
हृदयनारायण दीक्षित का जन्म ग्राम लउवा जिला उन्नाव उत्तरप्रदेश में हुआ था। इनकी शिक्षा एम.ए. अर्थशास्त्र है। हृदयनारायण दीक्षित का सार्वजनिक जीवन इस जीवन इस प्रकार है।उत्तरप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित साहित्यकार, पत्रकार व कुशल राजनीतिज्ञ हैं। उनके जीवन की यात्रा काफी उतार-चढ़ाव वाली रही है। प्रदेश सरकार में संसदीय कार्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री रह चुके दीक्षित उन्नाव में भाजपा के जिला अध्यक्ष से पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य, मुख्य प्रवक्ता और अन्य कई मोर्चों व प्रकोष्ठों में भी अलग-अलग पदों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
हृदयनाराण दीक्षित…पूर्व विधानसभा अध्यक्ष
जन्म: ग्राम लउवा जिला उन्नाव उ0प्र0 में।
शिक्षा: एम0ए0 अर्थशास्त्र
सार्वजनिक जीवन
जिला परिषद उन्नाव के सदस्य 1972,आपतकाल 1975-1977 में जेल 19 माह उन्नाव जनपद में पुलिस व प्रशासनिक अत्याचार, स्थानीय, प्रदेशीय समस्याओं को लेकर लगातार आन्दोलन, पदयात्राएं, जनअभियान भारतीय आदर्श ऐंग्लो संस्कृति इण्टर कालेज पुरवा उन्नाव के प्रबंधक 1981 से अब तक।पं0 दीनदयाल उपाध्याय कन्या इंटर कालेज मवई, उन्नाव – संस्थापक/प्रबंधक उत्तर प्रदेश की सत्रहवीं विधानसभा के अध्यक्ष रहे।उत्तर प्रदेश की नौंवी, दसवीं, ग्यारहवीं, बारहवीं तथा सत्रहवीं 5 बार विधानसभा के सदस्य रहे।एक बार उ0प्र0 विधान परिषद के सदस्य रहे 2010-2016।राज्य विधानमण्डल की प्राक्कलन समिति के सभापति रहे।राज्य विधानमण्डल की सार्वजनिक उपक्रम समिति के सभापति रहे।पंचायती राजमंत्री/संसदीय कार्यमंत्री रहे।
भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य रहे।भारतीय जनता पार्टी, उन्नाव के जिलाध्यक्ष रहे।भारतीय जनता पार्टी, उ0प्र0 के उपाध्यक्ष रहे।भारतीय जनता पार्टी, उ0प्र0 के प्रवक्ता रहे।
सम्मान
हृदयनारायण दीक्षित और उनकी पत्रकारिता पर शोध तथा पी0एच0डी0। मध्य प्रदेश सरकार ने ‘गणेश शंकर विद्यार्थी’ पुरस्कार से सम्मानित किया डाॅ0 हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान – कुमारसभा पुस्तकालय कोलकाता। मध्य भारतीय हिन्दी साहित्य सभा मध्य प्रदेश द्वारा ‘राष्ट्रीय साहित्य सर्जक सम्मान’। राष्ट्रधर्म का ‘भानु प्रताप शुक्ल पत्रकारिता सम्मान’। राजस्थान के छोटी खाटू पुस्तकालय का ‘दीनदयाल उपाध्याय’ सम्मान।
पत्रकारिता
कालचिंतन पत्रिका के संस्थापक/सम्पादक 1978 से 2004 तक।राष्ट्रधर्म, पांचजन्य व राष्ट्रवादी विचार की विभिन्न पत्रिकाओं में लेखन।दैनिक जागरण में 25 वर्ष से नियमित स्तम्भ लेखन।स्वतंत्र भारत, राष्ट्रीय स्वरूप, डेली न्यूज ऐक्टिविस्ट, स्वदेश, नई दुनिया, सामनामुम्बईख् जनसंदेश में नियमित साप्ताहिक स्तम्भ।विभिन्न दैनिक पत्रों, पत्रिकाओं में लेखन।अब तक 6 हजार आलेख प्रकाशित।
साहित्य
हृदयनारायण दीक्षित रचनावली के0एल0 पचैरी प्रकाशन, लोनी, गाजियाबाद।अब तक लिखे गये सभी निबन्धों व पुस्तकों का संकलन।ऋग्वेद का परिचय वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली।ऋग्वैदिक समाज के सामाजिक दार्शनिक तत्वों का विवेचन, विश्लेषण।अथर्ववेद का मधु वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली।अथर्ववेद के रचनाकाल के समय राष्ट्रजीवन के सभी पहलुओं पर वैदिक दृष्टि का अध्ययन।ज्ञान का ज्ञान वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली।ज्ञान मीमांसा और चार प्रमुख उपनिषदों का भाष्य।नाचता अध्यात्म वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली।भारतीय अध्यात्म का आनंदपूर्ण विवेचन।मधुअभिलाषा अनामिका प्रकाशन, प्रयाग।वैदिक समाज की मधुमय अभिलाषा।हम भारत के लोग अनामिका प्रकाशन, प्रयाग।प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुके आलेखों का संकलन।हम भारतवासी अनामिका प्रकाशन, प्रयाग।प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुके आलेखों का संकलन।हिन्द स्वराज का पुनर्पाठ अनामिका प्रकाशन, प्रयाग।महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई पुस्तक हिन्द स्वराज का आधुनिक संदर्भ में विवेचन।
विश्लेषण
ऋग्वेद और डा0 रामबिलास शर्मा। शिल्पायन प्रकाशन दिल्ली।ऋग्वेदकालीन समाज, संस्कृति, सभ्यता, अर्थव्यवस्था आदि विषयों पर हिन्दी के मूर्धन्य। आलोचक डाॅ0 रामविलास शर्मा की दृष्टि का आलोचनात्मक अध्ययन। मधुविद्या वी0एल0 मीडिया सोल्यूशन्स, दिल्ली। वैदिक समाज और दर्शन की अनुभूतियों पर आधारित निबंध। मधुरसा – सान्ध्यि प्रकाशन, शाहदरा दिल्ली। वैदिक संस्कृति विषयक ललित निबंध। सांस्कृतिक राष्टंदर्शन। शिल्पायन प्रकाशन दिल्ली। भारतीय राष्ट्रभाव के मूलस्रोत, राष्ट्रभाव का विकास, राष्ट्रभाव और राष्ट्रीय एकता के बाधक तत्वों का विवेचन। वैदिककाल से लेकर अब तक के सांस्कृतिक राष्ट्रभाव का दर्शन।
दिग्दर्शन
भारतीय संस्कृति की भूमिका। विश्वविद्यालय प्रकाशन वाराणसी।भारतीय संस्कृति दर्शन का परिचय। भारतीय संस्कृति के मूलस्रोत ऋग्वेद और उसके पहले के समाज का अध्ययन। ऋग्वेद के परवर्ती वांग्मय अथर्ववेद, ब्राह्मण उपनिषद्, महाभारत-गीता आदि के संस्कृति तत्वों का विवेचन। भारतीय संस्कृति के प्रवाह से जुड़ी संस्थाओं का अध्ययन।
भगवद्गीता लोकहित प्रकाशन, लखनऊ। गीता के प्रत्येक श्लोक को ऋग्वेद से लेकर उत्तरवैदिक काल होते हुए आधुनिक संदर्भाो तक समझने का प्रयास। गीता के मुख्य विषयों पर अलग से 9 स्वतंत्र अध्याय। सांस्कृतिक अनुभूति राजनीतिक प्रतीति। विश्वविद्यालय प्रकाशन वाराणसी।सांस्कृतिक अनुभूति से जुड़ी राजनीति और संस्कृतिविहीन राजनीति के सरोकारों से जुड़े। निबंधो का संकलन।भारतीय समाज राजनैतिक संक्रमण। विश्वविद्यालय प्रकाशन वाराणसी। आधुनिक राजनीति का विवेचन और समाज पर उसके प्रभाव से जुड़े विश्लेषण पर लिखे गये निबंधों का संकलन। जम्बूद्वीपे भरतखण्डे। लोकहित प्रकाशन, लखनऊ। विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित राष्ट्रवाद, अल्पसंख्यकवाद और दुनिया के मूलभूत प्रश्नों से जुड़े लेखो का संकलन। संविधान के सामन्त। पुस्तक पथ, वाराणसी। दैनिक जागरण में प्रकाशित संवैधानिक संस्थाओं के अपमान से जुड़े लेखो का संकलन। पं0 दीनदयाल उपाध्याय दर्शन, अर्थनीति, राजनीति। पुस्तकपथ प्रकाशन, दिल्ली।ऋग्वेद से लेकर शंकराचार्य तक के दर्शन व उपाध्याय जी के एकात्म मानव दर्शन का अध्ययन। अथर्ववेद, महाभारत और कौटिल्य से होते हुए उपाध्याय जी की अर्थनीति का अध्ययन। महाभारत, कौटिल्य और गांधी से होते हुए उपाध्याय जी की राजनीति का अध्ययन। तत्वदर्शी पं0 दीनदयाल उपाध्याय। पं0 दीनदयाल उपाध्याय प्रकाशन लखनऊ पं0 दीनदयाल उपाध्याय का जीवन, राजनीति और अर्थदर्शन। भारत के वैभव का दीनदयाल मार्ग। प्रकाशक-सूचना विभाग उ0प्र0। पं0 दीनदयाल उपाध्याय का जीवनवृत्त और भारत के समग्र वैभव से जुड़े प्रश्न। पं0 दीनदयाल उपाध्याय, द्रष्टा, दृष्टि, दर्शन अनामिका प्रकाशन, प्रयाग श्रीराम आस्था और इतिहास। श्रीराम भारत की आस्था और भारतीय इतिहास के नायक। अम्बेडकर का मतलब। पं0 दीनदयाल उपाध्याय प्रकाशन लखनऊ।डाॅ0 अम्बेडकर के जीवन से जुड़े तमाम सामाजिक, राजनैतिक सरोकारों पर लिखे गये निबंधों का संकलन राष्टं सर्वोपरि – लोकहित प्रकाशन लखनऊ। दैनिक जागरण में प्रकाशित राजनीतिक निबंधों का संकलन।भारत की राजनीति का चारित्रिक संकट। हंसवाहिनी प्रकाशन, इलाहाबाद। विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित भारतीय राजनीति के अंतर्विरोधों से जुड़े निबंधों का संकलन।
सुवासित पुष्प,श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संसदीय भाषणों का संकलन सम्पादन राष्ट्राय स्वाहा मनसा पब्लिकेशन्स, लखनऊ।दैनिक जागरण में प्रकाशित आतंकवाद से जुड़े निबंधों का संकलन व भारतीय राष्टंवाद का उद्भव, विकास। भारतीय अनुभूति का विवेकानंद विश्व भारती प्रकाशन इलाहाबाद। स्वामी विवेकानंद के दर्शन और अनुभूति पर भाष्य अंग्रेजी साहित्य,भारत के लोगों की सोचने की दृष्टि गीता के सभी अध्याय का आधुनिक भाष्य व गीता के संदर्भो में 14 स्वतंत्र अध्याय।
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की पुरस्कार समिति ने मुझे अटल बिहारी वाजपेयी साहित्य सम्मान से पुरुस्कृत करने का निर्णय लिया है। भारत रत्न अटल जी के नाम पर सम्मानित होना मेरे लिए गौरव का विषय है। मैं भारतीय दर्शन, संस्कृति, धर्म आदि विषयों पर लिखता रहा हूँ। मेरी लगभग 32 किताबें, विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 12000 आलेख प्रकाशित हो चुके है। मेरी पत्रकारिता और लेखन पर पी०एच०डी० हो चुकी है। मेरी अब तक की पूरी लेखनीय पर सम्पूर्ण वांग्मय भी प्रकाशित हो चूका है। आज मेरे लिए अपार हर्ष का विषय है। मैं पुरूस्कार समिति के अध्यक्ष सदानन्द जी सहित समिति के सभी सदस्यों को ह्रदय से धन्यवाद देता हूँ। मेरे पूरे जीवन के परिश्रम का सम्मान है। मुझे पहले भी कई पुरूस्कार मिले लेकिन अटल जी के नाम से पुरुस्कृत होकर मैं अभिभूत हूँ।