SC/ST की तरह OBC आरक्षण क्रीमी लेयर मुक्त हो-निषाद

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SC/ST की तरह OBC आरक्षण क्रीमी लेयर मुक्त हो-निषाद
SC/ST की तरह OBC आरक्षण क्रीमी लेयर मुक्त हो-निषाद

ओबीसी की जाति जनगणना कराने व 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की मांग। एससी,एसटी की तरह ओबीसी आरक्षण क्रीमी लेयर मुक्त हो-लौटन राम निषाद SC,ST की तरह OBC आरक्षण क्रीमी लेयर मुक्त हो-निषाद

लखनऊ। भारतीय ओबीसी महासभा का प्रतिनिधि सम्मेलन मोहनलालगंज क्षेत्रांतर्गत समेसी में शिवदयाल गोङिया के संयोजकत्व व राजेंद्र लोधी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। जिसमें ओबीसी की जातिगत जनगणना कराने एवं 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा की बाध्यता को खत्म करने की माँग उठीं। बतौर मुख्य अतिथि सम्मेलन को सम्बोधित करते हुये राष्ट्रीय प्रवक्ता लौटन राम निषाद ने ओबीसी आरक्षण में असंवैधानिक क्रीमी लेयर लगाए जाने को गलत बताते हुए एससी /एसटी की भाँति ओबीसी आरक्षण को क्रीमी लेयर की बाध्यता से मुक्त करने एवं एससी/एसटी की तरह हर स्तर पर समानुपातिक कोटा देने की माँग किया। जातिगत जनगणना को संवैधानिक मुद्दा बताते हुए कहा कि जब एससी, एसटी, धार्मिक अल्पसंख्यक (मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी,रेसलर),दिव्यांग के साथ साथ भाषा आधारित गिनती करायी जाती है तो ओबीसी की जातिगत जनगणना क्यों नहीं….?

सरकारें कछुआ, डॉल्फिन,शेर,भालू,बन्दर,चीता, घड़ियाल,मगरमच्छ आदि एवं जानवरों की गिनती कराती हैं तो ओबीसी का आँकड़ा इकट्ठा करने में कौन सी राष्ट्रीय क्षति हो जाएगी। जनकल्याणकारी योजना व नीति बनाने के लिए जातिगत वर्गगत आँकड़े आवश्यक हैं। प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि एससी,एसटी को शुरू से कार्यपालिका,विधायिका,पदोन्नति में समानुपातिक कोटा की व्यवस्था है तो ओबीसी को भी संविधान के अनुच्छेद-15(4), 16(4),16(4-1) के तहत समानुपातिक कोटा मिलना चाहिए। उच्चतम न्यायालय के निर्णय कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता,के कारण मण्डल कमीशन ने 52 फीसदी ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा की सिफारिश किया। उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत कोटा देने के बाद जब 50 प्रतिशत की सीलिंग टूट गयी है तो ओबीसी का कोटा विस्तारित क्यों नहीं किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 330 एवं 332 में संविधान संशोधन कर ओबीसी को भी विधानसभा व लोकसभा की सीटें आरक्षित की जानी चाहिए। उन्होंने कोलेजियएम खत्म कर यूपीएससी,पीएससी पैटर्न की प्रतियोगी परीक्षा भारतीय न्यायिक सेवा चयन आयोग द्वारा किए जाने की मांग करते हुए उच्च न्यायपालिका में वंचित वर्ग का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की माँग की।

डॉ. कंचन यादव ने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय,केन्द्रीय संस्थानों में दाखिला व नौकरियों में हर हाल में 27 प्रतिशत कोटा दिया जाना चाहिए। केन्द्रीय सचिव स्तर के पदों एवं केन्द्रीय संस्थानों में ओबीसी का प्रतिनिधित्व नगण्य है। उन्होंने कहा कि ओबीसी, एससी, एसटी को हर स्तर पर कोटा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने लोक सेवा आयोग, संघ लोक सेवा आयोग आदि भर्तियों में वर्ग वार साक्षात्कार न कराकर मेरिट के आधार पर वीडियो लाइव कर किया जाना चाहिए ताकि साक्षात्कार में पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने अनारक्षित,ईडब्ल्यूएस,
ओबीसी, एससी, एसटी की कट ऑफ मेरिट क्रमश: घटते क्रम में बनाये जाने को न्यायोचित बताया।

प्रतिनिधि सम्मेलन को आकांक्षा वर्मा,सुनील कुमार निषाद, अनुराग यादव, रमेश ठाकुर, धर्मेन्द्र राजपूत, रविन्द्र लोधी, सत्येंद्र शर्मा, भानू प्रताप विश्वकर्मा, चन्दन सहनी, रश्मि पटेल, दीपांशी गुप्ता, किरन जायसवाल, हरिशंकर पटेल, विश्वनाथ प्रजापति,जनक बहादुर गौड़, दिनेश विश्वकर्मा,राजेश चौहान,मंजू मौर्य, शिवशंकर सबिता,रंजना सचान,विवेक चौरसिया, शालिनी साहू, मयंक पाल, धर्मेन्द्र कश्यप, राघवेंद्र राजपूत, मानस सैनी आदि ने भी अपना सुझाव रखते हुए मण्डल सामाजिक न्याय यात्रा निकालने व ओबीसी के समानुपातिक कोटा के बाद ओबीसी, ईबीसी,एमबीसी में आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, बिहार, हरियाणा, तेलंगाना की तर्ज पर ओबीसी के वर्गीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। SC,ST की तरह OBC आरक्षण क्रीमी लेयर मुक्त हो-निषाद