आखिर क्यों छोटो पर चाबुक बड़े पर मेहरबानी

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आखिर क्यों छोटो पर चाबुक बड़े पर मेहरबानी
आखिर क्यों छोटो पर चाबुक बड़े पर मेहरबानी

छोटो पर चाबुक बड़े पर मेहरबानी आखिर इन खनन माफिया पर क्यों नहीं होती कार्यवाही।क्या खनन माफ़िया इतने पावरफुल की सत्ता पक्ष के लोग बोल पा रहे है न विपक्ष के। आखिर क्यों छोटो पर चाबुक बड़े पर मेहरबानी

योगेन्द्र यादव

अयोध्या/तिहुरा माझा। एक तरफ़ योगी मोदी लाख भरस्टाचार मुक्त की बात करे लेकिन हकीकत कुछ और बया कर रही है। ये तस्वीर अयोध्या के तिहरा माझा की है। जहाँ बालू खोदने का पट्टा नहीं है। लेकिन दिन रात जे सी बी पुकलैंड गरज रही और इतने बड़े पैमाने की खोदाई में न पुलिस झाक रही है न खनन न ही राजस्व टीम। यही अगर ट्रॉली से कोई खोदकर गरीब व्यकित अपने घर बनाने के लिए ले जा रहा होता तो यही तंत्र उसे माफिया घोषित करने में लगा जाता है। तस्वीरे को कोई झूठा न साबित करे इसलिय तस्वीरे गूगल स्टाम्प कैमरा से ली गयी है। अब सवाल ये उठता है कि आस-पास के ग्रामीण बता रहे है। पानी घटने के बाद ये बड़े पैमाने पर खोदाई की जा रही है तो इतना बड़ा खनन कौन करवा रहा है।

जिसे न पुलिस देख रही है न ही खनन न राजस्व जिसने खुदाई कर कई करोड़ो के राजस्व की क्षति कर डाली। लेकिन निगाह तो है कौन हेलमेट लगा कर नही जा रहा है या किसने बिना नक्शा के बिना सुबिधा शुल्क के घर बना लिया। आखिर क्या किसी ठेकेदार द्वारा अवैध खनन कर खुदाई की जा रही। अगर हां तो फ्री की खुदाई के लिये करोडो करोड़ सरकारी भुगतान क्यों। आखिर क्यों चूसा जा रहा है जनता के खून पसीने के टैक्स के पैसे को। आखिर इन बाहुबलियों खनन माफियाओं पर कौन है मेहरबान।सूत्रों के मुताबिक यदि कोई सिकायत कर्ता है तो अधिकारी के खाना पूर्ति तक कार्य रोका जाता है। फिर खुदाई पर खुदाई जाति बाद पर ओट देने वाली जनता को जरूर सोचना चाहिए हो कोई भी खून उन्ही का चूसा जाएगा।

आखिर क्या इन खनन माफियाओं पर कार्यवाही होगी या उन्हें कुछ भी करने की छूट है। कार्यवाही हमेशा छोटे लोगो पर होगी। खनन अधिकारी अयोध्या का कहना है कोई बालू घाट या खनन पट्टा आवंटित नही है तो कौन कर रहा है। खनन क्या यह एक सिस्टम है जिसकी जड़े नीचे से ऊपर तक फैली है।आखिर कौन है मेहरबान जो न किसी पुलिस को दिख रहा न छोटे से लेकर बड़े जनप्रतिनिधि को दिख रहा है।अयोध्या से दिल्ली का हाल देख लेते है उन्हें उनके अयोध्या में ही नही दिख रहा है।आखिर क्या खनन माफिया इतने शक्तिशाली है कि किसी को दिखाई नही दे रहे है आखिर इन पर कार्यवाही कब होगी। आखिर क्यों छोटो पर चाबुक बड़े पर मेहरबानी