
कुछ न होता मेरे पास बस तू होता,काश ऐसा होता। यादों में नहीं रूबरू मिलता,गले से लगाता प्यार जताता। तू हुआ ही ना होता दूर,मैं ना होता बिन ख्वाहिश हसने को मजबूर। बातों और यादों का सिलसिला होता। तू नही तो अधूरा हूं,लोगो की नजरो में बुरा हूं। ना बुराई होती ना मैं अंजान होता,गर तू साथ होता। काश ऐसा होता….!

राज (काल्पनिक नाम)ट्रेन की जनरल बोगी में बर्थ सीट पर सोया हुआ था। गाड़ी रूककर वापस चली तो अचानक उसकी नजर अपनी तलाकशुदा पत्नी रागिनी (काल्पनिक नाम)पर पडी। पता नहीं कब वह उसके सामने वाली सीट पर आकर बैठ गई थी। 6 साल बाद वह उसे देख रहा था। वह बहुत कमजोर हो गई थी। उसने पुरानी सस्ती सी साडी पहन रखी थी। ना माथे पर बिंदी और ना गले में मंगलसूत्र था। शयद उसने अभी तक दूसरा विवाह नहीं किया था। क्या अभी तक वह मेरी तरह अकेली ही है। राज ऐसा सोच ही रहा था कि तभी रागिनी की नजर उस पर पडी। नजरे मिली तो राज दूसरी तरफ देखने लगा। फिर पता नहीं राज के दिमाग में क्या आया कि वह सीट से नीचे उतर आया और रागिनी के पास बैठे लडके से कहा कि वह ऊपर वाली सीट पर चला जाये। लडका मान गया तब राज रागिनी के पास बैठ गया। काश ऐसा होता..!
बैठते ही राज बोला “रागिनी कैसी हो…? “रागिनी ने नजर न मिलाते हुए खिडकी की तरफ देखते हुए बोला कि ” मैं ठीक हूँ और आप…?” राज बोला मैं भी ठीक हूँ और कानपुर जा रहा हूँ। त्यौहार होने के कारण रिजर्वेशन सीट नहीं मिली। इस कारण जनरल बोगी में आना पडा। तुम कहां जा रही हो …? वह बोली मैं भी कानपुर ही जा रही हूँ। आजकल माँ वही बड़े भईया के पास ही है। बीमार है इसलिए मिलने जा रही हूँ। काफी देर दोनों चुप रहे।
फिर राज बोला “एक बात पूछूँ.. ?”
रागिनी ने आँखों से ही पूछा क्या..?
राज संकोच करते हुए पूछा “अभी तक शादी क्यों नहीं की.. ?
वह कुछ नहीं बोली। मगर जब राज ने दोबारा नहीं पूछा तो रागिनी ने पूछा “
आपने की है शादी “राज ने भी बिना बोले ना में गर्दन हिला दी।
फिर काफी देर तक दोनों चुप रहे। मानो एक दूसरे को परख रहे थे। तभी डिब्बे में कुल्फी बेचने वाला आ गया था। राज बोला खाओगी रागिनी ने ना में सिर हिला दिया। राज ने रिक्वेस्ट करते हुए फिर पूछा “खा लो यार, तुम्हारे साथ मैं भी खा लूंगा।” जानता हूँ तुम्हारी सबसे बडी कमजोरी कुल्फी है। वह थोडा मुस्कुराई तोराज ने महसूस किया कि वह अपनी आँखों से बहने वाली आंसुओं को समेटने का प्रयास कर रही है। 5 साल उसके साथ रहा था। जब वह अपने आँसुओं को समेटने का प्रयास करती थी तो ऐसे ही मुस्कुराया करती थी। राज दूसरी तरफ देखने लगा तो रागिनी चुपके से अपनी आँसुओ को पोछने लगी। फिर वह सहज होकर बोली “एक शर्त पर खाउंगी “राज बोला क्या शर्त है… ? तो रागिनी बोली ” पैसे मैं दूंगी ” राज कुछ नहीं बोला फिर रागिनी ने दो कुल्फियां खरीद ली। और एक कुल्फी राज को देते हुए बोली “अब मैं भी कमाने लगी हूँ, एक प्राइवेट स्कूल में पढाती हूँ, महीने के 10 हजार मिलते हैं। कुल्फी खाते हुए राज बोला ” तलाक के समय कोर्ट के आदेश पर मैं तुम्हें 30 लाख रूपये दे तो रहा था। अगर ले लेती तो अपना स्कूल खोल लेती। जबकि तुम बहुत स्वाभिमानी हो, इस जमाने में पैसे के बिना कुछ नहीं होता।

‘प्यार जज्बात है,प्यार खूबसूरत एहसास है, प्यार जवां दिलों की धड़कन है’ ऐसे न जाने कितने उदाहरण हैं जो प्यार को खास बनाते हैं। कहने का मतलब है कि जब आप किसी से प्यार करते हैं तो भावनाओं का सागर आपके मन को कभी डुबोता तो कभी सागर किनारे की फीलिंग देता है। यही वो पल होता है जब दुनियाभर की कायनात तो आपके पास होती है, लेकिन मन किसी और के पास होता है। प्यार में सबसे कॉमन बात ये है कि जब रोमांस इच्छानुसार हो तो इंसान दूसरी दुनिया में होता है।वहीं, जब प्यार में चीजें नॉर्मल नहीं होती तो तनाव, गुस्सा, निराशा मन को तोड़ने लगती है। उस वक्त जो महसूस होता है उसे ही प्यार का बुखार कहा जाता है। लेकिन,सामने वाले पर प्यार का बुखार है या नहीं यह कैसे पता करेंगे….? .
वह हंस कर बोली अगर ले लेती तो अपनी जमीर को क्या जवाब देती। तो ये जमीर रोज कहता कि जिसे छोड कर आयी हो उसी के सहारे पल रही हो। राज बोला तुम बहुत अच्छी हो मासूम हो गया। ये एहसास तुमसे तलाक लेने के बाद मुझे हुआ। तुम यकीन नहीं करोगी …? मैं बहुत बदल गया हूँ। पीना बिल्कुल छोड दिया है। गुस्सा बिल्कुल नहीं करता। अब मैं किसी को नीचा दिखाने की कोशिश भी नहीं करता जो तुम्हें बहुत बुरा लगता था। वो सब बुरी आदतें मैने छोड दी है।
वह उदास होकर बोली “अब क्या फायदा” जब मैं मना किया करती थी तब आप मेरी एक भी बात नहीं सुनते थे। आपके कारण मैं हमेशा टेंशन में रहती थी। इसी कारण मुझे दो बार गर्भपात भी हुआ। वरना आज मेरे भी दो बच्चे होते। एक 8 साल का हो गया होता और दूसरा 6 साल का होता। कहकर वो रो पडी। बच्चों की बात पता चली तो राज के भी आंखों में आँसों आ गये लेकिन वह पुरूष था तो आँसुओं को पलकों तक पहुँचने से पहले ही पी गया और बोला ” कभी- कभी लगता है मैं बहुत बुरा आदमी हूँ। मैने कभी रिश्तों की कदर नहीं की। उसी की सजा झेल रहा हूँ आज। बिल्कुल अकेला हो गया हूँ, अब मां भी नहीं रही। “
मां के न होने पर रागिनी को बडा दुख हुआ और बोली मां को भली चंगी छोड कर आयी थी, उनको क्या हो गया था…? इस बार राज भावुकता वश अपने आँसुओं को नहीं रोक पाया और बोला वो तुम्हें हर दिन याद करती थी, बोलती थी बहु को वापस घर ले आओ। मैं उन्हें कैसे समझाता कि तलाक के बाद बहुएं वापस घर नहीं आती। फिर दोनों के बीच चुप्पी छा गई थी। कानपुर आ गया था। स्टेशन आने वाला था। राज बोला वापस कब जाओगी ..? रागिनी बोली आज रात यही रूकूंगी,कल की सुबह की ट्रेन से वापस जाउंगी। फिर वही खडी हो गई, राज भी खडा हो गया और पूछा” कितने बजे वाली ट्रेन से वापस जाओगी। “रागिनी बोली हम गरीब लोग हैं,रिजर्वेशन नहीं करा पता हैं, जनरल डिब्बे में सफर करते हैं। इसलिए जो भी ट्रेन मिलती है टिकट लेकर चढ जाते हैं। इतना कहकर वह नीचे उतर गई।
राज अपना सूटकेस सम्हालता हुआ उसके पीछे लपका और बोला अगर मैं रिजर्वेशन की दो टिकटें ले लूं तो मुझे पता है कि तुम मेरे साथ नहीं चलोगी लेकिन मैं तुम्हारे साथ सफर करना चाहता हूँ। जनरल में ही चल लूंगा, बताओ कितने बजे यहां मिलोगी …? रागिनी आटो में बैठती हुई बोली ” 9 बजे यहां मिलूंगी “फिर उसके देखते-देखते आटो आँखों से ओझल हो गया। राज कानपुर दो दिन के लिए आया था मगर रागिनी का साथ पाने के लिए उसने अपना शेड्यूल बदल लिया। उसने जल्दी से अपने बिजनेस का काम पूरा किया और अगले दिन सुबह साढे 8 बजे ही स्टेशन आ गया। रागिनी 9 की जगह 10 बजे स्टेशन पहुँची और बोली आप अभी तक यहीं पर हो। मैं सोच रही थी कि आप चले गये होंगे। रागिनी बहुत खुश थी। बोली मां अब बिल्कुल ठीक है।
राज बोला मैं तुम्हारा भी टिकट ले आया हूँ। अब 30 रूपये के टिकट के लिए कुछ कहना मत। रागिनी हंसते हुए बोली अभी ट्रेन आने में आधा घंटा है। चलो तब तक कुल्फी खाते हैं।पैसे मैं दे दूंगी। हिसाब बराबर हो जायेगा। इतना कहकर वह फिर मुस्कुरा दी। वह जब भी मुस्कुराती थी राज की नजर उसके चेहरे पर ठहर जाती थी। फिर दोनों ने कुल्फी खायी और तब तक ट्रेन आ गयी और फिर से एक नया सफर शुरु हो गया। मगर इस सफर में कुछ खास था। राज कुछ कहने के लिए तिलमिला रहा था। मगर डर भी रहा था कि वह मना करा देगी तो। राज नोटिस कर रहा था कि रागिनी बड़े भाई के घर से नई साडी पहन कर आई थी। वह बहुत सुन्दर लग रही थी। खिडकी से आ रही ठंडी हवा के झोंके से रागिनी के ललाट पर लटकी बालों की एक लडी झूम उठती है। उसे ऐसे देखकर राज के दिल में एहसास सा उठता है कि ये औरत कभी उसकी जिन्दगी थी मगर मैं इसे सम्हाल कर नहीं रख पाया। राज की मन: स्थिति से अनजान रागिनी बोली “क्या हुआ आप गुमशुम से क्यों हो …?” दोस्त बन कर ही सही कुछ बात तो कर लो। राज बोला मुझे दोस्ती नहीं चाहिए।

प्यार एक इमोशनल तूफान है। यह जब किसी के लिए उमड़ता है तो उसे पाने की चाहत में जोर लगाता है। ऐसे में रोमांटिक आकर्षण की भावनाएं आप पर वार करती हैं। यानी किसी खास व्यक्ति या उसके गुणों के प्रति जुनून पैदा होता है। ऐसे में खुद को दूसरे व्यक्ति के लिए काबिल दिखाने की कोशिश होती है प्यार में पड़ने के बाद हर बात पर जरूरत से अधिक सोचना कॉमन सी बात है। वे किसी की भी बात को अपने जज्बातों से जोड़कर देखने लगते हैं। ऐसे में आपको जिसके प्रति आकर्षण है उसकी हर एक्टिविटी आपका ध्यान खींचती है। साथ ही किसी और से उसकी बात करना आपको कचोटता है। प्यार की खुमारी में भावनात्मक उतार-चढ़ाव दिखना आम लक्षणों में से एक है। दरअसल, जब किसी कपल के बीच प्यार नहीं होता या भरोसा नहीं होता तो अक्सर लोग तनाव महसूस करने लगते हैं। ऐसे वे उदासी, चिंता और जलन की भावना से परेशान हो जाते हैं।
रागिनी को झटका सा लगा, बोली ” फिर क्यों मेरे साथ सफर करने के लिए उतावले थे आप” राज बोला “मुझे तू चाहिए” हमेशा के लिए। जन्मों-जन्मों के लिए। मेरे साथ हंसने के लिए, मेरे साथ रोने के लिए । वह इतनी जल्दी में ये सारी बातें बोला कि रागिनी बस उसके मुंह की ओर देखती रह गई। वह आगे बोला ” मैं गलत था, तुम्हारी कदर नहीं कर पाया।” मगर तुम्हारे जाने के बाद मुझे मेरी गलतियों का एहसास हो गया है। मुझे माफ कर दो ” कहकर वह रो पडा। रागिनी चुप हो गई, बस उसके चेहरे की तरफ देखे जा रही थी।
राज उसके दोनों हाथ पकड कर बोला ” मुझे माफ कर दे यार। मैं वादा करता हूँ अब कभी भी तुम्हारे आंसुओं की वजह नहीं बनूंगा। तू जो कहेगी वही करूंगा, प्लीज लौट आ।” रागिनी ने माथे पर साडी थोडी सी पीछे सरकाई और बोली इधर देखिये जरा।” राज ने देखा रागिनी ने मांग भर रखी थी। वह बोली मैं जानती थी आप यही सब करोगे। मैंने कल ही सोच लिया था कि अब अकेले चलने के दिन खत्म हो गये हैं। मेरा हमसफर लौट आया है। अब आगे का सफर उसी के साथ तय करना है। थक गई हूँ मैं अकेले चलते चलते। कहते हुए वह अजीब सी मुद्रा में मुस्कुराने लगी। राज बोला, मैं जानता हूँ जब तेरा दिल रोने को होता है तब तू ऐसे ही मुस्कुराती है। मत रोक इन आंसुओं को, इन्हें बह जाने दो। दिल हल्का हो जायेगा। इतना सुनते ही रागिनी का संयम जवाब दे गया। वह जोर-जोर से रोने लगी, पूरे डिब्बे के लोग उन्हें देखने लगे। मगर रागिनी ने लोगों की परवाह नहीं की। वह राज के कंधे पर सर रखकर रोती रही। कुछ देर बाद रागिनी का गांव आ गया। गाड़ी कुछ पल रूकी फिर चल पडी। रागिनी को अब वहां उतरना ही नहीं था। जिन्दगी में एक नया सफर फिर से शुरू हो गया। अब उसकी मंजिल मायका नहीं पिया का घर था। जो वर्षों से उसके लौटने का इन्तजार कर रहा था। वह अब भी राज के कंधे पर सर रखी थी। आंखें बंद कर मंद-मंद मुस्कुरा रही थी। एक मासूम बच्चे की तरह।
तुमसे जुड़ने के बाद मुझे लगा था, अब हम कभी अलग नहीं होंगे।पर कहते है न वक्त वो भी कर देता हैं जो मुमकिन नहीं होता। हम इस तरह अलग हुए जैसे कभी कहीं जुड़े ही न थे। तुम्हे पता हैं तुमसे बिछड़ने के बाद मैं, किसी के साथ जुड़ न पाए।क्योंकि,किसी से जुड़ने का अर्थ होता हैं एक दिन उससे बिछड़ना,और किसी से बिछड़ने का दुःख हमेशा, किसी से जुड़ने के सुख से ज़्यादा होता हैं। इसलिए तुमसे बिछड़ने के बाद मैने खुद को छोड़ दिया हैं ख़ुद से बिखरा हुआ…..
हर किसी के लिए प्यार का मतलब अलग-अलग होता है। किसी के लिए यह बेहद खूबसूरत एहसास होता है, तो किसी के लिए काफी दर्द भरा भी होता है। जिन्हें प्यार मिल जाता है, उनकी जिंदगी स्वर्ग जितनी सुंदर बन जाती है और जिन्हें जिनका प्यार नहीं मिलने उनके लिए जिंदगीभर का एक अफसोस मन में रह जाता है। हर रिश्ते जन्म से ही बनते हैं, लेकिन प्यार का रिश्ता बड़े होने के बाद बन जाता है और यह एक ऐसा अटूट बंधन होता है, जिसे इंसान चाह कर भी तोड़ नहीं पता है। अगर किसी से पूछा जाए कि प्यार के लिए सबसे ज्यादा हम क्या है, तो शायद वह इंसान यही कहेगा कि यह कपल की इच्छा और उनके रिश्ते पर निर्भर करता है क्योंकि हर एक रिलेशनशिप की अलग-अलग खासियत होती है। किसी के लिए म्युचुअल रिस्पेक्ट अत्यधिक जरूरी होता है, तो किसी के लिए बुनियादी जरूरत मायने रखती है।
दरअसल हर कोई भी रिश्ता इमोशनल और फिजिकल जरूरत के लिए ही नहीं होता, बल्कि यह बहुत सारी चीजों पर टिका होता है और कोई भी रिश्ता लंबे समय तक तभी मजबूत बना रहता है, जब आप दोनों ही पार्टनर्स एक-दूसरे को बहुत ही अच्छे तरीके से समझ पाते हैं। किसी भी रिलेशनशिप में कोई भी पार्टनर एक-दूसरे से वह एक बात को समझ सके क्योंकि प्यार की अदाओं से जरूरी यह चीज है कि आप उनकी कहीं बातों को समझने लगे और यही प्यार होता है। रिश्ते में गलतियां और कमजोरी समझने वाला रिश्ता सबसे ज्यादा दिनों तक टिकता है। जीवन में कुछ रिलेशनशिप ऐसे भी होते हैं जिनमें एक-दूसरे के प्रति प्यार तो बहुत ज्यादा होता है, लेकिन वह इसे दिखाने के बजाए एक-दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं। ऐसे रिश्ते इंडिविजुअल पर्सनैलिटी का हिस्सा बन जाता है। दरअसल, किसी भी रिश्ते में एक-दूसरे को समझ जाने से सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ता है। इससे दोनों ही पार्टनर्स की जिंदगी पर पॉजिटिव असर देखने को मिलता है। काश ऐसा होता..!
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