योगी मंत्रिपरिषद के महत्वपूर्ण निर्णय

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मां कामाख्या (अयोध्या), फर्रूखाबाद की संकिसा संकिसा बसन्तपुर (फरूर्खाबाद), हेतिमपुर (देवरिया) और मथौली कुशीनगर को नई नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है। संबधित कस्बे के अलावा आसपास के कई गांवों को भी शामिल करते हुए इन चारों नगर पंचायतों का गठन किया गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-

उत्तर प्रदेश के छोटे बाजार और कस्बों में रहने वाले लोगों को भी बड़े शहरों की तरह सुविधा मुहैया कराने को लेकर सरकार की मंशा को देखते हुए प्रदेश में चार और नये नगर पंचायतों का गठन करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में अब नगर निकायों की संख्या 756 हो गई है। इसके अलावा अलीगढ़ नगर निगम और देवरिया नगर पालिका परिषद और 6 नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया जाएगा। इससे संबंधित प्रस्तावों को मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए नगर विकास मंत्री ए0के0 शर्मा ने बताया कि मां कामाख्या (अयोध्या), फर्रूखाबाद की संकिसा संकिसा बसन्तपुर (फरूर्खाबाद), हेतिमपुर (देवरिया) और मथौली कुशीनगर को नई नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है। संबधित कस्बे के अलावा आसपास के कई गांवों को भी शामिल करते हुए इन चारों नगर पंचायतों का गठन किया गया है।

नगर पालिका परिषद देवरिया के सीमा विस्तार का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने नगर पालिका परिषद, देवरिया के सीमा विस्तार के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद द्वारा नगर पालिका परिषद की सीमा विस्तार की अधिसूचना की अन्तर्वस्तु में संशोधन/परिवर्तन की आवश्यकता होने पर सुसंगत संशोधन हेतु नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया है।


नगर पालिका परिषद देवरिया की सीमा विस्तार के प्रस्ताव में 23 राजस्व ग्राम-तिलई बेलवॉ, परसियॉ उर्फ खरजरवा, डम्भर उर्फ जटमलपुर, पगरा उर्फ परसिया, बरवॉ गोर स्थान, बड़हरा, चिन्तामन चक, पिपरपाटी, गोबराई खास, मेंहड़ा नगर बाहर, धनौती खुर्द, मूड़डीह, सकरापार, देवरिया खास, बभनी नागर बाहर, रामपुर खुर्द, भीमपुर, पिड़रा, रघवापुर, कतरारी, दानोपुर, सोन्दा तथा कठिनहिया सम्मिलित हैं।


मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के उपरान्त अन्तिम अधिसूचना निर्गत कर दी जाएगी, जो निर्गत होने की तिथि से लागू होगी। मंत्रिपरिषद के निर्णय से प्रस्तावित क्षेत्र के जनमानस को व्यावसायिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य, यातायात, सफाई व अन्य नागरिक सुविधाएं सुलभ होंगी। इससे उनकी जीवन शैली की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर सुधार होगा। ग्रामीण क्षेत्र के नगरीकरण से रोजगार सृजन की सम्भावनाएं भी बढ़ेंगी।


नगर निगम अलीगढ़ की सीमा विस्तार का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने नगर निगम अलीगढ़ की सीमा विस्तार के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद द्वारा नगर निगम की सीमा विस्तार की अधिसूचना की अन्तर्वस्तु में संशोधन/परिवर्तन की आवश्यकता होने पर सुसंगत संशोधन हेतु नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया है। नगर निगम अलीगढ़ की सीमा विस्तार के प्रस्ताव में 16 राजस्व ग्राम-देवसैनी, तालशपुर कलां, सुखरावली, सिंधौली, अलीनगर, भदेशी माफी, नगला पानखानी, पड़ियावली, रुस्तमपुर सकत खां (नगला मन्दिर), हाजीपुर चौहट्टा, बढ़ौली फतेह खां, दयानतपुर रसीला, भकरौला, दौलारा निरपाल, खेड़िया ख्वाजा बुद्वा तथा अजीतपुर आसना सम्मिलित हैं।


मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के फलस्वरूप सीमा विस्तार सम्बन्धी अधिसूचना निर्गत की जाएगी। मंत्रिपरिषद के निर्णय से विस्तारित क्षेत्र के जनमानस को और बेहतर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी तथा विकास को नियोजित किया जा सकेगा। नगर निगम अलीगढ़ की सीमा विस्तार से निगम की आय में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय निवासियों एवं पर्यटकों को बेहतर अवस्थापना सुविधाओं का लाभ मिलेगा। क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास होने से स्थानीय निवासियों हेतु अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा।

जनपद फर्रुखाबाद की नगर पंचायत कम्पिल, जनपद बांदा की नगर पंचायत बिसण्डा, जनपद बाराबंकी की नगर पंचायत रामनगर, जनपद कुशीनगर की नगर पंचायत रामकोला, जनपद लखीमपुर खीरी की नगर पंचायत धौरहरा तथा जनपद शाहजहांपुर की नगर पंचायत अल्हागंज के सीमा विस्तार के प्रस्तावों का अनुमोदन

मंत्रिपरिषद ने जनपद फर्रुखाबाद की नगर पंचायत कम्पिल, जनपद बांदा की नगर पंचायत बिसण्डा, जनपद बाराबंकी की नगर पंचायत रामनगर, जनपद कुशीनगर की नगर पंचायत रामकोला, जनपद लखीमपुर खीरी की नगर पंचायत धौरहरा तथा जनपद शाहजहांपुर की नगर पंचायत अल्हागंज के सीमा विस्तार सम्बन्धी अन्तिम अधिसूचना निर्गत किये जाने के प्रस्तावों को अनुमोदित कर दिया है। अधिसूचना निर्गत होने के उपरान्त किसी त्रुटि के परिलक्षित होने पर उसे आवश्यकतानुसार संशोधित/परिमार्जित किये जाने हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया है।


नगर निकायों के आस-पास के क्षेत्रों में होने वाले विस्तार के दृष्टिगत यदि कोई क्षेत्र सम्बन्धित नगर पंचायत की सीमा विस्तार के मानक पूर्ण करता है, तो इस क्षेत्र के विकास हेतु नगर पंचायत का सीमा विस्तार किया जाता है। दिनांक 31 जनवरी, 2015 के शासनादेश द्वारा नगर पंचायतों की सीमा विस्तार हेतु मानकों का पुनर्निर्धारण किया गया है। विगत कुछ वर्षाें में इन नगर पंचायतों से सटे ग्रामों या विशिष्ट क्षेत्रों में उत्पन्न शहरी गुणों के दृष्टिगत इनके सीमा विस्तार का प्रस्ताव किया गया।


मानक के अनुसार, जिलाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रस्तावों के उपयुक्त पाये जाने पर उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 में प्राविधानित व्यवस्था के आलोक में इन नगर पंचायतों की सीमा विस्तार के सम्बन्ध में अनन्तिम अधिसूचना निर्गत करते हुए जनसामान्य से आपत्तियां एवं सुझाव प्राप्त किये गये।


प्राप्त आपत्तियों के नियमानुसार निस्तारण के उपरान्त जनपद फर्रुखाबाद की नगर पंचायत कम्पिल, जनपद बांदा की नगर पंचायत बिसण्डा, जनपद बाराबंकी की नगर पंचायत रामनगर, जनपद कुशीनगर की नगर पंचायत रामकोला, जनपद लखीमपुर खीरी की नगर पंचायत धौरहरा तथा जनपद शाहजहांपुर की नगर पंचायत अल्हागंज के सीमा विस्तार सम्बन्धी अधिसूचना निर्गत करने के प्रस्तावों को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है।


मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के उपरान्त इन नगर पंचायतों के सीमा विस्तार सम्बन्धी अधिसूचना निर्गत कर दी जाएगी। नगर पंचायतों की सीमा विस्तार के फलस्वरूप उनकी सीमा में सम्मिलित होने वाले ग्रामीण क्षेत्र का उत्तरोत्तर विकास होगा तथा वहां के निवासियों को पेयजल, लाइट, सड़क, नाली आदि की बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। सीमा विस्तार के उपरान्त इन नगर पंचायत क्षेत्रों का सुनियोजित विकास प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन में सहायक होगा।

नगर पंचायत मां कामाख्या जनपद अयोध्या, नगर पंचायत संकिसा बसन्तपुर जनपद फर्रुखाबाद, नगर पंचायत हेतिमपुर जनपद देवरिया तथा नगर पंचायत मथौली जनपद कुशीनगर के गठन के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने नगर पंचायत मां कामाख्या जनपद अयोध्या, नगर पंचायत संकिसा बसन्तपुर जनपद फर्रुखाबाद, नगर पंचायत हेतिमपुर जनपद देवरिया तथा नगर पंचायत मथौली जनपद कुशीनगर के गठन सम्बन्धी अन्तिम अधिसूचना निर्गत किये जाने के प्रस्तावों को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने अधिसूचना निर्गत होने के उपरान्त किसी त्रुटि के परिलक्षित होने पर उसे आवश्यकतानुसार संशोधित/परिमार्जित किये जाने हेतु नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया है।


नगर पंचायत मां कामाख्या जनपद अयोध्या के प्रादेशिक क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम सैमसी-पूर्व 06 गाटा, सैदपुर-पूर्व 02 गाटा, बिहारा-पूर्व 02 गाटा, सैमसी-पश्चिम 88 गाटा, सुनवा-पश्चिम 30 गाटा, सैमसी-उत्तर 20 गाटा, सैदपुर-उत्तर 05 गाटा, बिहारा-दक्षिण 01 गाटा तथा सुनवा-दक्षिण 25 गाटा का क्षेत्र सम्मिलित होगा।


नगर पंचायत संकिसा बसन्तपुर जनपद फर्रुखाबाद में सम्मिलित होने वाले क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम राजस्व ग्राम-संकिसा बसन्तपुर, पुनपालपुर, ईमादपुर केसर, मेरापुर, पमरखिरिया, श्योगनपुर, अर्जुनपुर, पखना हमीरखेड़ा, सिठौली सम्मिलित होंगे।


नगर पंचायत हेतिमपुर जनपद देवरिया के प्रादेशिक क्षेत्र के अन्तर्गत पूरब दिशा में जिला कुशीनगर की सीमा, पश्चिम में ग्राम भुजौली की गाटा संख्या 01 से 552 तथा ग्राम डुमरी एकलास की गाटा संख्या 01 से 449, उत्तर में ग्राम हेतिमपुर की गाटा संख्या 01 से 1832 तथा जिला कुशीनगर की सीमा एवं दक्षिण दिशा में ग्राम मुण्डेरा चन्द की गाटा संख्या 01 से 828 तक, ग्राम जिगनी मुसाहेब खां की गाटा संख्या 01 से 565 तक, ग्राम रामपुर जगदीश उर्फ सिसवा की गाटा संख्या 01 से 518 तक, ग्राम कोटवा गाटा संख्या 01 से 1099 तक तथा ग्राम सहोदर पट्टी गाटा संख्या 01 से 660 तक स्थित होंगे।


नगर पंचायत मथौली जिला कुशीनगर के प्रादेशिक क्षेत्र के अन्तर्गत उत्तर में ग्राम रानीपुर उर्फ हरैया, दक्षिण में ग्राम लोहेपार एवं ग्राम सिरसिया, पूरब में ग्राम फरदहा एवं ग्राम लोहेपार तथा पश्चिम में ग्राम सिरसिया एवं ग्राम बहुआस स्थित होंगे।


मंत्रिपरिषद द्वारा नगर पंचायत मां कामाख्या जनपद अयोध्या, नगर पंचायत संकिसा बसन्तपुर जनपद फर्रुखाबाद, नगर पंचायत हेतिमपुर जनपद देवरिया तथा नगर पंचायत मथौली जनपद कुशीनगर के गठन के प्रस्तावों के अनुमोदन के उपरान्त गठन सम्बन्धी अधिसूचना निर्गत कर दी जाएगी। इन नगर पंचायतों के गठन से इनकी सीमा में सम्मिलित होने वाले गांवों का उत्तरोत्तर विकास होगा तथा वहां के निवासियों को पेयजल, लाइट, सड़क, नाली आदि की बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। सीमा विस्तार के उपरान्त इन नगर पंचायत क्षेत्रों का सुनियोजित विकास प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन में सहायक होगा।

विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा कीट/रोग नियंत्रण की योजना अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा कीट/रोग नियंत्रण की योजना के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। योजना में किसी प्रकार के परिवर्तन/संशोधन के लिए मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।प्रदेश की जनसंख्या की खाद्यान्न आवश्यकता की पूर्ति हेतु कीट, रोग एवं खरपतवार के प्रकोप से हो रही क्षति के नियंत्रण में कृषि रक्षा रसायनों एवं बायोपेस्टीसाइड्स के प्रयोग से खाद्यान्न उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई है। फसलों में खरपतवार रोग तथा कीट से होने वाली क्षति को नियंत्रित करने के लिए वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक की अवधि के लिए विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा कीट/रोग नियंत्रण योजना अनुमोदित की गयी है।आगामी 05 वर्षों में इस योजना के अन्तर्गत 19257.75 लाख रुपये का वित्तीय लक्ष्य है। वर्ष 2022-23 में इस योजना के अन्तर्गत विभिन्न कार्य मदों में 3417.90 लाख रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी।


विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा कीट/रोग नियंत्रण की अनुमोदित योजना के तहत पर्यावरण संरक्षण व विषरहित खाद्यान्न उत्पादन के लिए बायोपेस्टीसाइड्स तथा बायोएजेन्ट्स, 75 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएगें। योजना के अन्तर्गत समस्त कृषक अनुदान के पात्र होंगे, लेकिन प्राथमिकता लघु एवं सीमान्त कृषकों को दी जाएगी।खरपतवार/कीट/रोग के प्रभावी नियंत्रण हेतु एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन प्रणाली (आई0पी0एम0) को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में कृषि विभाग द्वारा 09 आई0पी0एम0 प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई, जिनके द्वारा बायोपेस्टीसाइड्स यथा-ट्राइकोडरमा, ब्यूवेरिया वैसियाना, एन0पी0वी0 एवं बायोएजेन्ट्स यथा ट्राइकोग्रामा कार्ड का उत्पादन किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 मंे 0.40 लाख हे0 क्षेत्रफल तथा वर्ष 2026-27 में 0.60 लाख हे0 क्षेत्रफल हेतु बीज शोधक रसायन उपलब्ध कराए जायेंगे।


योजनान्तर्गत लघु एवं सीमान्त कृषकों को खरपतवार/कीट/रोग के नियंत्रण हेतु कृषि रक्षा रसायनों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जाएगा। वर्ष 2022-23 में इस योजना के अन्तर्गत 1.95 लाख हे0 क्षेत्रफल के लिए अनुदान पर कृषि रक्षा रसायन उपलब्ध कराए जायेंगे। लघु एवं सीमान्त कृषकों को फुट स्प्रेयर, नैपसेक स्प्रेयर, पावर स्प्रेयर आदि कृषि रक्षा यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। वर्ष 2022-23 में 6000 कृषि रक्षा यंत्र उपलब्ध कराए जायेंगे। लघु एवं सीमान्त कृषकों को अपने उपयोग मे आने वाले अन्न को सुरक्षित रखने के लिए विगत वर्षों में 2, 3 एवं 5 कुन्तल क्षमता की बखारियों का वितरण 50 प्रतिशत अनुदान पर किया गया है, जिससे अन्न को सुरक्षित रखने में सफलता प्राप्त हुई है। वर्ष 2022-23 में 10,000 बखारी उपलब्ध करायी जाएंगी।


आई0पी0एम0 प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण, कीट/रोग के प्रकोप के सर्विलान्स, सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली आई0पी0एम0 एवं कृषि रक्षा की नई तकनीकी की जानकारी हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम कराया जाना प्रस्तावित है।वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 के लिए भी कीट/रोग नियंत्रण हेतु योजना संचालित की गयी थी। योजना के तहत कुल 11,58,321 कृषकों को विभिन्न कार्य मदों में लाभान्वित किया गया। योजना के क्रियान्वयन से कीट/रोग पर समुचित नियंत्रण रहा तथा कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई।