महिला पत्रकार मिताली को लेकर पत्रकारों में आक्रोश

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महिला पत्रकार मिताली को लेकर पत्रकारों में आक्रोश
महिला पत्रकार मिताली को लेकर पत्रकारों में आक्रोश
अनिल साहू

महिला पत्रकार मिताली रस्तोगी के मामले को लेकर भारतीय पत्रकार सुरक्षा कवच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरिक्ष तिवारी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को भेजा गया ज्ञापन, पत्रकारों में आक्रोश। महिला पत्रकार मिताली को लेकर पत्रकारों में आक्रोश

अयोध्या/रुदौली। महिला पत्रकार मिताली रस्तोगी और उनके परिवार पर हुए हमले को लेकर पत्रकारों में भारी आक्रोश है। इस मामले में अयोध्या पुलिस प्रशासन द्वारा अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी न किए जाने पर पत्रकारों ने सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार मिश्रा के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस दौरान भारतीय पत्रकार सुरक्षा कवच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरिक्ष तिवारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पत्रकार एकत्र हुए। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ एक महिला पत्रकार पर हमला नहीं है, बल्कि पूरी पत्रकारिता पर हमला है। प्रशासन की लापरवाही पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यदि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो पत्रकारों का यह आंदोलन और तेज होगा।”

उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि 24 घंटे के भीतर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजा गया, तो गांधी पार्क में बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि महिला पत्रकार और उनके बच्चों के साथ मारपीट और बदसलूकी की गई। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन पूरी तरह से निष्क्रिय बना हुआ है, जो पत्रकारों की सुरक्षा पर प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है।

जब अन्याय अपनी हदें पार कर जाए और कानून खामोश हो जाए, तो समाज में अराजकता पनपती है। अयोध्या में एक महिला पत्रकार मिताली रस्तोगी और उनके मासूम बच्चों पर निर्मम हमला हुआ, लेकिन अब तक अपराधी सलाखों के पीछे नहीं पहुंचे। एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी और उसके साथियों ने बेरहमी से मां और बच्चों को पीटा, लेकिन पुलिस आज भी आंखें मूंदे बैठी है। क्या कानून सिर्फ आम नागरिकों के लिए है, अराजक तत्वों के लिए नहीं? यह हमला किसी एक परिवार पर नहीं, बल्कि पूरे पत्रकारिता जगत और न्याय प्रणाली पर सीधा प्रहार है।

वरिष्ठ पत्रकारों की प्रतिक्रियाएँ:

वरिष्ठ पत्रकार अजय श्रीवास्तव ने कहा, “पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर पुलिस का रवैया निराशाजनक है। हम निष्पक्ष पत्रकारिता करते हैं और हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।”

वरिष्ठ पत्रकार अशोक तिवारी ने कहा, “इस मामले में प्रशासन की लापरवाही से साफ है कि पत्रकारों की आवाज दबाने की कोशिश हो रही है, जिसे हम किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

शंकर श्रीवास्तव सत ने कहा, “पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार को ठोस नीति बनानी चाहिए। यह हमला सिर्फ एक पत्रकार पर नहीं, बल्कि पूरी पत्रकारिता पर हमला है।”

रवि मौर्य सत ने कहा, “महिला पत्रकार और उनके परिवार पर हमला निंदनीय है। हम जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हैं।”

राकेश तिवारी सत ने कहा, “अगर प्रशासन 24 घंटे के भीतर सख्त कार्रवाई नहीं करता तो पत्रकार सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।”

संजय यादव सत ने कहा, “जब तक पत्रकार सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक लोकतंत्र भी सुरक्षित नहीं रहेगा। हम इस मामले को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।”

मुख्यमंत्री के आदेशों की खुलेआम अवहेलनाउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार पत्रकारों की सुरक्षा और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की बात कहते हैं। लेकिन अयोध्या पुलिस ने इन आदेशों को ताक पर रख दिया है।

अन्य राज्यों से भी समर्थन

इस घटना को लेकर अन्य राज्यों के पत्रकार संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।

अयोध्या में पत्रकारों का प्रदर्शन

अयोध्या में आज बड़ी संख्या में पत्रकार सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर एकत्र हुए और ज्ञापन सौंपा। प्रशासन को चेतावनी दी गई है कि अगर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो पत्रकार गांधी पार्क में अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे।इस दौरान भारतीय पत्रकार सुरक्षा कवच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरिक्ष तिवारी सहित तमाम पत्रकार आदि मौजूद रहे। महिला पत्रकार मिताली को लेकर पत्रकारों में आक्रोश