Thursday, November 20, 2025
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संवैधानिक रूप से भारत सरकार ने 26 जनवरी, 1950 को अशोक स्तंभ को अपना राष्ट्रीय चिन्ह अपनाया था। इसे शासन,संस्कृति और शांति का सबसे बड़ा प्रतीक माना गया था। अशोक स्तंभ को संस्कृति और शांति का सबसे बड़ा प्रतीक माना गया।

    अन्तर्राष्ट्रीय स्तर बसे विविध पृष्‍ठभूमियों के भारतीय इन राष्‍ट्रीय प्रतीकों पर गर्व करते हैं। प्रत्‍येक भारतीय के हृदय में गौरव और देश भक्ति की भावना का संचार करते हैं।भारतीय पहचान और विरासत का मूलभूत हिस्‍सा हैं।

प्रधानमंत्री संसद भवन की नई बिल्डिंग की छत पर करीब 20 फीट ऊंचे कांसे के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ का अनावरण किया। राष्ट्रीय प्रतीक भारतीय पहचान और विरासत का मूलभूत हिस्सा हैं।

विश्व भर में बसे विविध पृष्ठभूमियों के भारतीय इन राष्ट्रीय प्रतीकों पर गर्व करते हैं। क्योंकि वे प्रत्येक भारतीय के हृदय में गौरव और देश भक्ति की भावना का संचार करते हैं। भारत का राजकीय प्रतीक है अशोक चिह्न। इसको सारनाथ स्थित राष्ट्रीय स्तंभ का शीर्ष भाग राष्ट्रीय प्रतिज्ञा चिह्न के रूप में लिया गया है।

मूल रूप इसमें चार शेर हैं जो चारों दिशाओं की ओर मुंह किए खड़े हैं। इसके नीचे एक गोल आधार है जिस पर एक हाथी के एक दौड़ता घोड़ा, एक सांड़ और एक सिंह बने हैं।

विश्‍व की प्राचीन सभ्यताओं में से भारतीय सभ्यता एक है। जिसमें बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत है। भारतीय सभ्यता बदलते समय के साथ अपने-आप को ढ़ालती भी आई है।

आज़ादी पाने के बाद भारत ने बहुआयामी सामाजिक और आर्थिक प्रगति की है।भारत कृषि में आत्‍मनिर्भर बन चुका है और अब दुनिया के सबसे औद्योगीकृत देशों की श्रेणी में भी इसकी गिनती की जाती है। विश्‍व का सातवां बड़ा देश होने के नाते भारत शेष एशिया से अलग दिखता है।

 

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डाक विभाग ने रविवार को भी पहुँचाई लोगों तक राखी

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डाक विभाग ने रविवार को भी पहुँचाई लोगों तक राखी, डाकिया बाबू को लोगों ने कहा शुक्रिया रक्षाबंधन पर्व पर किसी भाई की कलाई सूनी न रहे, इसके लिए डाक विभाग ने रविवार को भी राखी डाक के वितरण के लिए विशेष प्रबंध किए।  लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के अधीन लखनऊ, फैज़ाबाद, रायबरेली, बाराबंकी, सीतापुर, अम्बेडकरनगर जनपदों में डाकियों ने  रविवार को लोगों के घर राखी डाक पहुँचाईउक्त जानकारी लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने दीपोस्टमैनों ने लगभग 10 हजार लोगों को राखी डाक रविवार को पहुँचाई ।  राखी मिलने से प्रसन्न लोगों ने भी दिल खोलकर डाक विभाग की इस पहल की सराहना की और डाकिया बाबू का शुक्रिया व्यक्त कियारक्षाबंधन की सुबह भी डाक विभाग प्राप्त राखी डाक को लोगों तक पहुंचाएगा।  डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि, ऐसे तमाम लोग जो आपदा की इस घड़ी में कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे हैं और घर से दूर हैं, उन तक भी बहनों द्वारा भेजी गई राखी डाकियों द्वारा पहुँचाई गई। लखनऊ पुलिस के कोविड केयर हेल्प डेस्क में कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों से लेकर डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ तक को रविवार को राखी डाक वितरित की गई। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते शहर में भी बहनें अपने भाईयों को स्पीड पोस्ट द्वारा ही राखी और गिफ्ट भेज रही हैं। अकेले लखनऊ के डाकघरों से अब तक एक लाख से ज्यादा राखी डाक भेजी जा चुकी हैं, वहीं लगभग दो लाख राखी डाक का लखनऊ में वितरण किया जा चुका है। इस साल एक नया ट्रेंड भी देखने को मिल रहा है कि बहनें राखियों के साथ भाईयों को मास्क, सैनिटाइजर व गिलोय भी भेज रही हैं। लखनऊ जीपीओ से अपने भाई को राखी भेजने वाली आकांक्षा कहती हैं कि, रक्षा सूत्र के साथ-साथ कोरोना संक्रमण से बचाव में मास्क, सैनिटाइजर व गिलोय जैसी चीजें भाई की रक्षा करेंगी। गोमतीनगर में रहने वाले राहुल कुमार  ने बताया कि वे अपनी बहन द्वारा भेजी गई राखी अब तक न प्राप्त होने पर मायूस हो चले थे, पर संडे की सुबह जब पोस्टमैन ने घर पर आकर राखी का लिफाफा दिया तो खुशी का ठिकाना न रहा।

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