल्का गर्म कर ले और माइग्रेन का दर्द सिर के जिस हिस्से में हो वहां पर हल्के हाथों से मालिश करवाये। हेड मसाज के साथ साथ कंधो, गर्दन, पैरों और हाथों की भी मालिश करे।

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सुबह खाली पेट सेब खाये। माइग्रेन से छुटकारा पाने में ये उपाय काफी असरदार है।

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माइग्रेन अटैक आने पर मरीज को बेड पर लेट दे और उसके सिर को बेड के नीचे की और लटका दे। सिर के जिस भाग में दर्द है अब उस तरफ की नाक में कुछ बूंदे सरसों के तेल की डाले और रोगी को ज़ोर से सांसों को उपर की और खींचने को कहें। इस घरेलू उपाय को करने पर कुछ ही देर में सिर दर्द कम होने लगेगा।

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घी और कपूर का इस्तेमाल करे। थोड़ा सा कपूर गाय के देसी घी में मिलाकर सिर पर हल्की हल्की मालिश करने पर head pain से relief मिलता है।

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माइग्रेन के इलाज में कुछ लोगों को ठंडी चीज़ से आराम मिलता है और कुछ को गरम से। अगर आपको गरम से आराम मिलता है है तो गरम पानी प्रयोग करे और ठंडे से आराम मिलता है ठंडे पानी में तोलिये को भिगो कर कुछ देर दर्द वाले भाग पर रखे। कुछ देर में ही माइग्रेन से राहत मिलने लगेगी।

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नींबू के छिलके पीस कर पैस्ट बना ले और इसे माथे पर लगाए। इस उपाय से भी आधा सीसी सिर दर्द की समस्या से जल्दी निजात मिलती है।

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बंदगोभी की पत्तियां पीसकर उसका पैस्ट माथे पर लगाने से भी आराम मिलता है।

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माइग्रेन की बीमारी में पानी जादा पिए। आप चाय का सेवन भी कर सकते है।

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जब भी माइग्रेन हो आप किसी खाली रूम में बेड पर लेट जाए और सोने का प्रयास करे।

माइग्रेन के उपाय और बचने के टिप्स

माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को कभी भी इसका अटैक पड़ सकता है इसलिए ज़रूरी है की माइग्रेन से बचने के लिए उपाय किये जाये।

तेज धूप होने पर में बाहर निकलने से बचे।

किसी भी तरह के सिर दर्द को हल्के में ना ले।
तेज गंध वाले सेंट और इत्र लगाने से परहेज करे।
जहाँ रोशनी कम हो उस जगह कोई भी बारीक काम ना करे।
ज़रूरत से अधिक सोना या कम नींद लेने पर भी माइग्रेन बढ़ सकता है।
कभी भी भूखे ना रहे। माइग्रेन के मरीज को अधिक समय तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए।
हर रोज 12 – 15 गिलास पानी पिए। रात को तांबे के बर्तन में पानी रखे और सुबह इसे खाली पेट पिए।
टीवी देखना हो या कंप्यूटर चलना हो जादा पास ना बैठे और मोबाइल पर अधिक समय तक काम ना करे। माइग्रेन