सैंतीस साल बाद हुई बीमारी में वायु सेना नहीं इंकार सकती दिव्यांगता पेंशन

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सैंतीस साल बाद हुई बीमारी में वायु सेना नहीं इंकार सकती दिव्यांगता पेंशन

लखनऊ। देश की वायुसीमा की चौकसी से सैंतीस साल सुरक्षा करने वाले गोरखपुर निवासी जगदीश प्रसाद गुप्ता को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सशत्र-बल अधिकरण, लखनऊ से दिव्यागता पेंशन दिए जाने का आदेश दिया। मामला यह था कि, जगदीश प्रसाद सन 1980 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए, करीब सैंतीस साल सेवा के बाद उन्हें हायपरटेंशन की बीमारी हो गयी जिसकी जांच-पड़ताल एयर फ़ोर्स की सत्रहवीं विंग के अस्पताल गोरखपुर में की गयी और, तीस फीसदी बीमारी से ग्रसित होने के कारण उसे वायु सेना से डिस्चार्ज करते हुए उसकी दिव्यांगता पेशन को ख़ारिज कर दिया । सैंतीस साल बाद हुई बीमारी में वायु सेना नहीं इंकार सकती दिव्यांगता पेंशन

वायु सैनिक अपने हक़ के लिए दिल्ली स्थित वायु सेना मुख्यालय तक गुहार लगाई लेकिन, उसकी सभी अपीलों को खारिज कर दिया, उसके बाद उसने सशत्र-बल अधिकरण, लखनऊ में बार के पूर्वमहामंत्री रहे अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय एवं संदीप त्रिपाठी के माध्यम से वाद दायर किया जिसकी, सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रवीन्द्र नाथ कक्कड़ (रि0) एवं वाईस एडमिरल अतुल कुमार जैन (रि0) की खण्डपीठ ने कहा कि, हाईपर टेंशन की बीमारी को लेकर किसी प्रकार का विवाद न होने के बावजूद भी वायु सेना ने याची को उसका लाभ नहीं दिया जबकि, उसे यह मिलना चाहिए था, न्यायालय ने 2020 से लेकर 2023 तक वायु द्वारा जारी किए गए सभी आदेशों को निरस्त करते हुए आदेशित किया कि, वायु सेना चार महीने के अंदर वायु सैनिक को लाभ दे दे नहीं तो उसे आठ फीसदी ब्याज देना होगा। सैंतीस साल बाAir Force cannot deny disability pension in case of illness after thirty-seven yearsद हुई बीमारी में वायु सेना नहीं इंकार सकती दिव्यांगता पे