

विशेष ड्यूटी वाले कर्मियों पर डीजी जेल का चला चाबुक। मोटी रकम देकर कमाऊ जेल पर जाने वाले कर्मियों पर लगेगी लगाम। डीजी जेल के आदेश से प्रदेश की जेलों में मचा हड़कंप। विशेष ड्यूटी समीक्षा बैठक के बाद डीजी जेल की सराहनीय पहल। डीजी जेल के आदेश से प्रदेश की जेलों में मचा हड़कंप
लखनऊ। प्रदेश की जेलों में लंबे समय से चल रहे ‘विशेष ड्यूटी’ के खेल पर अब लगाम कसने की तैयारी है। डीजी जेल के आदेश के बाद उन कर्मियों पर कड़ा शिकंजा कसा जाएगा जो मोटी रकम देकर कमाऊ जेलों में पोस्टिंग पाने की जुगत में रहते थे। विशेष ड्यूटी की समीक्षा बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। इस पहल को जेल प्रशासन में पारदर्शिता और ईमानदारी की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
मोटी रकम देकर कमाऊ जेलों पर विशेष ड्यूटी लगवाने वाले जेलकर्मियों की अब खैर नहीं। विभाग में विशेष ड्यूटी की समीक्षा के बाद नए महानिदेशक कारागार (डीजी जेल) ने कुछ आवश्यक निर्देश दिए है। इन निर्देशों के बाद वर्षों से विशेष ड्यूटी लगवाकर कमाऊ जेलों पर डेरा जमाए हुए हेड वार्डर और वार्डरों में हड़कंप मचा हुआ है। डीजी जेल के नए निर्देशों के बाद अब कोई भी हेड वार्डर और वार्डर की परिक्षेत्र के डीआईजी मुख्यालय की अनुमति के बगैर किसी भी जेल पर विशेष ड्यूटी नहीं लगवा पाएगा। इसके साथ ही विशेष ड्यूटी पर लगे कर्मियों की समय समय पर समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा है कि जिन कर्मियों के विशेष ड्यूटी की समयावधि पूरी हो गई हो उन्हें मूल तैनाती स्थल पर वापस किया जाए।
जेल अफसरों पर भी लागू हो ऐसा आदेश
जेलकर्मियों के साथ जेल अफसरों पर भी यह आदेश लागू किया जाना चाहिए। सूत्रों का कहना है स्थानांतरण सत्र के दौरान एआईजी कारागार प्रशासन ने एक एक अधीक्षक और जेलर के तबादला आदेशों के बदलकर उनकी कमाऊ जेलों पर विशेष ड्यूटी लगा दी गई। वर्तमान समय में दर्जनों की संख्या में ऐसे अधीक्षक, जेलर और डिप्टी जेलर हैं जो जेलों पर विशेष ड्यूटी के तहत लगाए गए हैं। एआईजी प्रशासन ने पहले तो एक अधिकारी का तबादला किया फिर उसके बाद एक-एक स्थानांतरित जेलर के तीन-तीन बार बदल बदलकर अस्थाई ड्यूटी लगाई गई है।
विभागीय जानकारों से मिली जानकारी के मुताबिक कारागार मुख्यालय कुछ अधिकारी विशेष ड्यूटी लगाने के नाम पर जेलकर्मियों से मोटी रकम वसूल कर उन्हें कमाऊ जेलों पर भेजने का खेल खेल रहे थे। इसकी भनक नवनियुक्त डीजी जेल पीसी मीणा को लगी। उन्होंने अधिकारियों के इस खेल पर लगाम लगाने के लिए बीती आठ अगस्त 2025 को कर्मियों की विशेष ड्यूटी को लेकर समीक्षा बैठक की। सूत्रों की माने तो इस बैठक में कई सनसनीखेज खुलासे हुए। इसमें पता चला कि कई कर्मी दो तीन माह के लिए लगाई गई विशेष ड्यूटी की समयावधि पूरी होने के बाद भी वर्षों से उसी जगह पर जमे हुए हैं।
बैठक के उपरांत डीजी जेल ने मातहत अधिकारियों की निर्देश दिया कि विभाग के किसी भी हेड वार्डर और वार्डर कर्मियों की भविष्य में डीआईजी कारागार द्वारा कोई विशेष ड्यूटी/संबद्धता बिना मुख्यालय के अनुमोदन के नहीं लगाई जाएगी। इसके साथ ही प्रशासनिक आधार को छोड़कर जो भी जेल वार्डर/हेड वार्डर विभिन्न जेलों पर संबंध हैं या विशेष ड्यूटी में है और उनकी समयावधि समाप्त हो चुकी है। उनकी तत्काल अपने मूल कारागार पर वापसी सुनिश्चित करें। इसके अलावा वर्तमान में जो भी जेल वार्डर/हेड वार्डर संबद्ध चल रहे हैं जिनका समयपूर्ण नहीं हुआ है। इनकी सभी जेल परिक्षेत्र के डीआईजी स्वयं समीक्षा कर लें कि क्या उनकी संबद्धता/विशेष ड्यूटी बनाए रखना औचित्यपूर्ण है अथवा नहीं।
नवनियुक्त डीजी जेल के इन निर्देशों से प्रदेश के जेलों में अफरा तफरी मची हुई है। विभाग के अधिकारी अपने चहेते (कमाऊ) कर्मियों को बचाने में जुट हुए है। नए डीजी जेल के यह निर्देश कितने कारागार साबित होंगे यह तो आने वाला समय बताएगा। फिलहाल इसने विभागीय अधिकारियों की मनमानी रोकने के साथ नींद जरूर उड़ा रखी है। डीजी जेल के आदेश से प्रदेश की जेलों में मचा हड़कंप