कृषि आजीविका सखी बनेंगी लखपति दीदी

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कृषि आजीविका सखी बनेंगी लखपति दीदी
कृषि आजीविका सखी बनेंगी लखपति दीदी

कृषि आजीविका सखी के रूप में काम करके समूहों की महिलाएं बनेंगी लखपति दीदी। कृषि आजीविका सखी बनेंगी लखपति दीदी

लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में उत्तर प्रदेश लखपति महिला योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को विभिन्न आजीविका संवर्धन क्रियाकलापों से जोड़कर उन्हें लखपति बनाने के गम्भीर व सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की सोच व विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश में लखपति महिला योजना को सफल बनाने का कार्य राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की लखपति महिला योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन 30 लाख स्वयं सहायता समूह की सदस्यों की वार्षिक पारिवारिक आय को एक लाख से अधिक करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा विभिन्न श्रेणियों में विभिन्न क्रियाकलाप किये जा रहे हैं , इसी कड़ी में कृषि प्रथाओं को प्राकृतिक एवं जैविक खेती की ओर उन्मुख करने के उद्देश्य से कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षित करने का कार्य किया जा रहा है,इन उद्देश्यों को पूर्ण करने हेतु प्राकृतिक / जैविक खेती / कृषि पारिस्थितिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।इसके तहत कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षित किया जाना है। प्रदेश मे प्राकृतिक खेती के लिए लगभग 10 हजार कृषि सखियों को प्रशिक्षित करने के लक्ष्य के सापेक्ष 8157 कृषि सखियों के प्रशिक्षण कार्य पूर्ण किया गया है।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यू0पी0एस0आर0एल0एम0) द्वारा दीनदयाल अन्त्योदय योजना (डे–एन0आर0एल0एम0) के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूह सदस्यों में से चयनित ऐसे सदस्य जिनकी आयु 21 वर्ष से 45 वर्ष तक हो एवं जो कृषि से संबंधित कार्यों का अनुभव एवं रुचि रखती हो एवं उत्पादन के क्षेत्र में सबसे अच्छी किसान हों, उनमें उनके कार्यों के प्रचार प्रसार हेतु न्यूनतम आवश्यक शैक्षणिक योग्यता हो एवं उनके और निकटवर्ती ग्राम में स्थानीय भ्रमण करने हेतु कोई बाधा नहीं हो, का चयन कृषि आजीविका सखी के रूप में किया जाता है। कृषि सखियों द्वारा संगठन निर्माण (प्रोड्यूसर ग्रुप, प्रोड्यूसर इंटर प्राइज आदि), कृषि आधारित आजीविका से जुड़े कार्य, अनुश्रवण, के कार्य उनके सामुदायिक कैडर के रूप में चयनित करते हुए प्रशिक्षण के उपरान्त सम्पादित किये जाते हैं।

डे–एन0आर0एल0एम0 की कृषि सखियों को कृषि, उद्यान, सूक्ष्म सिंचाई, रेशम विभाग/ निदेशालय को अपने कार्यक्रम विस्तार हेतु पैरा प्रोफेशनल के रूप में समेकित करते हुए प्राथमिकता के आधार पर विभागान्तर्गत कार्यक्रम विस्तार, प्रचार प्रसार, लाभार्थी जोड़ने के कार्य, एवं विभाग के कार्यक्रमों के लक्षित ग्रामीणों के प्रशिक्षण के कार्य आवंटित किये जायेंगे। संबंधित विभाग कार्य आवंटन के आधार पर उनके द्वारा निर्धारित मानदेय प्रदान करेंगे एवं सम्बन्धित विभाग कृषि सखियों को प्राथमिकता के आधार पर अपने कार्यक्रमों के अंतर्गत लाभार्थी के रूप में चयन करेंगे । इसी प्रकार डे–एन0आर0एल0एम0 के अंतर्गत उन स्वयं सहायता समूह के सदस्य जो कृषि आधारित आजीविका से जुड़े हों उनको सम्मिलित करते हुए कृषि मूल्य श्रृंखला के विकास में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के विकास में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं में प्राथमिकता के आधार पर चयन किया जाना/लाभान्वित किया जाना अनिवार्य होगा। विभिन्न विभागों द्वारा आजीविका मिशन के तहत कृषि सखियों को कृषि विस्तार के कार्यों एवं विभाग की योजनाओं में प्राथमिकता के आधार पर लाभार्थी बनाया जायेगा। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती / जैविक खेती को बढ़ावा मिले एवं स्वयं सहायता समूह केभि सदस्य परिवारों की स्तत रूप से आय वृद्धि हो सके। कृषि आजीविका सखी बनेंगी लखपति दीदी