जेलगेट बुक में लाइन छुड़वाकर मनमानी कर रहा जेलर। जेल वार्डर की शिकायत से विभागीय अफसरों में मची खलबली। जेल मुख्यालय में एक पटल पर जमें बाबूओं के खिलाफ नहीं हुई कोई कार्रवाई। जेलबुक में मनमानी कर रहा जेलर
आर. के. यादव
प्रदेश कारागार विभाग की अव्यवस्थाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। जेल मुख्यालय में बाबू की बेतरतीब तरीके से हुई तैनाती का मामला अभी सुलट भी नहीं पाया कि एक नया मामला प्रकाश में आ गया। प्रदेश में एक जेल अधिकारी जेेल गेटबुक में लाइन छुड़वाकर अपने मनमाफिक समय पर ड्यूटी पर आ रहे है। जेल अधिकारी की इस मनमानी का खुलासा एक जेलकर्मी के जनपद के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त और महानिदेशक कारागार को भेजी गई शिकायत से हुआ है। इस शिकायत से विभागीय अफसरों में खलबली मची हुई है। यह अलग बात है कि प्रभारी डीआईजी ऐसी किसी शिकायत से इनकार कर रहे हैं।
मामले की जांच कराई जाएगी-प्रभारी डीआईजी– आगरा जिला जेल में जेलर के जेलगेट बुक में लाइन छुड़वाने के प्रकरण पर जब आगरा केंद्रीय कारागार के वरिष्ठï अधीक्षक एवं प्रभारी डीआईजी राधाकृष्ण मिश्रा का कहना है कि ऐसी किसी शिकायत की फिलहाल उन्हें कोई जानकारी नहीं है। फिर भी मैं इस बारे में जानकारी करूंगा। उन्होंने बताया कि जेेलगेट बुक में लाइन छुड़वाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। यदि ऐसा किया जा रहा है तो दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामला आगरा जिला जेल से जुड़ा है। आगरा जेल में तैनात एक वार्डर ने तीन अधिकारियों को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि जेलर जेल गेट बुक में लाइन छुडवाकर जेल में प्रवेश करने को गैर कानूनी कार्य कर रहे हैं। विभागीय अधिकारी सब कुछ जानकर अंजान बने हुए। इस संबंध में आरटीआई के माध्यम से जेल अधीक्षक से जेलगेट बुक में लाइन छुडवाने की व्यवस्था के संबंध में जब जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने बताया कि जेलगेट बुक में लाइन छोडऩे का कोई प्रावधान ही नहीं है। जेल जेलगेट बुक से चलती है। इसमें प्रवेश करने और बाहर जाने वाले व्यक्ति की इंट्री होना आवश्यक होता है। शिकायत करने वाले वार्डर ने शिकायत के साथ ही जेलगेट बुक में छोड़ी गई लाइन की प्रति भी उपलब्ध कराई है। वार्डर का आरोप है कि जेलर यह गैर कानूनी कार्य जेल अधीक्षक के संरक्षण में किया जा रहा है।
प्रदेश के जेल मुख्यालय में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों और बाबूओं के लंबे समय से एक ही पटल पर जमें होने का मामला अभी सुर्खियों में है। इस मामले में दोषी बाबूओं के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। सूत्रों की मानें तो बाबू संवर्ग के अधिकारी व कर्मचारी अपने आप को बचाने की जुगत में लगे हुए हैं। बाबू आला अफसरों को गुमराह भी कर रहे है। हकीकत यह है कि प्रदेश में जेलों की व्यवस्था पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गई है। जेलबुक में मनमानी कर रहा जेलर