डीजी पुलिस/आईजी जेल की सराहनीय पहल

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डीजी पुलिस/आईजी जेल की सराहनीय पहल
डीजी पुलिस/आईजी जेल की सराहनीय पहल

जनता में खूब पसंद किए जा रहे कैदियों के हस्तनिर्मित उत्पाद। शाहजहांपुर और मथुरा जेल ने अदालत परिसर में लगाई स्टाल।न्यायिक अधिकारियों ने बढ़ाया बंदियों का मनोबल।

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों के हस्तनिर्मित उत्पाद आम जनमानस में खूब पसंद किए जा रहे हैं। विभाग के मुखिया डीजी पुलिस/आईजी जेल की इस पहल की सराहना की जा रही है। लोक अदालत के अवसर पर शाहजहांपुर और मथुरा जेल ने अदालत परिसर में स्टाल लगाकर इन उत्पादों की बिक्री कराई। कैदियों के उत्पादों को न्यायिक अधिकारियों के साथ जनता ने खूब सराहना की। कम दाम पर मिल इन उत्पादों को पाकर लोग काफी खुश नजर आए। इससे प्रभावित होकर एक जेल ने तो इन उत्पादों की बिक्री के लिए जेल के बाहर आउटलेट खोले जाने ऐलान तक कर दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले शाहजहांपुर कलेक्ट्रेट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई। इस मौके पर शाहजहांपुर जेल ने जेल में निरुद्ध महिला एवं पुरुष बंदियों की हस्तनिर्मित उत्पादित वस्तुओं के प्रदर्शन और बिक्री के लिए स्टाल लगाई। इसमें कैनवास पेंटिंग, विभिन्न साइज व डिजाइन में बैग, महिला सूट, बच्चों के सूट, गमले, पौधे, पूजा हेतु आसन, भगवान जी की पोशाकें तथा अन्य उत्पाद शामिल थे। सामग्री की उच्च स्तरीय गुणवत्ता तथा कम कीमत को सभी ने बहुत सराहना की।

मुख्यालय की आदर्श कृति में पसरा सन्नाटा

प्रदेश की समस्त जेलों में बंदियों के हस्तनिर्मीत वस्तुओं को एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए कारागार मुख्यालय में आउटलेट (आदर्श कृति) खोला गया था। तत्कालीन डीजी जेल आनंद कुमार की अगुवाई में खोला गया यह आउटलेट बदहाल पड़ा हुआ है। इसमें वस्तुएं (सामान) उपलब्ध नहीं होने के कारण सन्नाटा पसरा रहता है। पहले इस आउटलेट में भदोही की कालीन से लेकर मेरठ के खेलकूद का सामान, फर्नीचर, एलईडी बल्ब, सरसों का तेल जैसी तमाम वस्तुएं मिलती थी। वर्तमान समय में इसमें चुनिंदा सामान उपलब्ध है।

जनपद न्यायाधीश ने आउटलेट से अनेक मनपसंद वस्तुएं क्रय करते हुए सभी तैयार वस्तुओं की प्रशंसा की। उन्होंने और कहा कि संपूर्ण प्रांगण में आपकी कारागार में तैयार की गई वस्तुओं की बहुत प्रशंसा हो रही है आपका सामान पूरा नहीं पड़ेगा । बहुत शीघ्र ही बिक जाएगा। इसके अलावा न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं तथा परिसर में आए हुए अन्य वादकारियों एवं जनता द्वारा एवं पुलिसकर्मियों के द्वारा अपनी-अपनी मनपसंद की वस्तुओं को क्रय किया। देखते ही देखते सारी वस्तुएं बिक गयी। जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने बताया कि जल्दी ही समस्त वस्तुएं बिक्री के लिए कारागार के मुख्य द्वार पर आम जनता के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।

इसी प्रकार मथुरा कचेहरी प्रांगण में जिला कारागार मथुरा में निरुद्ध बंदियों के द्वारा कारागार में स्वरोजगार प्रशिक्षण के दौरान तैयार किए गए सामान का स्टाल लगाया गया। इसमें भगवान की पोशाक, मुकुट, पूजा बत्ती, एलईडी बल्ब व हथकरघा में तैयार की गई विभिन्न प्रकार की सूती साड़ी व कपड़ों का प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनी में जेल अधीक्षक अंशुमन गर्ग स्वयं उपस्थित रहकर सभी कार्मिकों एवं बंदियों का उत्साह वर्धन किया गया। बंदियों के कल्याण एवं उनको अपराध की दुनिया से दूर करते हुए समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के इस सार्थक प्रयास की जिला जज, सीजेएम, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मथुरा व अन्य न्यायिक अधिकारियों द्वारा सराहना की। इस मौके पर भी लोगों ने जमकर खरीददारी की। हकीकत यह है बंदियों की हस्तनिर्मित उत्पाद लोगों को खूब रास आ रहे है। इससे बंदियों की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। डीजी पुलिस/आईजी जेल की सराहनीय पहल