
कोरोना कालखण्ड में लगभग 01 करोड़ प्रवासी कामगार व श्रमिकों को परिवहन निगम की बसों के माध्यम से प्रदेश में लाने तथा प्रदेश से उ0प्र0 के सीमावर्ती क्षेत्रों एवं अन्य राज्यों की ओर भेजने में राज्य सरकार सफल रही।संकट के समय हेल्थ वर्कर्स, पुलिस, प्रशासन, बैंकर्स तथा अन्य कार्मिकों के साथ ही परिवहन निगम ने भी जनता जनार्दन की सेवा में अपने को समर्पित किया, इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में कोविड प्रबन्धन बेहतरीन रहा।

परिवहन निगम ने कोरोना कालखण्ड में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार व श्रमिकों ने अपने घरों की ओर प्रस्थान किया। उस दौरान लगभग 01 करोड़ प्रवासी कामगार व श्रमिकों को परिवहन निगम की बसों के माध्यम से प्रदेश में लाने तथा प्रदेश से उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों एवं अन्य राज्यों की ओर भेजने में राज्य सरकार सफल रही। इनमें 40 लाख प्रवासी कामगार व श्रमिक उत्तर प्रदेश से जुड़े थे, जबकि लगभग 30 लाख बिहार राज्य के थे। झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा तथा असम की ओर से मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा तथा उत्तराखण्ड की ओर जाने वाले अनेक प्रवासी कामगारों व श्रमिकों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने में परिवहन निगम ने निःशुल्क अपनी सेवाएं उस दौरान प्रदान की।
परिवहन निगम कोरोना काल से उबरकर पुनः अपनी पुरातन गति को प्राप्त करते हुए अपने पुराने लाभांश को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है। प्रदेश सरकार इसमें सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि हमें तेजी के साथ अपने बस स्टेशनों को उच्चस्तरीय बस स्टेशनों के रूप में बदलना होगा। यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक जगह रेल कनेक्टिविटी हो। ऐसी स्थिति में प्रदेश के लगभग 01 लाख 10 हजार से अधिक राजस्व गांवों को जोड़ने के लिए परिवहन निगम की बसें या उनके द्वारा अनुबन्धित बसें सबसे उपयुक्त माध्यम हैं। हमें अपने बस अड्डों को हवाई अड्डों की तरह विकसित करना होगा। इस दिशा में परिवहन निगम को बेहतरीन प्रयास करने की आवश्यकता है।
रक्षाबन्धन पर्व पर परिवहन निगम की बसों में पूरे प्रदेश में सभी माताओं, बहनों व बेटियों को रात्रि 12 बजे से आगामी 12 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक, निःशुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध।