
चीन पर बढ़ती निर्भरता से भाजपा मजबूर: अखिलेश यादव का बड़ा हमला।चीनी सामान ने बंद कराए भारतीय उद्योग-कारख़ाने, बेरोज़गारी चरम पर।महंगाई-बेरोज़गारी बढ़ाएगी सरकार के खिलाफ आक्रोश।कमज़ोर और लड़खड़ाती भाजपा सरकार कैसे देगी चीन को चुनौती..?
अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगते हुए कहा कि चीन पर निर्भरता और भाजपा की मजबूरी है। पहले चीन अपना माल भारत के बाज़ारों में भर देगा, इससे चीन पर निर्भरता इतनी बढ़ जाएगी कि उनकी हर ग़लत हरकत को नज़रअंदाज़ करने के लिए भाजपाई मजबूर हो जाएंगे। चीन हमारे उत्पादों और उद्योगों को धीरे-धीरे बंद करवाने के कगार तक ले जाएगा फिर मनमाने दाम पर हर चीज़ सप्लाई करेगा। उसके बाद महंगाई-बेरोज़गारी बढ़ाएगा। जब महंगाई-बेरोज़गारी ज़्यादा होगी तो सरकार के खि़लाफ़ आक्रोश भी कई गुना बढ़ जाएगा। नतीजे में दूसरों के सहारे पर चल रही बिना बहुमत की भाजपा की सरकार और भी कमज़ोर होकर लड़खड़ा जाएगी। ख़ुद ही लड़खड़ाती भाजपा की सरकार चीन के अतिक्रमण को तब कैसे चुनौती दे पायेगी?
हमारी भूमि पर जब चीन अपना क़ब्ज़ा और बढ़ता जाएगा तो फिर भाजपा दोहराएगी कि “न कोई घुसा है और न कोई घुस आया है”। तथाकथित आत्मनिर्भर, स्वदेशी और चीनी सामान के बहिष्कार के भाजपाई जुमलों का सच चिंताजनक है। चीन से आनेवाले सामानों पर भारत की निर्भरता जिस तरह बढ़ती जा रही है, उसका बुरा असर हमारे उद्योगों, कारख़ानों और दुकानों के लगातार घटते जा रहे काम-कारोबार पर पड़ा है। इससे बेरोज़गारी भी बेतहाशा बढ़ रही है। भारतीय राजनीति में चीन का मुद्दा लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उनका कहना है कि भाजपा की नीतियों के चलते भारत की अर्थव्यवस्था और बाज़ार चीन पर खतरनाक ढंग से निर्भर होते जा रहे हैं।
अखिलेश का कहना है कि जब चीन एकाधिकार स्थापित कर लेगा, तब वह मनमाने दाम पर सप्लाई करेगा। इससे महंगाई बढ़ेगी और बेरोज़गारी भी चरम पर पहुँचेगी। ऐसी स्थिति में जनता का आक्रोश कई गुना बढ़ जाएगा, जिससे भाजपा की सरकार और भी कमज़ोर हो जाएगी।चीन से होने वाली बढ़ती आयात निर्भरता और उसके असर पर गंभीर बहस की आवश्यकता है। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो देश की आर्थिक स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों खतरे में पड़ सकते हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि अगर ये बात ‘ड्रोनवालों’ को समझ नहीं आ रही है तो उत्तर प्रदेष में विराजमान ‘बुलडोज़र’ वाले प्रवासी जी ही ये सच्चाई समझकर जवाब दे दें कि चीन द्वारा हमारी कितनी ज़मीन हड़प ली गयी है, क्योंकि उनका मूल निवास स्थान भी तो चीनी क़ब्ज़े का शिकार हुआ है। भाजपाई बस देश का क्षेत्रफल बता दें मतलब ये बता दें कि भाजपा सरकार के आने के समय देश की कुल भूमि जितनी थी, अब भी उतनी ही है या अब चीनी क़ब्ज़े के बाद घट गयी है। दिल्ली वाले न सही तो लखनऊ वाले ‘पलायन स्पेशलिस्ट’ ही बता दें कि हमारी कितनी भूमि का पलायन हो गया है? वैसे जनता ये बख़ूबी समझती है कि भूमि का पलायन थोड़े ना होता है, जो वो चलकर कहीं चली गयी होगी। चीन पर बढ़ती निर्भरता और भाजपा की मजबूरी