यूपीएसआईएफएस के निदेशक ने विश्व में रौशन किया प्रदेश का नाम। डॉ.जी.के. गोस्वामी बने डीएसी डिग्री प्राप्त करने वाले विश्व के पहले स्कॉलर। केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने प्रदान की डीएससी डिग्री। डॉ.जी.के.गोस्वामी बने विश्व के पहले स्कॉलर
आर.के.यादव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ के निदेशक एडीजी डॉ. जीके गोस्वामी ने फॉरेंसिक के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल कर प्रदेश का नाम विश्व फलक पर रौशन किया है। दरअसल, एडीजी डॉ. जीके गोस्वामी को शनिवार को गुजरात के गांधीनगर स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) के दूसरे दीक्षांत समारोह में फॉरेंसिक विज्ञान और कानून विषय में डीएससी की डिग्री प्रदान की गयी। यह डिग्री प्राप्त करने वाले डॉ. जीके गोस्वामी विश्व के पहले व्यक्ति हैं। डा0 गोस्वामी को यह डिग्री केंद्रीय मंत्री भारत सरकार श्री धमेंद्र प्रधान ने प्रदान की। यह डिग्री पीएचडी के बाद प्रदान की जाती है। डॉ. जीके गोस्वामी बने विश्व के पहले डीएसी की डिग्री प्राप्त करने वाले विश्व की पहली शक्सियत हैं।
डॉ. जीके गोस्वामी ने बताया कि उनके शोध का उद्देश्य मूल रूप से कानून और फॉरेंसिक विज्ञान को एकीकृत करना है ताकि हर किसी को न्याय और कानून पर और विश्वास को मजबूत किया जा सके। इससे पहले डॉ. जीके गोस्वामी ने वर्ष 1997 में ड्रग केमिस्ट्री और वर्ष 2010 में लॉ से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी। इसके अलावा वर्ष 2023 में फुलब्राइट फ़ेलोशिप के तहत फ्लेक्स अवार्डी के रूप में कॉर्नेल लॉ स्कूल का दौरा किया और यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय बने। डा गोस्वामी यूपी कैडर के 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदियत्य नाथ ने डॉ. जीके गोस्वामी के इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए यूपी एसआईएफएस लखनऊ की जिम्मेदारी सौंपी थी। डा. जीके गोस्वामी यूपीएसआईएफएस के फाउन्डर निदेशक है। डॉ.जी.के.गोस्वामी बने विश्व के पहले स्कॉलर