भविष्य के दृष्टिगत सभी प्राधिकरणों को लैंड बैंक विस्तार के लिए मिशन मोड में काम करना होगा। केवल यूपीसीडा के माध्यम से ही बीते 02 वर्षों में सात देशों से 3200 करोड रु0़ से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने की राज्य सरकार की नीतियों के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे।कोरोना के चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच बीते दो वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से प्रतिष्ठित इकाइयों ने यूपीसीडा के माध्यम से प्रदेश में 3700 करोड़ रु0 से अधिक का निवेश किया। आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए 10 लाख करोड़ रु0 के निवेश का लक्ष्य, इस लक्ष्य के लिए औद्योगिक विकास प्रधिकरणों को सभी जरूरी तैयारी कर लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरणों को अपने दैनिक कार्य व्यवहार मे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अनुसार काम करना होगा। अगर किसी निवेशक की एम0ओ0यू0 से लेकर इकाई स्थापना तक हर प्रक्रिया सुगमता से पूरी हो, उसे इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज की अच्छी व्यवस्था मिले तो यह प्राधिकरण के प्रति निवेशक के मन मे अच्छी धारणा का निर्माण करेगा। भविष्य के दृष्टिगत सभी प्राधिकरणों को लैंड बैंक विस्तार के लिए मिशन मोड में काम करना होगा। आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले इंडस्ट्रियल लैंड बैंक को अधिकाधिक विस्तार देना होगा। प्रदेश के विकास की दृष्टि से उपयोगी औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि की कोई कमी नहीं है। अकेले यूपीसीडा के पास ही 12,000 एकड़ से अधिक का लैंड बैंक है। नोएडा प्राधिकरण ने औद्योगिक, वाणिज्यिक, ग्रुप हाउसिंग के लिए करीब 915 एकड़ का लैंड बैंक आवंटन के लिए आरक्षित कर लिया है। इन प्रयासों को और तेज किया जाए।
यूपीसीडा पहला प्राधिकरण है, जहां ई-ऑक्शन से औद्योगिक भूखंड आवंटित किए जाते हैं। तकनीकी की मदद से हुई व्यवस्था के सरलीकरण का ही परिणाम है कि विगत 02 वर्षों में 587 औद्योगिक भूखंड आवंटित किए गए हैं। कोरोना के चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच बीते दो वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से प्रतिष्ठित इकाइयों ने यूपीसीडा के माध्यम से प्रदेश में 3700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। यूपीसीडा के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में 2,749 नई औद्योगिक इकाइयां क्रियाशील हो चुकी हैं, जबकि 2400 से अधिक इकाइयां निर्माणाधीन हैं।
प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर अविलम्ब यथोचित कार्यवाही की जाए। निर्यात प्रोत्साहन के लिए तेज प्रयास करते हुए सभी जिलों में इसके लिए नीतिगत प्रयास करना होगा। एम0एस0एम0ई0 विभाग और नियोजन विभाग परस्पर समन्वय से इसकी कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें। निर्यात प्रोत्साहन के लिए औद्योगिक इकाइयों से उनकी कार्ययोजना पर लगातार चर्चा की जानी चाहिए। प्रयास यह भी हो कि प्रदेश में इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियां अपने सी0एस0आर0 की धनराशि का प्रयोग उत्तर प्रदेश के हित में करें। इसके लिए उद्यमियों, निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्राधिकरण आई0आई0टी0, एन0आई0टी0 और राज्य सरकार के प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थानों से सतत संवाद बनाये रखें। भावी कार्ययोजना तैयार करते समय इनसे तकनीकी परामर्श लेते रहें। भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) द्वारा स्थानीय शिल्पकला को औद्योगिक स्वरूप देने के लिए अच्छा प्रयास किया गया है। निर्यात प्रोत्साहन की दृष्टि से बीडा की इकाइयों की भूमिका महत्वपूर्ण है। आगामी अक्टूबर में यहां इंटरनेशनल कालीन एक्सपो आयोजित होने जा रहा है। प्राधिकरण प्रयास करे कि वाराणसी की कालीन इकाइयां भी भदोही की ओर आकर्षित हों। बीडा को अपना लैंड बैंक बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास करना होगा।