अशोक गहलोत से पहले सीपी जोशी कर सकते हैं राहुल गांधी से मुलाकात।सीपी जोशी से मुलाकात वाला फोटो सचिन पायलट द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट करना भी बहुत मायने रखता है।
एस0 पी0 मित्तल
पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के नामों पर 23 सितंबर की रात को राहुल गांधी ने स्वयं मंथन किया। रात 10 बजे से दो बजे तक चली, इस बैठक में राहुल के साथ चन्नी, प्रदेश प्रभारी हरीश रावत और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी थे। राहुल गांधी अभी भले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन रहे हों, लेकिन संगठन में वे सबसे ताकतवर नेता है। कांग्रेस शासित राज्य के मंत्रियों के चयन में भूमिका से राहुल गांधी की सक्रियता और व्यस्तता का अंदाजा लगाया जा सकता है। राजस्थान में भी अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी चाहते हैं कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके समर्थकों को संगठन एवं सरकार में समायोजित किया जाए। राहुल गांधी को पता है कि अशोक गहलोत अपने बूते पर सरकार चलाने में समर्थ है, लेकिन राहुल गांधी 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की जीत चाहते हैं।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन के माध्यम से गहलोत के सामने सुझाव रखे हैं, लेकिन सुझावों पर लगातार विलंब हो रहा है। ऐसे माहौल में ही 23 सितंबर को पायलट ने जयपुर में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात की है। सब जानते हैं कि जोशी सीएम अशोक गहलोत के साथ ही है और जोशी ने ही गहलोत के पुत्र को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाया है। जोशी की छवि बोल्ड राजनेताओं की रही है। सीपी जोशी चाहते तो पायलट से मुलाकात की खबर को गुप्त भी रख सकते थे, लेकिन मुलाकात को सार्वजनिक करने को सीएम अशोक गहलोत किस नजरिए से देखते हैं। हालांकि 26 अगस्त को एंजियोप्लास्टी के बाद सीएम गहलोत अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गए हैं। भले ही सीएमआर से बाहर नहीं निकले हों, लेकिन सीएमआर मंत्री परिषद और अन्य सरकारी बैठकें कर रहे हैं। लोगों से मिलना जुलना भी शुरू कर दिया है। अब सीएम गहलोत भी दिल्ली जाने की स्थिति में है।
मंत्रियों से खफा हुए थे जोशी-
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गहलोत सरकार के तीन मंत्रियों से सीपी जोशी बेहद खफा हुए। जोशी ने नाराज होकर विधानसभा को भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया। लेकिन बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आग्रह पर जोशी ने दोबारा से सत्र की शुरुआत की। जोशी ने जिन मंत्रियों पर नाराजगी जताई उनमें शांति धारीवाल, गोविंद सिंह डोटासरा और प्रताप सिंह खाचरियावास शामिल थे।