[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”] सपा सुप्रिमो अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना की बीमारी फिर दस्तक दे रही है। प्रदेश में सक्रिय केस बढ़ रहे हैं। राजधानी लखनऊ तक इसका प्रकोप महसूस किया जाने लगा है। विशेषज्ञ चौथी लहर की आशंका बता रहे हैं। जून-जुलाई में संक्रमण का पीक आ सकता है। भाजपा की राज्य सरकार ने लगता है पिछले कोरोना लहर की भयावहता से कोई सबक नहीं सीखा है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को देखते हुए दहशत के हालात बनने के आसार हैं।भाजपा सरकार ने कोरोना के प्रकोप में जनता को पिछले पांच साल अनाथ छोड़ दिया था। तब लाखों मौते होने की खबरें आई हैं। लॉकडाउन की अवधि में जनता को बहुत बुरे दिन देखने पड़े थे। उन दिनों की याद आज भी सिहरन पैदा करती है।
भाजपा सरकार स्थिति की समीक्षा की नौटंकी कर रही है। वह ऐसा जता रही है जैसे कि वह सत्ता में अभी आई है जबकि यह तो निरन्तरता की सरकार है। पिछले दिनों भी यही सरकार थी और मुख्यमंत्री जी भी वही हैं। मुख्यमंत्री जी की बैठकों का जमीन पर कोई असर नहीं है। इसलिए मंत्रियों को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। प्रदेश के नए चिकित्सा एवं स्वास्थ्यमंत्री अपनी ही विभागीय अव्यवस्था से क्षुब्ध हैं।उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत बेहद निराशा जनक है। तमाम शासकीय निर्देशों के बावजूद कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। अस्पतालों में न पर्याप्त डॉक्टर हैं और नहीं दवाओं का समुचित प्रबन्ध है। अस्पतालों में मरीजों की लम्बी-लम्बी लाइने लगती हैं। दवाएं उपलब्ध नहीं है।सच तो यह है कि भाजपा सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कानून व्यवस्था के सभी मोर्चों पर पहले से भी ज्यादा विफल साबित हो रही है। जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है। समाजवादी पार्टी लगातार प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाती रही है। भाजपा सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र में बदइंतजामी से लगता है कि वह हालात के और भयावह होने का इंतजार कर रही है।