AIRWO का पांचवा सम्मेलन,अखिल भारतीय क्रांतिकारी महिला संगठन (AIRWO) का पांचवा अखिल भारतीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न।
अजय सिंह
लखनऊ। AIRWO का 5वां अखिल भारतीय सम्मेलन 7 और 8 मार्च को कॉमरेड शर्मिष्ठा हॉल( गांधी भवन) ,बेंगलुरु में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार ,दिल्ली और छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतिनिधि भाग लिए। पूर्व मंत्री और प्रसिद्ध लेखिका बीटी ललिता ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च को”नए फ़ासीवादी परिवेश में महिलाओं के सामने चुनौतियाँ और क्रांतिकारी महिला आंदोलन का कार्य” विषय पर केंद्रित सेमिनार का आयोजन हुआ। सम्मेलन में 23 सदस्यीय केंद्रीय कमिटी और 5 सदस्यीय केंद्रीय कार्यकारिणी को चुना गया।कॉमरेड मानती सेल्वी को महासचिव और कॉमरेड उर्मिला को अध्यक्ष चुना गया।सम्मेलन ने AIRWO का कार्यक्रम व संविधान,सांगठनिक रिपोर्ट और तत्कालिक कार्य पर प्रस्ताव को स्वीकार किया।इसके अलावा सम्मेलन में निम्न प्रस्ताव पारित हुए- आरएसएस मनुवादी हिंदुत्व फासिस्ट ताकतों द्वारा पूरे देश में महिलाओं,दलितों, आदिवासियों,अल्पसंख्यकों और मेहनतकश गरीब जनता के दमन विशेषकर तथाकथित हिंदुराष्ट्र उत्तर प्रदेश में जहां फासिस्ट योगी सरकार के बुलडोजर राज में इलाहाबाद में गरीब मां और बेटी की हत्या और हाथरस में दलित युवती के गैंगरेप और हत्या के तीन जघन्य अपराधी सवर्ण दबंगों को अदालत द्वारा बरी किए जाने की तीव्र निंदा की गई।
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गैस सिलेंडर की मूल्यवृद्धि और भीषण मंहगाई के खिलाफ,CAA/ NRC के खिलाफ आवाज उठाने वाली छात्राओं गुलफिशा, सफूरा,नताशा,देवांगना और अन्य साथियों के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया,जेएनयू,दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों में फासिस्ट मोदी सरकार के दमन के खिलाफ और उन छात्राओं पर से तमाम मुकदमों को वापस लेने के पक्ष में,उच्च शिक्षा संस्थानों में एबीवीपी जैसे भगवा गुंडा संगठनों पर रोक लगाने,मासिक धर्म के दौरान सवैतनिक अवकाश के पक्ष में,छत्तीसगढ़ और झारखंड में आदिवासी बालाओं की तस्करी के खिलाफ तथा बस्तर छत्तीसगढ़ व उड़ीसा में सशस्त्र बलों द्वारा आदिवासी महिलाओं के बलात्कार और झूठे मुठभेड़ खत्म करने संबंधी प्रस्ताव पारित किए गए।सम्मेलन में ICOR ( क्रांतिकारी संगठनों का अंतरराष्ट्रीय समन्वय) , अजरा मुबीन( शाहीन बाग घंटाघर आंदोलन लखनऊ की नेतृत्वकारी कार्यकर्ता), प्रोफेसर नंदिनी धर ( क्रांतिकारी नारीवादी और लेखिका) तथा विजयलक्ष्मी( एआईएफआरटीए की केंद्रीय कमिटी सदस्य व लेखिका) की ओर से प्रेषित अभिनंदन संदेश पढ़े गए।
सम्मेलन में प्रतिनिधियों के मंथन से यह बात निकल कर आई कि मनुवादी हिंदुत्व के अपने वैचारिक आधार के साथ आरएसएस के नेतृत्व वाले इस नए फासीवादी साधन में समाज को कुछ सदियों पीछे धकेल दिया गया है ।महिलाओं की आजीविका और अधिकार छीने जा रहे हैं। मुस्लिम महिलाओ को समाज से पूरी तरह काटने की कोशिश हुई है। दलित व आदिवासी महिलाओं के साथ संघी मनुवादी फासिस्तो की सरपरस्ती में सरेआम सामूहिक बलात्कार कर जान से मार डाला जाता है। हमारे देश के सारे संसाधन अडानी, अंबानी और कॉरपोरेट गिरोहों को दे दिए गए हैं। भारतीय जनता को बहुत ही गंभीर स्थिति में पहुंचा दिया गया है।सम्मेलन में शामिल देश भर की सभी लड़ाकू महिला साथियों ने पितृसत्त्ता की संरक्षक संघी मनुवादी फासिस्ट ताकतों और उनके साथ गलबहियां करने वाले कॉर्पोरेट पूंजीपतियों के खिलाफ समान विचार वाले संगठनों के साथ मिलकर समझौतहीन संघर्ष चलाकर एक लैंगिक समानता युक्त,जाति विहीन,धार्मिक कट्टरता विहीन एक सच्चे धर्मनिरपेक्ष सामंतवादी शोषणहीन समाज की स्थापना का संकल्प लिया। AIRWO का पांचवा सम्मेलन