UP योगी बजट में बड़ा ऐलान

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UP योगी बजट में बड़ा ऐलान
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मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 के वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्तुतिकरण के उपरान्त प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया। आज देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य द्वारा देश के किसी भी राज्य के बजट की तुलना में सबसे बड़ा बजट विधान सभा में प्रस्तुत किया गया, प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार का यह 9वां बजट। देश के संविधान के लागू होने का यह अमृत महोत्सव वर्ष,75 वर्षां की इस शानदार यात्रा के साथ ही आगामी 25 वर्षां की कार्ययोजना की दृष्टि से यह बजट अत्यन्त महत्वपूर्ण। प्रदेश सरकार लखनऊ में भारतरत्न डॉ0 बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र’ का निर्माण करा रही।वर्ष 2025-26 का यह बजट भारत की सनातन संस्कृति को समर्पित, सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा पर गरीब, अन्नदाता किसान, युवा व महिलाओं के उत्थान को समर्पित। प्रधानमंत्री जी के विजन वंचित को वरीयता दिया जाना इस बजट का केन्द्रीय भाव बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ रु. से अधिक, यह वर्ष 2024-25 की तुलना में 9.8 प्रतिशत से अधिक। बजट में कुल व्यय में 02 लाख 25 हजार 561 करोड़ 49 लाख रु0 कैपिटल एक्सपेंडिचर प्रस्तावित, इससे अवसंरचना पर धनराशि व्यय होगी, जिससे रोजगार का सृजन होगा। वर्ष 2017-18 में प्रदेश की जी0डी0पी0 12.89 लाख करोड़ रु0 से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 27.51 लाख करोड़ रु0 होने का अनुमान। प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत। नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उ.प्र. फ्रण्ट रनर राज्य की श्रेणी में बजट में 28 हजार 478 करोड़ 31 लाख रु0 का प्राविधान नयी मदों के लिए किया गया। UP योगी बजट में बड़ा ऐलान

प्रदेश सरकार ने अपने बजट में जीरो पॉवर्टी के लिए प्राविधान किये। लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर प्रदेश के हर जनपद में एक डिस्ट्रिक्ट इकोनॉमिक जोन बनाये जाने का प्राविधान। अटल जी के नाम पर नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय व डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण कार्यक्रम प्राथमिकता पर आगे बढ़ाया जाएगा। संत कबीर के नाम पर 10 जनपदां में टेक्सटाइल पार्क, संत रविदास के नाम पर 02 जनपदों में लेदर पार्क निर्मित किये जाएंगे। हर जनपद की प्रमुख मण्डी में किसानों के लिए माता शबरी के नाम पर एक विश्रामालय व एक अन्नपूर्णा कैण्टीन के निर्माण हेतु बजट में व्यवस्था। 07 जनपदों में पुण्यश्लोका माता अहिल्याबाई होलकर जी के नाम पर श्रमजीवी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाये जाने के लिए धनराशि का प्राविधान। प्रदेश की मेधावी छात्राओं को स्कूटी प्रदान करने के लिए बजट में 400 करोड़ रु0 का प्राविधान, यह योजना रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर संचालित की जाएगी। अवस्थापना विकास के लिये 01 लाख 79 हजार 131 करोड़ 04 लाख रु0 प्रस्तावित। शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट में 1,06,360 करोड़ रुपये से अधिक प्रस्तावित, यह कुल बजट का 13 प्रतिशत। कृषि तथा उसके सहायक सेक्टर के लिये कुल 89,353 करोड़ रु0 प्रस्तावित, जो कुल बजट का 11 प्रतिशत। जिला मुख्यालय वाली नगर पालिका परिषदों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर एवं कानपुर, मेरठ व मथुरा के इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रयागराज की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। समाज कल्याण हेतु बजट में 35,863 करोड़ रु0 की व्यवस्था। बजट में 04 नये एक्सप्रेस-वेज के निर्माण तथा प्रयागराज में गंगा नदी व यमुना नदी पर 01-01 नया ब्रिज बनाने के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी। लखनऊ को आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंस के क्षेत्र में हब के रूप में विकसित करने के लिए धनराशि की व्यवस्था। सभी मण्डल मुख्यालयों पर 01-01 कन्वेंशन सेण्टर, प्रत्येक ग्राम पंचायत में 01-01 उत्सव भवन निर्माण के लिए बजट में प्राविधान।

लखनऊ। आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। आज देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य द्वारा देश के किसी भी राज्य के बजट की तुलना में सबसे बड़ा बजट विधान सभा में प्रस्तुत किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार का यह 9वां बजट है। विगत 08 वर्षां में प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के विकास के लिए जो भी कदम उठाये हैं, उसके अच्छे परिणाम हमें देखने को मिले हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज यहां विधान सभा में वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा उत्तर प्रदेश का वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत किये जाने के उपरान्त तिलक हॉल में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश की आशा और आकांक्षाओं के अनुरूप बजट प्रस्तुत करने के लिए वित्त मंत्री, अपर मुख्य सचिव वित्त तथा उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के संविधान के लागू होने का यह अमृत महोत्सव वर्ष है। 75 वर्षां की इस शानदार यात्रा के साथ ही आगामी 25 वर्षां की कार्ययोजना की दृष्टि से यह बजट अत्यन्त महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री जी ने 75 वर्षां की इस यात्रा के लिए संविधान के शिल्पी बाबा साहब डॉ0 भीमराव आम्बेडकर जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार लखनऊ में भारतरत्न डॉ0 बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र’ का निर्माण करा रही है। यह केन्द्र बहुत शीघ्र बाबा साहेब के विचारों का केन्द्र बनेगा तथा संविधान की मूल भावना के अनुरूप वंचितों को वरीयता देने के कार्य को भी आगे बढ़ाएगा। इसी थीम पर वर्ष 2025-26 का बजट भी प्रस्तुत किया गया है। यह उत्तर प्रदेश की स्थापना का भी अमृत महोत्सव वर्ष है। यह दोनों कार्य जनवरी, 1950 में हुए थे।

प्रदेश में पिछले 08 वर्षां में एक निश्चित थीम के साथ बजट प्रस्तुत किया गया है। वर्ष 2017-18 का बजट अन्नदाता किसानों को समर्पित था। अन्नदाता किसानों के हितों के लिए उस समय डबल इंजन सरकार ने किसानों की ऋणमाफी, उनकी फसल क्रय करने के लिए प्रोक्योरमेण्ट सेण्टर बनाये जाने, एम0एस0पी0 का लाभ उन तक पहुंचाने, चीनी मिलों के पुनरोद्धार कार्य तथा वर्षां से लम्बित गन्ना मूल्य का समयबद्ध भुगतान किये जाने, किसानों को अच्छी किस्म के बीज और सिंचाई की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने जैसे अनेक कार्य किये। आज इनका परिणाम है कि उत्तर प्रदेश के किसानों की आमदनी को दोगुने से अधिक करने में मदद मिली है। वर्ष 2018-19 का बजट उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य की स्थिति से उबारने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा औद्योगिक विकास के लिए समर्पित था।

देश के एक्सप्रेस-वे में उत्तर प्रदेश की भागीदारी बहुत कम थी। गंगा एक्सप्रेस-वे के पूर्ण होने के साथ ही यह भागीदारी 55 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। औद्योगिक विकास की दृष्टि से उत्तर प्रदेश की पहली इन्वेस्टर्स समिट वर्ष 2018 में सम्पन्न की गयी थी। वर्ष 2019-20 का बजट महिला सशक्तिकरण को समर्पित था, जिसमें प्रदेश की मातृ शक्ति के उन्नयन के लिए अनेक योजनाएं चलायी गयीं। इनमें मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना तथा मिशन शक्ति के माध्यम से महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन को प्राथमिकता देने वाले कार्य आगे बढ़ाए गए। इसके साथ उत्तर प्रदेश पुलिस बल में महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत पद अनिवार्य करने के कार्यक्रम को प्राथमिकता देते हुए महिला सशक्तिकरण के लिए कदम उठाये गये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020-21 का बजट प्रदेश के युवाओं के विकास तथा उनके लिए अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए समर्पित किया गया था। इनमें 02 करोड़ युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण के माध्यम से उन्हें तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने जैसे अनेक कार्यक्रम शामिल हैं। वर्ष 2021-22 का बजट ‘स्वावलम्बन से सशक्तिकरण’ की थीम पर केन्द्रित था। एम0एस0एम0ई0 के क्षेत्र में प्रदेश के परम्परागत उत्पादों को बढ़ावा देने, स्वावलम्बन के माध्यम से आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने तथा इसके माध्यम से सशक्तिकरण के लक्ष्य को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया।

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वर्ष 2022-23 का बजट ‘अन्त्योदय से आत्मनिर्भरता’ की दिशा में प्रस्तुत किया गया बजट था। प्रदेश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है। इस बजट में पहली बार पंचायतों की आत्मनिर्भरता के लिए ग्राम सचिवालय के निर्माण के कार्यां को आगे बढ़ाया गया। जिसका परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में 05 से 07 रोजगार सृजन की सम्भावनाएं आगे बढ़ी हैं। वर्ष 2023-24 का बजट प्रदेश के ‘त्वरित, सर्वसमावेशी और समग्र विकास के साथ-साथ आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव को सुदृढ़ करने वाला’ बजट था।

वर्ष 2024-25 का बजट रामराज्य की अवधारणा से लोकमंगल की कामना को समर्पित बजट था। यह बजट उत्तर प्रदेश में टूरिज्म, ट्रेड व टेक्नोलॉजी में एक नया उछाल लाने वाला बजट था। पहली बार प्रदेश में 65 करोड़ से अधिक पर्यटक आये, जिनमें से 14 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक शामिल हैं। पर्यटन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर था। वर्ष 2019 के बाद से इसने गति पकड़ी और आज यह प्रथम स्थान पर आने में सफल हुआ है।

वर्ष 2025-26 का यह बजट भारत की सनातन संस्कृति को समर्पित सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा पर गरीब, अन्नदाता किसान, युवा व महिलाओं के उत्थान को समर्पित है। इसमें वंचित को वरीयता दिये जाने के प्रधानमंत्री जी के विजन को प्राथमिकता दी गयी है। वंचित को वरीयता इस बजट का केन्द्रीय भाव है।

वर्ष 2025-26 के बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ रुपये से अधिक का है। यह वर्ष 2024-25 के बजट की तुलना में 9.8 प्रतिशत से अधिक है। प्रदेश के बजट के आकार में यह बढ़ोत्तरी राज्य के सामर्थ्य को प्रदर्शित करती है। यह बजट डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। बजट में कुल व्यय में 02 लाख 25 हजार 561 करोड़ 49 लाख रुपये कैपिटल एक्सपेंडिचर प्रस्तावित है। इसके माध्यम से अवसंरचना पर धनराशि व्यय होगी, जिससे रोजगार का सृजन होगा। यह अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करता है।

वर्ष 2017-18 में प्रदेश की जी0डी0पी0 12.89 लाख करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 27.51 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसमें 03 वर्ष का कालखण्ड वैश्विक महामारी कोरोना का त्रासदी का समय था।

वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश देश की छठीं-सातवीं अर्थव्यवस्था था। आज उत्तर प्रदेश ने लम्बी छलांग लगायी है, जिसका परिणाम है कि यह देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। इसके लिए हमने रेवेन्यू लीकेज को समाप्त किया तथा तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया। राजस्व प्राप्ति के नये साधन सृजित किये गये। इन कदमों से स्वयं के कर राजस्व प्राप्तियों में वर्ष 2022-23, वर्ष 2023-24 तथा वर्ष 2024-25 के दौरान देश के सभी राज्यों में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। प्रदेश में राजस्व प्राप्ति के लिए बढ़ाये गये कदमों की पूरे देश में सराहना हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में डबल इंजन सरकार द्वारा 5-टी ट्रेड, टूरिज्म, टेक्नोलॉजी, ट्रेडिशन तथा टैलेन्ट के मंत्र पर चलकर उत्तर प्रदेश अपने लेबरफोर्स को इकोनॉमिक फोर्स के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा है। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाये जाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वर्ष 2025-26 के इस बजट से हम समयबद्ध रूप से आगे बढ़ रहे हैं। बजट में प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफ0आर0बी0एम0 एक्ट में निर्धारित 03 प्रतिशत की सीमा से कम है। यह वित्तीय प्रबन्धन तथा राजकोषीय अनुशासन का बेहतरीन उदाहरण है। नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के ‘फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स’ में 08 अंकों की बढ़ोत्तरी हुई है। व्यय की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। 08 वर्षां की अवधि में पूंजीगत व्यय 1.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा है। इस अवधि में उत्तर प्रदेश का यह अनुपात देश के सभी राज्यों के औसत से अधिक रहा है।

प्रदेश ने बेरोजगारी की दर को कम करने में सफलता प्राप्त की है। यहां अनेक रोजगार का सृजन हुआ है। प्रदेश के एम.एस.एम.ई. सेक्टर ने पूरे देश में अपनी पहचान बनायी है। लगातार प्रयासों से प्रदेश ने पिछले 08 वर्षां में लगभग 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किये हैं, जिसमें से 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में सफलता मिली है। इसके माध्यम से 60 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी प्रदान करने में सफलता मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025-26 के बजट में 28 हजार 478 करोड़ 31 लाख रुपये का प्राविधान नयी मदों के लिए किया गया है, जिसमें अवस्थापना विकास के लिये 01 लाख 79 हजार 131 करोड़ 04 लाख रुपये प्रस्तावित है। यह कुल बजट का 22 प्रतिशत है। इसमें ऊर्जा, सिंचाई, भारी एवं मध्यम उद्योग, नगर विकास, आवास एवं शहरी नियोजन तथा नागरिक उड्डयन के विकास के लिये कदम बढ़ाये गये हैं। जिला मुख्यालय वाली नगर पालिका परिषदों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। कानपुर, मेरठ एवं मथुरा के इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रयागराज की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट में 1,06,360 करोड़ रुपये से अधिक प्रस्तावित है। यह कुल बजट का 13 प्रतिशत है। अक्सर शिक्षा के लिए बजट में 06 प्रतिशत व्यय की मांग की जाती है। उत्तर प्रदेश देश के उन राज्यों में से है, जो शिक्षा पर ही 13 प्रतिशत खर्च कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत कृषि तथा उसके सहायक सेक्टर उद्यान, पशुधन, दुग्ध, मत्स्य, सहकारिता, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति के लिये कुल 89,353 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं, जो कुल बजट का 11 प्रतिशत है। चिकित्सा क्षेत्र अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसके लिए 50,550 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है, जो कुल बजट का 06 प्रतिशत है।

भारत सरकार के बजट में प्रत्येक जनपद में कैंसर डे-केयर सेण्टर चलाने की घोषणा की गयी है। इसके लिए प्रदेश के बजट में आवश्यक धनराशि की व्यवस्था की गयी है। जिससे प्रथम चरण में ही हर जनपद में कैंसर रोगियों के लिए डे-केयर सेण्टर की स्थापना की जा सके। होमगार्ड्स, पी0आर0डी0 जवान, ग्राम चौकीदार, शिक्षामित्र, बेसिक शिक्षा विभाग के अनुदेशक, आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी, ए0एन0एम0, संविदा से जुड़े एवं स्वच्छता से जुड़े सभी कार्मिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत 05 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दिया जाएगा। समाज कल्याण हेतु बजट में 35,863 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। यह धनराशि सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, महिला एवं बाल कल्याण के लिये उपयोग में आएगी। छात्रवृत्ति के लिये कुल 4,720 करोड़ रुपये से अधिक की व्यवस्था की गयी है। बजट में निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों के विवाह के लिये 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था है। सामाजिक पेंशन के लिये कुल 13,648 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।

उत्तर प्रदेश रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। यह बीमारू राज्य नहीं है। हम भारत के विकास में ग्रोथ इंजन की भूमिका निभाते हुए एक प्रगतिशील राज्य के रूप में आगे बढ़े हैं। इस बार के बजट में 04 नये एक्सप्रेस-वेज के निर्माण की घोषणा की गयी है। इसमें (1) आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक (2) गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज से मीरजापुर, वाराणसी, चन्दौली होते हुए पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने तथा पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे को इसी मार्ग से शक्तिनगर, सोनभद्र को जोड़ने के लिए घोषणा की गयी है। इसे विन्ध्य एक्सप्रेस-वे के रूप में जाना जाएगा। (3) मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे तथा (4) गंगा एक्सप्रेस-वे को बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के ल‍िए 8,08,736.06 करोड़ का बजट पेश क‍िया है, जो वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है। योगी सरकार ने बजट में खेती-किसानों सशक्त और समृद्ध बनाने की दिशा में चल रहे प्रयासों को और गति दे दी है। किसानों और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं में भारी-भरकम राशि का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2025 -2026 के बजट में प्रदेश सरकार ने महिलाओं के कल्याण और उत्थान का विशेष ख्याल रखा है। योगी सरकार उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही मेधावी छात्राओं को पात्रता के आधार पर स्कूटी प्रदान करने की नई योजना ला रही है। बजट में इसकी व्यवस्था कर दी गई है।उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवेज की कनेक्टिविटी और बेहतर की जाएगी।विधानमंडल में पेश किए गए बजट में सरकार ने चार नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 1,050 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इन एक्सप्रेसवेज के निर्माण के बाद तीन प्रमुख तीर्थ स्थलों काशी, प्रयागराज व हरिद्वार की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की तरफ से इनका निर्माण कराया जाएगा।

प्रयागराज में आवागमन को और सुगम बनाना आवश्यक है। इसके लिए शास्त्री पुल के समानान्तर गंगा नदी पर तथा यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज के समानान्तर 01-01 नया ब्रिज बनाने के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है। मॉडर्न टेक्नोलॉजी में लखनऊ को आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंस के क्षेत्र में एक हब के रूप में विकसित करने के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है। सभी मण्डल मुख्यालयों पर 01-01 कन्वेंशन सेण्टर का निर्माण कराया जाएगा। इनमें वहां के सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किये जा सकेंगे। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 01-01 उत्सव भवन निर्माण के लिए बजट में प्राविधान है। इसमें लोग शादी, मांगलिक कार्यक्रम व अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित कर सकेंगे। यह ग्राम पंचायतों के लिए एक नई उपलब्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार द्वारा विगत 08 वर्षां में उठाए गये कदमों का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश में 06 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाकर सामान्य जीवनयापन करने का एक सुगम मार्ग प्रशस्त किया गया है। केन्द्रीय बजट में इस वर्ष गरीबी का पूर्ण रूप से उन्मूलन करने के लिए महत्वपूर्ण प्राविधान किये गये हैं। भारत को 05 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए यह आवश्यक है कि वह जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करे। उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। हमारे सामने चुनौतियां भी बड़ी हैं। प्रदेश सरकार ने अपने बजट में जीरो पॉवर्टी के लिए प्राविधान किये हैं। इसके अन्तर्गत जिन गरीबों के पास कोई सुविधा नहीं है, उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है। हमारा लक्ष्य है कि ऐसे परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार भी मिल सके और उस परिवार को कम से कम 01 लाख 25 हजार की निश्चित वार्षिक आय भी हो सके।

युवाओं के लिए रोजगार, उद्यमिता और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रदेश के हर जनपद में अखण्ड भारत के शिल्पी लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर एक डिस्ट्रिक्ट इकोनॉमिक जोन बनाये जाने का प्राविधान किया गया है। यह प्रदेश के युवाओं को उन्हीं के क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। यह इकोनॉमिक जोन औद्योगिक विकास एम0एस0एम0ई0, टेक्सटाइल, एजुकेशन, हेल्थ सहित अलग-अलग क्षेत्रों में विकसित किये जाएंगे। प्रदेश सरकार संत कबीर के नाम पर 10 जनपदां में टेक्सटाइल पार्क के निर्माण के कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगी। संत रविदास के नाम पर 02 जनपदों में लेदर पार्क निर्मित किये जाएंगे। यह वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म शताब्दी वर्ष है। राज्य सरकार अटल जी के नाम पर प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय व डिजिटल लाइब्रेरी के निर्माण के कार्यक्रम को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाएगी।

राज्य सरकार प्रदेश में आउटसोर्सिंग से जुड़े कार्मिकों की न्यूनतम मजदूरी निश्चित करने की व्यवस्था करने जा रही है। इससे इन कार्मिकों को 16 से 18 हजार रुपये का न्यूनतम पारिश्रमिक सीधे उनके बैंक खाते में मिल सकेगा। इसके लिए एक निगम का गठन किया जाएगा। इस कार्यक्रम को सीधे राज्य सरकार अपने माध्यम से संचालित करेगी। आउटसोर्सिंग कार्मिक का पूरा पारिश्रमिक उसके बैंक खाते में जाना चाहिए। राज्य सरकार ने इस वर्ष उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान शुरु किया। अब तक इसके लिए 98 हजार से अधिक युवाओं ने आवेदन किया है। 76 हजार आवेदन बैंकों को प्रेषित किये जा चुके हैं। 16 हजार मामलों में ऋण स्वीकृत हो चुके हैं। 06 हजार लाभार्थियों को ऋण वितरित भी किये जा चुके हैं। इस अभियान के अन्तर्गत प्रदेश सरकार ने आगामी वर्ष हेतु 01 लाख युवा उद्यमियों के लिए 01 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की है।

उत्तर प्रदेश ने वानिकी के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। प्रदेश का वनाच्छादन बढ़ा है। विगत 08 वर्षां में राज्य सरकार ने 210 करोड़ पौध रोपण के वृहद लक्ष्य को प्राप्त किया है। गत वर्ष ‘एक पेड़ माँ के नाम’ कार्यक्रम को राज्य सरकार ने बेहतर ढंग से बढ़ाया, जिसमें 36 करोड़ से अधिक पौधे रोपे गये हैं। प्रदेश सरकार वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के कार्य को आगे बढ़ा रही है। यह विश्वविद्यालय औद्यानिक फसलों को भी प्रोत्साहित करेगा। वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु बजट में धनराशि की व्यवस्था की गयी है। राज्य सरकार अन्नदाता किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने के लिए लखनऊ में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह के नाम पर एक सीड पार्क स्थापित करेगी। इसके लिए बजट में 251 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों की उन्नति के लिए यू0पी0 एग्रीज योजना के अन्तर्गत 26 जनपदों में 04 हजार करोड़ रुपये के निवेश के कार्य को आगे बढ़ाया है। छाता चीनी मिल की क्षमता विस्तार के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है। पिपराइच चीनी मिल के इण्टीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेक्स में डिस्टिलरी के निर्माण हेतु भी धनराशि की व्यवस्था बजट में की गयी है।

प्रदेश में हर जनपद की प्रमुख मण्डी में पहले चरण में किसानों के लिए एक विश्रामालय व एक अन्नपूर्णा कैण्टीन के निर्माण हेतु बजट में व्यवस्था की गयी है। यह अन्नपूर्णा कैण्टीन माता शबरी के नाम पर संचालित होगी। जिसमें किसानों के लिए बहुत कम मूल्य पर भोजन उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कारण किसानों, उनके परिवार के सदस्यों अथवा किसानों से जुड़े उनके सहयोगी अन्य किसानों की मृत्यु होने पर मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत 1,050 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं। इसके माध्यम से उन्हें 05 लाख रुपये के बीमा कवर से जोड़ा गया है। निराश्रित गोवंश के रख-रखाव हेतु 02 हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं।

प्रदेश की मेधावी छात्राओं को स्कूटी प्रदान करने के लिए बजट में 400 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। यह योजना रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर संचालित की जाएगी। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अब तक लगभग 04 लाख बेटियों की शादी की गयी है। इस योजना के तहत 51 हजार रुपये प्रति जोड़ा अनुदान राशि को बढ़ाकर 01 लाख रुपये किया गया है। विधवा पुनर्विवाह हेतु प्रोत्साहन राशि 11 हजार रुपये तथा निराश्रित महिलाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु अनुमन्य सहायता राशि 10 हजार रुपये को बढ़ाकर 01-01 लाख रुपये कर दिया गया है। प्रदेश के 07 जनपदों-वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी, आगरा में पुण्यश्लोका माता अहिल्याबाई होलकर जी के नाम पर श्रमजीवी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाये जाने के लिए धनराशि का प्राविधान किया गया है। यह माता देवी अहिल्याबाई होलकर का 300वां जयन्ती वर्ष है। उनकी स्मृति में यह योजना प्रारम्भ की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय के लिए 971 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि आस्था का सम्मान करने के लिए प्रदेश सरकार ने इस बजट में अनेक प्राविधान किये हैं। प्रयागराज महाकुम्भ की सफलता सभी के सामने है।  महाकुम्भ के कारण अर्थव्यवस्था में 03 लाख करोड़ रुपये से अधिक वृद्धि की सम्भावना व्यक्त की गयी है। अयोध्या क्षेत्र में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए 150 करोड़ रुपये तथा मथुरा-वृन्दावन हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। श्रीबांके बिहारी जी मंदिर मथुरा-वृन्दावन कॉरिडोर के निर्माण हेतु 150 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। जनपद मीरजापुर में माँ विन्ध्यवासिनी धाम तथा इससे जुड़े त्रिकोणीय क्षेत्र के विकास हेतु 200 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं। नैमिषारण्य में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये तथा यहां वेद विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। चित्रकूट में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। यह सभी कार्य बजट के माध्यम से पूर्ण किये जाएंगे। UP योगी बजट में बड़ा ऐलान