प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो करोड़ रुपए की संपत्ति से सबक लें राजनेता।मोदी के नाम पर एक इंच जमीन भी नहीं है और न ही मोदी किसी कंपनी के शेयर होल्डर हैं।
एस0 पी0 मित्तल
जनप्रतिनिधियों को लेकर अक्सर यह शिकायत रहती है कि एक बार पार्षद, सरपंच, विधायक, प्रधान और सांसद बन जाने के बाद सात पीढिय़ों का इंतजाम कर लिया जाता है, आम जनता में यह धारण बन गई कि अधिकतर जनप्रतिनिधि भ्रष्ट और बेईमान होते हैं। राजनीति के ऐसे माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुल 2 करोड़ 23 लाख रुपए की संपत्ति से राजनेता सबक ले सकते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने नरेंद्र मोदी की संपत्ति का जो ब्यौरा प्रदर्शित किया है, उसके अनुसार मोदी के पास एक इंच भी जमीन नहीं है जो 2 करोड़ 23 लाख रुपए हैं वे भी बैंकों में जमा है।
मोदी ने बॉड, शेयर म्यूचुअल फंड आदि में भी कोई निवेश नहीं कर रखा है। न ही मोदी किसी कंपनी में शेयर होल्डर हैं, सब जानते हैं कि नरेंद्र मोदी 12 वर्ष तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और अब 8 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री हैं। दुनिया में ऐसे कई प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मिल जाएंगे जिन्होंने विदेशों में अकूत संपत्तियां बनाई है, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री के मोदी के पास अपने देश में एक इंच जमीन भी नहीं है। पूर्व में साझेदारी में जो संपत्ति ली थी, उसमें स्वयं का हिस्सा भी दान कर दिया। आमतौर पर देखा गया कि जनप्रतिनिधि कंपनियों के निदेशक बन जाते हैं, तब यह आरोप लगता है कि बगैर निवेश किए कंपनी में निदेशक बन कर भारी मुनाफा कमाया जाता है। कुछ जनप्रतिनिधि मामूली कीमत पर जमीन खरीदते हैं फिर उसे करोड़ों रुपए में बेच देते हैं।
सवाल किसी एक राजनीतिक दल के नेता का नहीं है, सभी दलों में ऐसे नेता मिल जाएंगे कि जिन्होंने राजनीति में रह कर अकूत संपत्ति अर्जित की है। लोकतंत्र में कहा तो यही जाता है कि जनप्रतिनिधि जनता का सेवक होता है, लेकिन राजनीति की यह सच्चाई सांसद, विधायक बनने वाला व्यक्ति अकूत संपत्ति का मालिक बन जाता है। ऐसे राजनेता प्रधानमंत्री मोदी की कुल जमा 2 करोड़ रुपए की संपत्ति से सबक ले सकते हैं। मोदी ने अपने परिवार के सदस्यों को भी राजनीति से दूर रखा है। देश की राजनीति में जहां परिवार वादी पार्टियां है, वहीं मोदी का कोई भी रिश्तेदार राजनीति में नहीं है। मोदी के भाई आज भी सामान्य परिवार का जीवन व्यतीत कर रहे हैं, वहीं अनेक राजनेताओं के रिश्तेदार मालामाल हुए हैं।