उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से आज खादी भवन में इण्डिया सेलूलर एण्ड इलेक्ट्रानिक्स एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की और प्रदेश में मोबाइल एण्ड इलेक्ट्रानिक्स एक्ससरीज पार्क विकसित करने संबंधी प्रस्ताव दिया और उसका प्रजेंटेशन भी किया। प्रतिनिधि मण्डल में एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट विवेक वत्स एवं एक्जक्यूटिव डायरेक्टर राजेश शर्मा शामिल थे।सिंह ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि मोबाइल एण्ड इलेक्ट्रानिक्स एक्ससरीज पार्क विकसित होने पर प्रदेश में लगभग 500 नईफैक्ट्रियां लगेंगी व 02 से 2.5 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इससे उत्तर प्रदेश में लगभग 40 हजार करोड़ का निर्यात भी होगा। इससे प्रदेश में 04 से 05 बिलियन डालर का निवेश भी होगा।
राज्य का हर उत्पादक इस मिशन से जुड़कर निर्यातक बनें। सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बना रही है। कोरोना काल में उद्योगों को संबल प्रदान करने के लिए सरकार ने कई रियायतें दी हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान निर्यात तैयारियों में एक्सपोर्ट प्रीपेर्यडनेस इंडेक्स (ईपीआई) 2020 में राज्य लैंड लॉक्ड स्टेट की श्रेणी में पहला और संपूर्ण देश में चतुर्थ स्थान पर रहा है।
प्रजेंटेशन में इण्डिया सेलूलर एण्ड इलेक्ट्रानिक्स एसोसिएशन ने इस पार्क को डेवलप करने के लिए 300 एकड़ का प्रोजेक्ट प्लान किया है। जिसमें सरकार उच्च स्तर पर विचार-विमर्श कर उद्यमियों को हर संभव सहायता उपलब्ध करायेगी।इण्डिया सेलूलर एण्ड इलेक्ट्रानिक्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट विवेक वत्स एवं एक्जक्यूटिव डायरेक्टर राजेश शर्मा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में एनसीआर तथा पूर्वांचल रीजन को प्राथमिकता दी जायेगी। उन्होंने बताया कि यह इलेक्ट्रानिक्स एवं मोबाईल फोन के क्षेत्र में बहुत ही त्वरित विकास करने वाला उद्योग है। इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में नेशनल पालिसी-2019 के अन्तर्गत यह उद्योग भारत में 400 बिलियन का इलेक्ट्रानिक उत्पादन करेगा। पिछले पांच से सात सालों में मोबाइल फोन और इसके पार्टस् के निर्माण की 269 यूनिट भारत में स्थापित की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में मोबाइल हैण्डसेट की जितनी भी मांग है, उसमें आधे से ज्यादा मोबाइल सेट इण्डिया सेलूलर एण्ड इलेक्ट्रानिक्स द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।