राजधानी की जिला जेल का सनसनीखेज मामला।न्याय पाने के लिए न्यायालय के शरण में गया विचाराधीन बन्दी।जेल के चक्रधिकारी ने किया बन्दी के साथ किया दुष्कर्म…..!
राकेश यादव
लखनऊ। राजधानी की जिला जेल में सर्किल अफसर के एक विचाराधीन बन्दी के साथ दुष्कर्म किये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। सर्किल अफसर ने नंबरदार बन्दियों की मदद से बन्दी के साथ दुष्कर्म किया। शिकायत करने पर बन्दी को जान से मारने की धमकी तक दी गयी। पीड़ित विचाराधीन बन्दी ने अपर जिला एवम सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायालय गैंगेस्टर लखनऊ को आवेदन पत्र देकर न्याय दिलाये जाने की गुहार लगाई है।
अधीक्षक के पूर्व करीबी हैं चक्राधिकारी- जिला जेल चक्र दो के चक्रधिकारी डिप्टी जेलर जेल अधीक्षक के बेहद करीबी है। उन्नाव जेल में दोनों एक साथ तैनात रहे है। बताया गया है फतेहगढ़ जेल पर तैनात इस डिप्टी जेलर को अपने प्रभाव से लखनऊ जेल पर तैनात कर लिया। तैनात करने के बाद उन्हें सर्किल दो के साथ कैंटीन जैसे कमाऊ प्रभार दिए गए। पहले इनके पास मुलाकात का भी प्रभार था। शिकायत के बाद मुलाकात से हटा दिया गया था। एक ही नहीं जेल के कई अधिकारी जो पूर्व में इनके साथ राह चुके है उन सभी को इसी जेल पर तैनात कर रखा गया है।
विशेष न्यायालय गैंगेस्टर कोर्ट को दिए गए आवेदन पत्र में विचाराधीन बन्दी करन कुमार गुप्ता पुत्र स्वर्ग.उमेश कुमार गुप्ता न्यायिक अभिरक्षा में लखनऊ जेल में निरुद्ध है। बन्दी करन कुमार गुप्ता ने कहा कि वह जेल के चक्र संख्या दो की बैरक संख्या 7/44 में निरुद्ध है। प्रार्थी के चक्राधिकारी सुधाकर राव गौतम है। बन्दी करन कुमार गुप्ता का आरोप है कि चक्रधिकारी ने जब से चक्र दो का प्रभार संभाला है वह उसको बुरी नज़र से देखते है। प्रार्थी जब सुबह सुबह चक्र से गिनती के लिए निकलता है तो वह बिना किसी कारण के उसको अपने पास बुला लेते है और अश्लील बातें करते हैं और कहते है कि यदि तुम्हे जेल में सुविधापूर्वक रहना है और घर वालों से रोजाना फ़ोन पर बात करनी है तुम्हे मुझसे और मेरे लम्बेरदारो के साथ दुष्कर्म करवाना पड़ेगा।
बन्दी करन कुमार गुप्ता का आरोप है कि बीती 26 जुलाई 2022 को एकबार फिर चक्रधिकारी कार्यालय बुलाया गया। जहाँ चक्र प्रभारी के अलावा लम्बरदार रंजीत व कलिंगा पहले से मौजूद थे। इन तीनों ने एक-एक कर मेरे साथ दुष्कर्म किया। मैं चीखता चिल्लाता रहा किन्तु मेरी किसी ने नहीं सुनी। मुझे धमकी दी गयी कि यदि तुमने इसकी शिकायत न्यायालय एवम प्रशासनिक अधिकारियों से की तो तुम्हे जेल में मार दिया जाएगा। पीड़ित ने न्यायालय से मामले को संज्ञान में लेकर दोषियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर सख्त कार्यवाही करने का आदेश पारित करने की कृपा करें।