जेल मुख्यालय में दागदारों को महत्वपूर्ण प्रभार। अभी तक नहीं बदला आर्थिक गबन के आरोपी का गोपनीय पटल। अनुभवहीन महिलाओं के पास अभी भी महत्वपूर्ण प्रभार। जेल मुख्यालय के पटल परिवर्तन पर अफसरों ने साधी चुप्पी। जेल मुख्यालय के पटल परिवर्तन में दागदारों को महत्वपूर्ण प्रभार
लखनऊ। जेल मुख्यालय के अफसरों ने आर्थिक गबन के आरोपी और गैर अनुभवी महिलाओं के पास महत्वपूर्ण प्रभार सौप रखे हैं। मुख्यालय के अधिकारियों ने पटल परिवर्तन में हुई खामियों को छिपाने के लिए इस गंभीर मसले पर चुप्पी साध रखी है। मुख्यालय कर्मियों में इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि अधिकारियों ने मनमाने तरीके से काम निपटाने के लिए गैर अनुभवी व दागदार बाबुओं को महत्वपूर्ण विभागों का प्रभारी बना दिया है। इन बाबुओं के प्रभारी बनने से अफसरों की चांदी हो गई है। ऐसा तब है जब मुख्यालय में अनुभवी कर्मियों को भरमार है।
कमाऊ पटल पर आज भी जमें कई बाबू- जेल मुख्यालय में करीब आधा दर्जन से अधिक प्रशासनिक अधिकारी आज भी अपने पटल पर जमें हुए हैं। अनिल कुमार वर्मा, विधि/ बजट विभाग में अमिताभ मुर्खजी, अधिष्ठान तीन में राधे श्याम, आधुनिकीकरण में शांतनू वशिष्ठ और शिवांशु गुप्ता लंबे समय से एक ही पटल पर जमें हुए है। इन अधिकारियों के पटल परिवर्तन नहीं किए गए हैं।
बीते दिनों जेल मुख्यालय के आला अफसरों ने विभिन्न विभागों में तैनात एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी समेत पांच प्रशासनिक अधिकारियों के पटल परिवर्तन किए। आधुनिकीकरण विभाग का काम संभाल रहीं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सीमा त्रिपाठी को गोपनीय विभाग के साथ अधिष्ठान एक, दो और तीन के अलावा विधि प्रकोष्ठ और प्रशासनिक सुधार अनुभाग में भेजा गया है। इसके साथ ही गोपनीय विभाग में तैनात प्रशासनिक अधिकारी वीके सिंह को निर्माण अनुभाग का, पंकज कुमार पाठक को निर्माण अनुभाग से आधुनिकीकरण को, संजय कुमार श्रीवास्तव को अधिष्ठान एक से गोपनीय विभाग भेजा गया है। इसके अलावा जनसूचना में तैनात अर्चना रानी को जनसूचना के साथ उद्योग विभाग का प्रभार सौंपा गया है।
सूत्र बताते है कि लंबे अंतराल के बाद हुए इस पटल परिवर्तन में कई खामियां सामने आई है। इसमें विभाग की धनराशि में गबन के आरोपी प्रशासनिक अधिकारी संजय कुमार श्रीवास्तव को अधिष्ठान एक से हटाकर महत्वपूर्ण गोपनीय विभाग में तैनात कर दिया गया है। इसी प्रकार आधुनिकीकरण से गोपनीय विभाग के तैनात की गई सीमा त्रिपाठी और जनसूचना के साथ उद्योग विभाग का प्रभार पाने वाली अर्चना रानी के पास कार्य का कोई अनुभव ही नहीं है। विभागीय अधिकारियों में चर्चा है कि अनुभवहीन महिलाओं को महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारियां सौंपे जाने की कार्रवाई ने विभाग के आला-अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ेे कर दिए है। उधर बेतरतीब पटल परिवर्तन के संबंध में जब डीआईजी जेल मुख्यालय एके सिंह बात की गई तो उन्होंने इस मसले पर कोई भी टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया। जेल मुख्यालय के पटल परिवर्तन में दागदारों को महत्वपूर्ण प्रभार