
बेहोशी के चिकित्सक न होने से हर माह एक दर्जन से अधिक प्रसूताओं को किया जाता रेफर। सिजेरियन प्रसूताओं की जांच की भी सीएचसी में नहीं कोई सुविधा। जिला अस्पताल व निजी पैथालॉजी से प्रसूताओं को करानी पड़ती जांच। सिजेरियन प्रसूताओं के लिए सीएचसी में नहीं सुविधा
अयोध्या/रुदौली। सीएचसी मिल्कीपुर में बेहोशी के चिकित्सक न होने से हर महीने एक दर्जन से अधिक प्रसूताओं को जिला अस्पताल रेफर किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीएचसी में प्रसूताओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा व सिजेरियन के लिए डॉ.गुंजन यादव की तैनाती की गई है। हालांकि सीएचसी मिल्कीपुर में बेहोशी के डॉक्टर की तैनाती न होने से यहां आने वाली सिजेरियन प्रसूताओं को रेफर करना चिकित्सक की मजबूरी बन गई है।
बता दें कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरी तरह सख्त है। वहीं जिले की सीएचसी मिल्कीपुर में बेहोशी के डॉक्टर न होने से प्रसूताओं को जिला अस्पताल रेफर करना चिकित्सक के लिए सबसे बड़ी मजबूरी बन गई है। आखिर बगैर बेहोशी चिकित्सक के प्रसूताओं का सिजेरियन कैसे किया जाए। बेहोशी के चिकित्सक न होने से प्रसूता खुर्शीदा बानो, आशा, रीना पाण्डेय, लक्ष्मी व मीरा सहित एक दर्जन से अधिक को जिला अस्पताल रेफर किया जा चुका है। सीएचसी मिल्कीपुर से रेफर ज्यादातर प्रसूताओं को गंभीर स्थिति में स्थानीय निजी नर्सिंग होम जाने को मजबूर होती है जहां उन्हें मंहगे दामों पर इलाज कराना पड़ता है।
वही सीएचसी मिल्कीपुर में आने वाली सिजेरियन प्रसूताओं की जांच की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जांच कराने के लिए प्रसूताओं को जिला अस्पताल व निजी पैथालॉजी में जाना पड़ता है। बेहोशी के चिकित्सक की तैनाती सीएचसी मिल्कीपुर में नहीं है। सिजेरियन प्रसूताओं के लिए देवगांव स्थित पचास शैय्या अस्पताल से बुलाया जाता है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई माह से बेहोशी के चिकित्सक नहीं आ रही है। जिससे यहां आने वाली प्रसूताओं को समय से इलाज नहीं मिलता और उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। गंभीर स्थिति में प्रसूताओं को उनके तीमारदारों द्वारा निजी नर्सिंग होम में दाखिला कराया जाता है। सिजेरियन प्रसूताओं के लिए सीएचसी में नहीं सुविधा