मंत्री का इस्तीफा भाजपा सरकार में दलितों का अपमान और जीरो टॉलरेंस की सच्चाई का प्रमाण।बड़े पैमाने पर भाजपा सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार उद्योग फल फूल रहा।
लखनऊ। अब तो सब एकदम साफ हो चुका है दूध का दूध पानी का पानी हो चुका है जो भारतीय जनता पार्टी दुहाई देती थी। जीरो टॉलरेंस की आज उनके मंत्री दिनेश खटीक का इस्तीफा इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सरकार में सिर्फ एक उद्योग चल रहा है। भ्रष्टाचार उद्योग और दलितों को लेकर जो झूठे प्रेम का दिखावा भारतीय जनता पार्टी करती थी, मंत्री ने अपने इस्तीफे में उसकी कलई खोल दी है।
उत्तर प्रदेश में दूसरी बार भाजपा सत्ता में काबिज हुई सरकार में कलह की खबरें सामने आ गईं है। जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री और हस्तिनापुर से विधायक दिनेश खटीक ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सरकार की कार्यप्रणाली और विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, उन्होंने अमित शाह को अपना त्यागपत्र भी भेज दिया। उन्होंने पत्र में लिखा है कि ‘नमामि गंगे’ और ‘हर घर जल योजना’ में नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज भाजपा सरकार का गठन हुआ है। इसी क्रम में दलित समाज से जुड़े होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है। जिससे पूरा दलित समाज सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है। इसके बाद भी जलशक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है और न ही मुझे किसी की सूचना दी जाती है।
कांग्रेस लगातार इस बात को कह रही है कि भाजपा सरकार में दलितों का अपमान हो रहा है सबसे ज्यादा दलितों पर अत्याचार हुआ है, हाथरस उम्भा, आजमगढ़ और लखीमपुर की वीभत्स घटनाएं इसका प्रमाण हैं।चाहें पिछली सरकार हो या वर्तमान सरकार सबमें संगठित तरीके से लूट की गई और मुख्यमंत्री जी सिर्फ अच्छे शब्दों के वाक्य बोलकर से इस हकीकत को ढकना चाहते हैं।आखिर कब तक प्रदेश की जनता को इस तरीके से गुमराह करते रहेंगे, प्रदेश के धन को जिस तरीके से लूटा और बंदर बांट किया जा रहा है। प्रदेश की जनता देख रही है और समय आने पर इसका हिसाब करेगी, वादा तो था कि नौजवानों को रोजगार देंगे लेकिन भ्रष्टाचार उद्योग लगाकर सिर्फ अपने नेताओं को इसका रोजगार दिया बाकी प्रदेष की जनता अपने को ठगा महसूस कर रही है।
उत्तर प्रदेश में जब से उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का पत्र मीडिया में वायरल हुआ तब से अधिकारियों और मंत्रियों के मतभेद जगजाहिर हो चुके। आज विभागों में ट्रांसफर को लेकर बहुत सारी कशमकश डिजिटल माध्यम से सामने आ रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि विभागों की स्थिति ठीक नहीं है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने अपने मंत्रियों के पेंच टाइट करते हुए कहा कि मंत्री अपने अधिकारियों कर्मचारियों पर अत्यधिक विश्वास ना करें। बिना पूरी पत्रावली को पढ़े उस पर हस्ताक्षर ना करें, इससे साफ जाहिर है कि उत्तर प्रदेश में अधिकारियों और मंत्रियों के बीच विश्वास की कमी आई है। यह बात मुख्यमंत्री स्वयं कहते हैं तो यह बात बिल्कुल पुख्ता हो जाती है कि प्रदेश में कहीं ना कहीं कुछ संदेहास्पद जरूर हो रहा है। अधिकारियों और मंत्रियों के पत्र डिजिटल माध्यम से जो बाहर आते हैं उसके लिए भी कहीं न कहीं सरकार ही दोषी साबित होती है, क्योंकि सरकार ने आउटसोर्सिंग और सेवा विस्तार पर ज्यादा विश्वास कर स्थाई कर्मचारियों को नजर अंदाज कर रहे हैं उसका असर यह है कि चीजें बाहर आ रही हैं। उत्तर प्रदेश में अधिकारियों का सेवा विस्तार कहीं ना कहीं विभाग के काम-काज और विकास में भी रोड़ा बन रहा है इस पर सरकार को ही निर्णय लेना है कि हम सेवा विस्तार करें या ना करें या फिर अपने स्थाई कर्मचारियों पर विश्वास कर आगे का प्रगति मार्ग अपनाते हुए आगे बढ़े।
उत्तर प्रदेश एक तरफ लखनऊ में कैबिनेट की मीटिंग हो रही थी उसी समय उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाक़ात कर रहे थे।इस भेंट मुलाक़ात को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा हो रही थी ।दूसरे डिजिटल उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी डाक्टरों के तबादलों को लेकर बहुत नाराज़ चल रहे हैं। विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने मंत्री से पूछे बिना ही ट्रांसफ़र कर दिए। इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंची तो उन्होंने तबादलों की जांच के आदेश दे दिए हैं।
मायावती ने कहा कि योगी मंत्रिमंडल में दलित मंत्री की उपेक्षा अति निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। मायावती से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मंत्री के इस्तीफे को लेकर योगी सरकार पर हमला करते हुए यह भी पूछ लिया कि अगली बारी किसकी है।मंत्री दिनेश खटीक ने अमित शाह को भेजे पत्र में इस्तीफे का जिक्र करने से पहले खुद को दलित होने के कारण नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। मंत्री के इसी आरोप पर मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि उत्तर प्रदेश भाजपा मंत्रिमण्डल के भीतर भी दलित मंत्री की उपेक्षा अति-निन्दनीय व दुर्भाग्यपूर्ण। ऐसी खबरें राष्ट्रीय चर्चाओं में हैं। सरकार अपनी जातिवादी मानसिकता व दलितों के प्रति उपेक्षा, तिरस्कार, शोषण व अन्याय को त्याग कर उनकी सुरक्षा व सम्मान का ध्यान रखने का दायित्व निभाए।
जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की खबरों के बाद मंत्री के खुले पत्र ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। मंत्री दिनेश खटीक ने गृहमंत्री अमित शाह को त्याग पत्र के साथ एक चिट्ठी लिखकर विभाग की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार की पोल खोली है।