क्या अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को दी धमकी दी.?

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10 जनपथ से मुलाकात की सूचना आने के बाद गहलोत ने राज्यपाल से होने वाली मुलाकात को टाला।आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ तो दलाल हैं-विधायक सोलंकी।तो क्या अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की धमकी दी….?

एस0 पी0 मित्तल

28 सितंबर को देर रात दिल्ली पहुंचने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के मौजूदा सियासी संकट को छोटी मोटी घटना बताया। गहलोत ने कहा कि सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष होने के नाते पार्टी की सबसे बड़ी नेता हैं। वो जो कहेगी उसे माना जाएगा। गहलोत ने रात को दिल्ली में कुछ भी कहा हो, लेकिन 29 सितंबर को दिन में जयपुर में सीएमआर और राजभवन में जबरदस्त हलचल हुई। तय कार्यक्रम के अनुसार गहलोत को दोपहर को ही जयपुर से दिल्ली रवाना होना था, इसके लिए एयरपोर्ट पर विमान भी तैयार था। लेकिन कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से मुलाकात की सूचना प्राप्त नहीं होने के कारण गहलोत की जयपुर से रवानगी टलती रही। सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी से कोई सूचना प्राप्त नहीं होने से खफा गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने का समय मांगा। राज्यपाल से मिलने का समय मांगने के साथ ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया। यह कहा गया कि सीएम गहलोत अब मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। असल में 25 सितंबर को जयपुर में जो कुछ भी हुआ उसके बाद गहलोत पर यह आरोप लगा कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं।

सीएम गहलोत राजभवन जाते इससे पहले ही सोनिया गांधी के सरकारी आवास 10 जनपथ से मुलाकात की सूचना आ गई। इस सूचना के बाद गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात को टाल दिया। चूंकि 10 जनपथ से सूचना विलंब से मिली इसलिए गहलोत रात 10 बजे दिल्ली पहुंच पाए। जानकारों की माने तो गांधी परिवार भी अभी नहीं चाहता है कि गहलोत इस तरह इस्तीफा दें। असल में 25 सितंबर को जब विधायकों की राय जानने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खडग़े और अजय माकन जयपुर आए थे, तब गहलोत के समर्थक विधायकों ने समानांतर बैठक की। यह माना गया कि विधायकों की बैठक करवाने में सीएम गहलोत की भूमिका है। इसके बाद से ही गांधी परिवार और अशोक गहलोत के बीच दूरियां बढ़ी। 29 सितंबर को तो इस्तीफे तक की नौबत आ गई। चूंकि दिन में माहौल गर्म था, इसलिए रात को गहलोत ने नरम रुख अपनाते हुए सोनिया गांधी को सर्वोपरि नेता बताया।

राठौड़ तो दलाल हैं:-

कांग्रेस के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को कांग्रेस का दलाल बताया है। सोलंकी ने कहा कि सब को पता है कि राठौड़ राजनीतिक दलाली का काम करते हैं। राठौड़ की भूमिका के बारे में सब लोग जानते हैं। इसलिए उनके किसी बयान पर प्रतिक्रिया देना समय बर्बाद करना है। सोलंकी ने यह बात राठौड़ के इस बयान पर कही जिसमें राठौड़ ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर हमले किए थे। मालूम हो कि 27 सितंबर को ही राठौड़ ने पायलट को न केवल गद्दार कहा बल्कि भाजपा से मिला हुआ नेता भी बताया। राठौड़ का कहना रहा कि सचिन पायलट भाजपा के कांग्रेस मुक्त अभियान में शामिल हैं, इसलिए राजस्थान का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। लेकिन हम वफादार कांग्रेसी कभी भी पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे।