अजय सिंह
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने चुनाव की बेला में भाजपा नेताओं के मुस्लिम प्रेम पर विचित्र प्रकार का आश्चर्य व्यक्त करते हुये कहा कि मुगल बादशाहों में अकबर को महान शासक कहा गया है परन्तु भाजपाईयों को औरंगजेब से अधिक प्रेम है। उन्होंने कहा कि आखिर औरंगजेब से क्या रिश्ता है? यह भी उजागर होना चाहिए है। जितनी बार भाजपाईयों द्वारा औरंगजेब का नाम जपा जाता है यदि उसकी आधी संख्या में भगवान राम का नाम शुद्ध मन से जप लें तो चुनावी वैतरणी भले न पार हो लेकिन उनका खुद कुछ कल्याण हो सकता है।श्री त्रिवेदी ने कहा कि श्रीराम मन्दिर बनने में भाजपा का कोई योगदान नहीं है। वास्तविकता यह है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस प्रकरण का पटाक्षेप किया गया है और देश और विदेश की श्रद्धालु जनता ने खुले मन से मन्दिर निर्माण के लिए दान दिया है। भाजपा के लोगों ने तो मन्दिर परिसर के निर्माण के लिए भूमि खरीद में भी घोटाला किया है जो उजागर हो चुका है।
भाजपा नेताओं का यह कहना कि श्रीराम मन्दिर के द्वार सबके लिए खुले रहेंगे अपने आप में संदेहास्पद है और यदि जन साधारण को इन क्षदमवेषधारी स्वार्थी श्रद्धालुओं की परीक्षा लेनी हो तो अनुसूचित जाति और जन जाति के लोगों से राम मन्दिर ट्रस्ट में पुजारी का आवेदन कराकर देख सकते है, कलई खुल जायेगी। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम हमारे देश की संस्कृति का केन्द्र और जन सामान्य की श्रद्धा हेतु निर्धारित परम धामों में से एक है। देश के प्रधानमंत्री ने सरकार के खजाने से वहां पर सजावट सम्बन्धी कार्य कराये हैं जिसको देश के विकास का माॅडल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि देश का विकास षिक्षा स्वास्थ एवं रहन सहन के स्तर के उन्नयन से होता है। प्रधानमंत्री की ओर से काशी विश्वनाथ धाम परिसर के लोकार्पण की बात भी स्वीकार करने योग्य नहीं है क्योंकि केवल जनता की सुगमता का ध्यान रखकर मन्दिर के चारों ओर सजावट इत्यादि की गयी है। परिसर वही था वही है और वही भविष्य में रहेगा।रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा के लोग सत्ता के नशे में यह भूल जाते है कि हमारा देश विभिन्न धर्मो, विभिन्न जातियों, विभन्न भाषाओं और विभिन्न संस्कृतियों का एक गुलदस्ता है। भारतीय जनता पार्टी के शासन में जो भी विकास हुआ है उससे जनता भलीभांति परिचित है और 2022 के चुनाव में जनता अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करते है वर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करेगी जो 2024 में केन्द्र के लिए भी खतरे की घण्टी होगी क्योंकि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश की धरती से जाता है।