भाजपा सरकार में किसान उपेक्षा का शिका

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भाजपा सरकार में किसान उपेक्षा का शिका
भाजपा सरकार में किसान उपेक्षा का शिका

भाजपा सरकार में किसान उपेक्षा का शिकार है। भाजपा जबसे सत्ता में आयी है तबसे न तो किसानों को समय से खाद और बीज उपलब्ध करा पा रही है और न किसानों की फसलों का सही मूल्य दिला पा रही है। अखिलेश यादव ने कहा है कि महंगाई के कारण खेती का लागत मूल्य बढ़ गया है। लेकिन किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है।
भाजपा सरकार किसानों को धान और अन्य फसलों के लिए डीएपी, यूरिया और अन्य खाद समय से नहीं उपलब्ध करा पायी। किसान खाद के लिए लाइनों में खड़ा रहा। कई जगह किसानों पर लाठीचार्ज हुए। लाइनों में लगे-लगे किसानों की तबियत खराब हुई और कई किसानों की जान चली गयी लेकिन संवेदनहीन भाजपा सरकार ने किसानों की कोई सुध नहीं ली।

अखिलेश यादव ने कहा कि अब गेहूं, आलू, चना, मटर तथा अन्य फसलों के लिए किसानों को डीएपी और अन्य खाद की जरूरत है लेकिन सरकार की कोई तैयारी नहीं है। सरकार सो रही है। भाजपा सरकार में कालाबाजारी और मुनाफाखोरी चरम पर है। किसान अपनी मेहनत से फसल पैदा करता है लेकिन उसका लागत मूल्य भी मिलना मुश्किल हो गया है। भाजपा सरकार में आलू, गन्ना, धान, गेहूं के किसान को सही मूल्य नहीं मिल रहा है। भाजपा सरकार किसानों को धोखा दे रही है। भाजपा ने किसानों से झूठे वादे किए। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। गन्ना मूल्य को लेकर सरकार चुप्पी साध लेती है। आलू किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों को आलू का लागत मूल्य भी नहीं मिल पाया। इस सरकार में बिचौलिए हावी है।

आज बिचौलिए मुनाफा कमा रहे है, किसान खुद को ठगा महसूस कर रहा है। भाजपा सरकार जब-जब सत्ता में रहती है किसान बर्बाद हो जाता है। पूरे प्रदेश में किसानों की जमीनों और फसलों की लूट हो रही है। भाजपा सरकार के रवैये से किसान निराश और दुःखी है। 2027 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश का किसान भाजपा को सत्ता से हटाकर अपने साथ हुए धोखा और अपमान का बदला लेगा। भाजपा सरकार में किसान उपेक्षा का शिकार