मध्यप्रदेश में टाइगर का सिर काट ले गए शिकारी, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में घुसकर शिकार, 3 दिन तक घटना छिपाते रहे अफसर।
टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में एक बार फिर से बाघ के शिकार का मामला सामने आया है। शिकारियों ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में घुसकर बाघ का शिकार किया। वे उसका सिर काटकर अपने साथ ले गए। 26 जून को एसटीआर के चूरना रेंज के डबरा देव बीट में बाघ का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला था। उसकी गर्दन कटी थी। शिकार की इस घटना को अफसर 3 दिन तक छिपाते रहे। तंत्र-मंत्र की क्रिया के लिए टाइगर की गर्दन काटकर ले जाने की आशंका है।
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की चूरना रेंज के डबरादेव इलाके में एक बाघ का क्षत-विक्षत शव मिला था। इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसे एसटीआर के जिम्मेदार अफसर दबाने के लिए 3 दिन कोशिश करते रहे। जिस बाघ का शव मिला था, उसका शिकार किया और सिर काटकर अलग कर दिया गया । बाघ की सिर का अब तक कुछ पता नही चला है। बाघ की मौत कैसे हुई? इसकी वजह बताने से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अफसर बच रहे है ।
एसटीआर में टाइगर के शिकार की पुष्टि होने के बाद अब सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा को लेकर एक बड़े सवाल उठ रहे हैं । विभाग रोजाना गश्त के दावे करता है तो आखिर कैसे एसटीआर की सुरक्षा में चूक हुई? कैसे शिकारी एसटीआर के कोर एरिए में घुसकर बाघ का शिकार कर भाग गए? पांच दिन बाद बाघ का शव मिलना रोजाना की गश्त को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
कल रात को एसटीआर के उपसंचालक संदीप फेलोज ने बाघ के शिकार होने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि बाघ का सिर काटा गया है। टाइगर स्ट्राइक फोर्स मामले में जांच कर रही है। एसटीएफ और एसटीआर की टीम कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी कर रही है। 26 जून को मिला बाघ का क्षत-विपक्ष शव लगभग 5-7 दिन पुराना था। डॉग स्क्वाड की मदद से आसपास के क्षेत्र में सर्चिंग की गई। लेकिन बाघ की मौत से संबंधित कोई सबूत नहीं मिले। वन विभाग ने शव का पोस्टमार्टम कराकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। बाघ काफी समय से इसी क्षेत्र में अपना इलाका बनाकर रह रहा था। अधिकारियों ने बाघ के शिकार की बात मानी है। एसटीएफ ने मौका स्थल का निरीक्षण कर विवेचना शुरू की है। एसटीआर से लगे भातना समेत कुछ गांवों में तलाश जारी है। कुछ संदिग्ध से पूछताछ भी जारी है। मध्यप्रदेश में टाइगर का सिर काट ले गए शिकारी