जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित-जलशक्ति मंत्री

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जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित-जलशक्ति मंत्री
जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित-जलशक्ति मंत्री

जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भूजल सप्ताह-2025 का किया समापन। भूजल सप्ताह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन जागरण है। जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित, भूजल संरक्षण को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाइए। आज यह आवश्यक हो गया है कि हम जल संरक्षण एवं संवर्धन को त्वरित गति प्रदान करें एवं इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता दें। जहां एक तरफ़ भूजल की उपलब्धता निरन्तर कम होती जा रही है, वहीं, इस संसाधन पर दबाव अत्यधिक बढ़ता जा रहा है। हर राष्ट्र का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी के हाथों में होता है, आपका एक कदम आने वाले भारत को जल संकट से बचा सकता है। जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित-जलशक्ति मंत्री

लखनऊ। भूजल सप्ताह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन जागरण है, हमारी धरती की प्यास बुझाने का संकल्प है। इस अभियान को सिर्फ एक सप्ताह की जागरूकता तक सीमित मत रखिए, इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाइए। जिस दिन आपका घर, आपकी कॉलोनी, आपका शहर-सब मिलकर जल बचाना शुरू करेंगे, उसी दिन एक स्वच्छ, सुरक्षित और विकसित भारत का निर्माण शुरू हो जाएगा। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने यह बातें आज यहां गोमती नगर स्थित भागीदारी भवन में आयोजित भूजल सप्ताह- 2025 के राज्य स्तरीय समापन समारोह के अवसर पर कहीं। भूजल सप्ताह के अंतर्गत प्रदेशव्यापी अभियान के माध्यम से सभी जनपदों, ब्लॉकों, संस्थानों एवं विद्यालयों में जल संचयन की दृष्टि से जागरूकता कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किये गए।

भूजल सप्ताह के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे जल शक्ति मंत्री द्वारा जल की प्रत्येक बूँद की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अवगत कराया गया कि जल हमारे ग्रह का जीवन रक्त है, जो जीवन को बनाए रखता है। प्रदेश की तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में जल की भूमिका बहुआयामी है तथा इसकी उपलब्धता विभिन्न क्षेत्रों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करती है। इसलिए आज यह आवश्यक हो गया है कि हम जल संरक्षण एवं संवर्धन को त्वरित गति प्रदान करें एवम् इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता दें। इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की स्थानीय आवश्यकताओं एवम् भूगर्भ जल परिस्थितियों के अनुरूप उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबन्धन एवं विनियमन) अधिनियम-2019 लागू किया गया है।

प्रदेश के शासकीय, अर्द्धशासकीय तथा स्कूल-कालेजों के भवनों पर रूफटाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की अनिवार्य रूप से स्थापना को अधिनियम के प्राविधानों में सम्मिलित किया गया है तथा इस विषय में निरन्तर प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। अटल भूजल योजना के लाभकारी परिणामों से प्रेरित होकर मा० मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा प्रदेश के शेष जनपदों में उत्तर प्रदेश अटल भूजल योजना लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है। आज, जल संरक्षण मात्र एक जरूरत नहीं सामूहिक जिम्मेदारी बन गयी है। इसलिए भूजल सप्ताह जैसे कार्यक्रम विभिन्न हितधारकों को जोड़ने एवम् एक प्लेटफार्म तैयार करने में अहम भूमिका निभा रही है। हम सब को मिलकर पारंपरिक ज्ञान से प्रेरणा लेते हुए आधुनिक तकनीकों को अपनाकर प्रदेश की आने वाली पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षित-भविष्य सुनिश्चित करना होगा।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जहां एक तरफ़ भूजल की उपलब्धता निरन्तर कम होती जा रही है, वहीं, इस संसाधन पर दबाव अत्यधिक बढ़ता जा रहा है। हर राष्ट्र का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी के हाथों में होता है। कोई सरकार, कोई नीति, कोई तकनीक उतनी असरदार नहीं हो सकती, जितनी कि युवाओं की सोच, उनका जज़्बा और उनका संकल्प। इसलिए मैं आपसे कहता हूं कि 2047 में जब भारत अपनी आज़ादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब वह भारत कैसा होगा- यह कोई और नहीं, आप तय करेंगे। आप जो सोचेंगे, जो करेंगे, जैसे आदतें अपनाएंगे वही भविष्य की नींव बनेगी। आपका एक कदम आने वाले भारत को जल संकट से बचा सकता है।

भूजल सप्ताह समारोह के अवसर पर अपर मुख्य सचिव, समाज कल्याण / महानिदेशक उपाम द्वारा अपने उद्बोधन में जल को प्रकृति का अनुपम उपहार बताते हुए प्रकृतिक संसाधनों के संरक्षण, संचयन एवं प्रबन्धन के लिये जन सहभागिता के साथ सार्थक प्रयास किये जाने पर बल दिया गया और उपस्थित जनमानस में जागरूकता का संदेश देते हुये जल की प्रत्येक बूँद का संरक्षण, खेती किसानी, उद्योग एवं दैनिक उपभोग में जल के इष्टतम उपयोग हेतु आह्वान किया गया, जिससे कि हमारी आगामी पीढ़ियों को भी भूगर्भ जल की उपलब्धता प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा अवगत कराया गया कि भूजल संरक्षण सरकार की प्राथमिकताओं में सम्मिलित है और विभिन्न कार्यदायी विभाग निरन्तर प्रयत्नशील है, जो कदाचित आम जन की सहभागिता से ही सम्भव है। इसी उद्देश्य से स्कूल एवं कालेजों को जल संरक्षण के विभिन्न गतिविधियों में वृहद स्तर पर जोड़ा गया है। सरकारी भवनों पर न केवल अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना के कार्य कराये जा रहे हैं, अपितु फसल विविधीकरण, खेत तालाब का निर्माण, सूक्ष्म सिंचाई पद्धति, मल्चिंग, धान की सीधी बुआई तथा जल एवं मृदा संरक्षण के विविध कार्यक्रम भी प्रोत्साहित किए जा रहे हैं।

निदेशक, भूगर्भ जल विभाग, उ०प्र० सुनील कुमार वर्मा द्वारा उपस्थित मुख्य अतिथि एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए भूजल सप्ताह की अवधि में राज्य एवं जनपद स्तर पर संचालित विभिन्न कार्यक्रमों यथा क्लाइमेट पर चर्चा संस्था द्वारा विभिन्न स्कूल/कालेजों के छात्र/छात्राओं द्वारा प्रदर्शित चित्रकलाओं, पानी की बूँद, राज्य ग्राम्य विकास संस्थान लखनऊ में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला, जनहित कल्याण सेवा समिति, बाराबंकी में आयोजित जल जागरूकता कार्यक्रम, आगा खॉ फाउण्डेशन के साथ सोशल मीडिया इन्फ्लूएन्सर मीट, जी०डी० गोयनका पब्लिक स्कूल, सुशान्त गोल्फ सिटी, लखनऊ द्वारा आयोजित स्कूल आउटरीच कार्यक्रम सहित अन्य कार्यक्रमों के बारे जानकारी दी गई। जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित-जलशक्ति मंत्री