कारागार विभाग में 80 प्रतिशत तबादले निजी अनुरोध पर, 12 प्रतिशत समयपूर्ण और 8 प्रतिशत प्रशासनिक आधार पर, बाबुओं की मनमानी वसूली से जेलकर्मियों में आक्रोश। बाबुओं की मनमानी वसूली से जेलकर्मियों में आक्रोश
लखनऊ। प्रदेश कारागार विभाग के तबादलों में अजब गजब कारनामे प्रकाश में आ रहे हैं। विभाग में अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों के 80 प्रतिशत तबादले निजी अनुरोध पर किए गए है। 8 प्रतिशत तबादले प्रशासनिक आधार पर और 12 प्रतिशत तबादले समयपुर्ण होने पर किए गए है। निजी अनुरोध पर लूट मचाने वाले बाबुओं पर आईजी साहब कब कार्यवाही करेंगे यह सवाल विभागीय कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कारागार विभाग में स्थानांतरण सत्र के दौरान बड़ी संख्या में अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों, लिपिकीय संवर्ग और फार्मासिस्ट के तबादले किए गए। सूत्रों के मुताबिक जेल विभाग में करीब तीन सौ से अधिक सुरक्षाकर्मियों के तबादले किए गए। इसमें 80 प्रतिशत तबादले निजी अनुरोध और 8 प्रतिशत प्रशासनिक आधार पर किए गए है। प्रशासनिक आधार पर उन कर्मियों के तबादले किए गए जोकि जेलों पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की पैरवी करते रहे हैं। इसी प्रकार करीब चार दर्जन से अधिक डिप्टी जेलर के तबादले किए गए। इनमे भी अधिकांश निजी अनुरोध पर किए गए। इसी प्रकार अधीक्षक और जेलर के तबादलों में भी जमकर वसूली की गई। विभाग की ओर से जारी की गई तबादला सूचियों में निजी अनुरोध (सुविधा शुल्क लेकर मनमाफिक जेल पर) का बोलबाला देखने को मिला।
आईजी साहब कब होगी दोषी बाबुओं पर कार्यवाही
स्थानांतरण सत्र के दौरान बेतरतीब तरीके से तबादले किए गए। इन तबादलों में निजी अनुरोध के नाम पर बाबुओं ने सुरक्षाकर्मियों से जमकर वसूली की। वसूली के इन आरोपियों को कब दंडित किया जाएगा। यह सवाल विभागीय कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। बीते दिनों आईजी जेल ने पत्रावली और तबादलों में धांधली करने वाले दो बाबुओं को निलंबित किया। अन्य दोषियों पर आईजी साहब कब कार्यवाही करेंगे। विभागीय कर्मियों में इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक अधीक्षक जेलर संवर्ग के संजय श्रीवास्तव (निलंबित), विनय रावत (निलंबित), प्रशांत बाजपेई,डिप्टी जेलर संवर्ग की अनिल कुमार वर्मा और वार्डर, हेड वार्डर संवर्ग के तबादलों की प्रक्रिया को राधेश्याम, संतोष समेत अन्य बाबुओं ने अंजाम दिया। इन बाबुओं ने निजी अनुरोध की आड़ में अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों से जमकर वसूली करते हुए मनचाही जेलों पर तैनात करवाया है। यह मामला विभागीय अधिकारियों और कर्मियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह को अटकलें लगाई जा रही है। उधर पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार पीवी रामाशास्त्री और मुख्यालय के आला अफसर इस मसले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। बाबुओं की मनमानी वसूली से जेलकर्मियों में आक्रोश