लखनऊ। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने अदाणी पर करोड़ो के रिश्वत को लेकर अमेरिकी अदालत में लगे आरोप को राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पर गहरा आघात करार दिया है। उन्होनें देश के गरीब तथा मध्यम वर्ग के साथ राष्ट्रीय हित से जुडे इस गंभीर मसले को संसद के सत्र में विपक्ष की ओर से सरकार की जबाबदेही तय करने के लिए जोरदार ढंग से उठाए जाने का भी ऐलान किया है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि अमेरिका के न्यूयार्क अदालत में गौतम अदाणी समेत उनकी कंपनी पर सौर उर्जा अनुबन्ध को लेकर भारत में दो हजार दो सौ छत्तीस करोड़ की रिश्वत का गंभीर आरोप लगा है। उन्होने कहा कि अदाणी समूह पर आरोप के मुताबिक यह रिश्वत एक बड़ा ऊंचे दाम पर ठेका मिलने के लिए दिया गया। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि आश्चर्य यह है कि ये आरोप अदाणी समूह पर हैं और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जाने क्यूं इसके बचाव में जी जान से जुट गया है। उन्होनें कहा कि देश यह भी जानना चाहेगा कि गरीब व मध्यम वर्ग से जुड़े सौर ऊर्जा के क्षेत्र में इस बड़े घोटाले को लेकर भाजपा के पेट में क्यूं दर्द उठा है। अदाणी पर अमेरिकी अदालत में लगे करोड़ो के आरोप
अडानी समूह ने अमेरिकी अदालत में अपने खिलाफ लगे रिश्वतखोरी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है। अडानी समूह की यह प्रतिक्रिया अमेरिकी न्याय विभाग की उस कार्रवाई के बाद आई है। जिसमें गौतम अडानी सहित अन्य पर सौर ऊर्जा अनुबंधों में रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया है।
उन्होनें कहा कि रिश्वत के आरोप का बचाव तो अदाणी एण्ड कंपनी को करना चाहिए पर यहां तो भाजपा के प्रवक्ता तक इस घोटाले के बचाव में मैदान संभाल चुकें हैं। उन्होनें भाजपा पर यह भी तंज कसा कि कहीं राज को राज रहने दो को लेकर तो भाजपा इस मुददे पर इतनी चिंतित और विचलित नही हो उठी है। उन्होने कहा कि अदाणी समूह पर भ्रष्टाचार के इस गंभीर आरोप के बचाव में सत्तारूढ़ दल बीजेपी की चिन्ता से लोगों के मन में यह भी आशंका उत्पन्न हो गयी है कि दाल में कुछ न कुछ तो काला है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस और इण्डिया गठबंधन दो हजार करोड़ से अधिक के इस घोटाले पर संसद के सत्र में इस मामले के साथ अदाणी समूह की कामकाज के सभी बिंदुओं को लेकर संयुक्त संसदीय समिति से जांच को लेकर सरकार की जबाबदेही सुनिश्चित कराने के लिए अहम मुददा उठाएगी।
अमेरिका के न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी समेत 8 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगाए हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का आरोप है कि भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को करीब 2110 करोड़ रुपए (250 मिलियन डॉलर) की रिश्वत देने का वादा किया था। इस मामले में गौतम अडानी के अलावा उनके भतीजे सागर अडानी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल पर रिश्वत के आरोप लगाए गए हैं।
यह खबर सामने आने के बाद आज प्री-ओपन सेशन में अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में लोअर सर्किट लग गया।अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।
उन्होने कहा कि शीर्ष भारतीय कारोबारी पर विदेशी देश की अदालत में आरोप लगने से वैश्विक मंच पर देश की छवि पर भी आंच आयी है। उन्होनें कहा कि सरकार की नैतिकता तो यह होती कि वह इस गंभीर आरोप को देखते हुए अदाणी को गिरफ्तार कर अमेरिका के हवाले करती। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने उत्तर प्रदेश में उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा पर सभी मान्य परम्पराओं को तोड़ने का आरोप लगाया है। उन्होनें कहा कि सरकार ने उपचुनाव को जबरिया जीतने के लिए जिस तरह से खुलकर अलोकतांत्रिक हथकण्डे अपनाए उस पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। उन्होनें कहा कि आयोग के निर्देशों के विपरीत पुलिस द्वारा वोटर आईकार्ड की चेकिंग तथा बैरीकेटिंग से मतदान को रोका जाना निष्पक्ष चुनाव को दागदार बना गया है।
अदाणी पर क्या हैं आरोप
न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट के आदेश में कहा गया, “2020 से 2024 के बीच, एक भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने, जो एक भारतीय समूह की पोर्टफोलियो कंपनी थी और अमेरिकी एक्सचेंज पर सूचीबद्ध थी, कनाडा के एक संस्थागत निवेशक के साथ मिलकर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश रची। इस साजिश का उद्देश्य भारतीय सरकारी संस्थाओं के साथ लाभदायक सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंधों को सुनिश्चित करना था।”
अदाणी पर अमेरिकी अदालत में लगे करोड़ो के आरोप