चौथे दिन भी स्वास्थ्यकर्मियों ने किया 2 घंटे कार्य बहिष्कार,लोकबंधु में हुई गेट मीटिंग।
लखनऊ। अनियमित स्थानांतरण निरस्तीकरण पर कोई निर्णय ना होते देख आज चौथे दिन भी चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने प्रातः 2 घंटे कार्य बहिष्कार कर जगह-जगह प्रदर्शन किया । पूरे प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने इसे शासन की मनमानी बताते हुए कहा कि 2 घंटे का कार्य बहिष्कार कल भी जारी रहेगा, इसके उपरांत भी अगर नीति विरुद्ध स्थानांतरणों को निरस्त नहीं किया गया तो अगले बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी, जिसमें चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के साथ ही राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से जुड़े अन्य विभाग भी शामिल हो जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।आज लखनऊ में प्रांतीय पदाधिकारियों ने एलडीए स्थित लोकबंधु चिकित्सालय मैं गेट मीटिंग की जिसमें प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश रावत एवं महामंत्री अतुल मिश्रा के साथ विभिन्न संवर्गों के अध्यक्ष और मंत्री उपस्थित रहे ।ज्ञातव्य है कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ0प्र0 के आवाहन पर स्वास्थ्यकर्मियों ने अलग अलग सांकेतिक आंदोलन के बाद 2 घंटे कार्यबहिष्कार का निर्णय लिया था।कार्य बहिष्कार प्रदेश के सभी चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सफल हुआ, साथ ही फील्ड में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने भी प्रातः 2 घंटे कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध दर्ज कराया।
महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि महानिदेशालय द्वारा स्थानांतरण नीति के विरुद्ध अनेक मान्यता प्राप्त संगठनों के पदाधिकारी विकलांग और विकलांग आश्रित दांपत्य नीति से आच्छादित 2 वर्ष से कम सेवा अवधि वाले कार्मिकों का भी स्थानांतरण कर दिया है जिसके विरोध में जगह जगह अलग-अलग चिकित्सालय में कर्मचारी एकत्रित होकर नीति विरुद्ध स्थानांतरण को निरस्त करने की मांग करते हुए नारेबाजी की और प्रदर्शन किया ।सी एच सी सरोजनीनगर में सतीश यादव के नेतृत्व में जमकर प्रदर्शन हुआ।लोहिया चिकित्सालय में डी डी त्रिपाठी सहित विभिन्न चिकित्सालयों में अनेक पदाधिकारियों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम का नेतृत्व किया।परिषद के प्रांतीय महामंत्री अतुल मिश्रा अध्यक्ष सुरेश रावत ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि तत्काल स्थानांतरण निरस्त किए जाए अन्यथा की स्थिति में कार्य बहिष्कार सांकेतिक रूप से दो घंटे के रूप में 30 जुलाई तक अनवरत चलता रहेगा । तदोपरांत बड़े आंदोलन का भी निर्णय लिया जा सकता है ।