भारत में विमान दुर्घटनाओं की काली यादें ताजा

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भारत में विमान दुर्घटनाओं की काली यादें ताजा
भारत में विमान दुर्घटनाओं की काली यादें ताजा
संजय सिन्हा
संजय सिन्हा

एक भयंकर हवाई हादसे ने फिर दिल को दहला दिया है। कल्पना करते ही रोम रोम सिहर उठता है। अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गई। अहमदाबाद हवाई हादसे ने की बड़ी दुर्घटनाओं की याद दिलाई। इस ताजा हादसे ने एक बार फिर भारत के विमानन क्षेत्र में हुई बड़ी दुर्घटनाओं की भयावह यादें ताजा कर दी हैं। पिछले कुछ दशकों में भारत ने कई गंभीर हवाई हादसे देखे हैं—जिनमें हवा में हुई टक्करों, खराब मौसम के कारण हुई दुर्घटनाओं और टेबलटॉप हवाई अड्डों पर रनवे से फिसलने जैसे कई दर्दनाक हादसे शामिल हैं। आइए एक बार फिर नजर डाली जाए भारत के विमानन इतिहास की उन सबसे विनाशकारी घटनाओं पर, जिन्होंने देश को झकझोर कर रख दिया था। भारत में विमान दुर्घटनाओं की काली यादें ताजा

1.  कालीकट (कोझिकोड) हवाई दुर्घटना (7 अगस्त, 2020) : दुबई से आ रहा एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान 1344 कालीकट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई। विमान गीले रनवे से फिसल गया और दो हिस्सों में टूट गया।

2.  मैंगलोर हवाई दुर्घटना (22 मई, 2010) : एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान 812 मैंगलोर में रनवे से फिसल गया, जिसके परिणामस्वरूप 158 लोगों की मौत हो गई। विमान खाई में गिरने के बाद टूट गया।

3.  पटना हवाई दुर्घटना (17 जुलाई, 2000) : एलायंस एयर की उड़ान 7412 पटना में उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 60 से अधिक लोग मारे गए। पायलट की गलती के कारण विमान ने नियंत्रण खो दिया था जिसके कारण यह घटना हुई थी।

4.  चरखी दादरी मध्य-हवाई टक्कर (12 नवंबर, 1996) : सऊदी अरब एयरलाइंस बोइंग 747 और कजाकिस्तान एयरलाइंस इल्यूशिन आईएल-76 दिल्ली के पास टकरा गए जिससे दोनों विमानों में सवार सभी 349 लोग मारे गए। इसका कारण पायलट की गलती और हवाई यातायात नियंत्रण के साथ गलत संचार था।

5.  औरंगाबाद हवाई दुर्घटना (26 अप्रैल, 1993) : इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 491, एक बोइंग 737, औरंगाबाद से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई, एक ट्रक और बिजली के तारों से टकरा गई, जिससे 55 लोग मारे गए।

6.  इंफाल हवाई दुर्घटना (16 अगस्त, 1991) : इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 257 इंफाल के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे उसमें सवार सभी 69 लोग मारे गए।

7.  बेंगलुरु हवाई दुर्घटना (14 फरवरी, 1990) : इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 605, एक एयरबस ए 320, बेंगलुरु के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे 92 लोग मारे गए।

8.  अहमदाबाद हवाई दुर्घटना (19 अक्टूबर, 1988) : इंडियन एयरलाइंस का विमान 113 अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें 133 लोग मारे गए।

9.  बॉम्बे हवाई दुर्घटना (21 जून, 1982) : एयर इंडिया का विमान 403 बॉम्बे हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें 17 लोग मारे गए।

10. बॉम्बे एयर क्रैश (1 जनवरी, 1978) : एयर इंडिया की फ्लाइट 855 (बोइंग 747) विमान मुंबई से उड़ान भरने के बाद अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिससे उसमें सवार सभी 213 लोग मारे गए।

एअर इंडिया ने पुष्टि की है कि अहमदाबाद से लंदन गैटविक जाने वाली उड़ान संख्या AI 171  उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। अहमदाबाद से दोपहर 1338 बजे रवाना हुई इस उड़ान में बोइंग 787-8 विमान में 242 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे। इनमें 169 भारतीय नागरिक हैं, 53 ब्रिटिश नागरिक हैं, 1 कनाडाई नागरिक है और 7 पुर्तगाली नागरिक हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया। 

एन. चंद्रशेखरन ने कहा, ‘टाटा ग्रुप इस त्रासदी में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 1 करोड़ रुपये देगा। हम घायलों के इलाज का खर्च भी उठाएंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें हर जरूरी देखभाल और सहायता मिले। इसके अलावा, हम BJ मेडिकल के हॉस्टल के निर्माण में भी सहायता प्रदान करेंगे। आपको बता दूं कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के मामले में मौत या शारीरिक चोट लगने पर मुआवजा देने के नियम हैं। भारत मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, 1999 के तहत बाध्य है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। इस कन्वेंशन के अनुसार मुआवजे में शामिल हैं: 128,821 स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDRs) तक जो लगभग 1.4 करोड़ रुपये प्रति यात्री होता है। यह मुआवजा एयरलाइन की गलती के बिना भी मिलने का प्रावधान है। अगर यह साबित हो जाता है कि एयरलाइन की लापरवाही थी तो और भी ज्यादा मुआवजा मिल सकता है। यह नियम अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लागू होता है लेकिन विमानन नियामक DGCA के अनुसार, भारतीय एयरलाइंस अक्सर घरेलू उड़ानों के लिए भी ऐसा ही कवरेज देती हैं। यह घटना गहन जांच का विषय है। भारत में विमान दुर्घटनाओं की काली यादें ताजा