संत सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता-योगी

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संत सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता-योगी
संत सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता-योगी

सत्ता का कभी गुलाम नहीं हो सकता है कोई संत या योगी। योगी ने चंदौली में अघोराचार्य बाबा कीनाराम के 425 वें अवतरण समारोह में लिया हिस्सा, कहा: चमत्कारों से भरे हुए हैं बाबा कीनाराम के किस्से। योगी ने कहा: बाबा कीनाराम ने तो तत्कालीन शासक शाहजहां को भी डपटकर भगाने का किया था कार्य, समाज के कल्याण के लिए बाबा ने किए अनेक कार्य। हम सबके सामने है बाबा कीनाराम की दिव्य साधना का परिणाम, काशी में स्थापित क्रीं कुण्ड भारत की सभी साधना विधियों को जोड़ने का है परिणाम। सीएम योगी ने कहा: देश इसलिए गुलाम हुआ क्योंकि विदेशी आक्रांता समाज को बांटने में सफल हुए, संत तो सारे समाज को एकजुट कर अपने पदचिह्नों पर चलने के लिए करता है प्रेरित। संत सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता-योगी

चंदौली। कोई संत, महात्मा व योगी कभी भी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। बल्कि वह अपने कदमों पर समाज को चलने के लिए प्रेरित करता है। यही कार्य बाबा कीनाराम ने आज से चार सौ पच्चीस वर्ष पहले जन्म लेकर दिव्य साधना के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किया था। रविवार को योगी आदित्यनाथ ने अघोराचार्य बाबा कीनाराम की जन्मस्थली पर आयोजित 425 वें अवतरण समारोह में हिस्सा लेकर ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि देश इसलिए गुलाम हुआ क्योंकि विदेशी आक्रांताओं ने देश और समाज को बांटने में सफलता पायी। वहीं, संत व संन्यासी की सारी सिद्धि व साधना, राष्ट्रहित, समाज हित और मानव कल्याण में निहित होती है योगी ने बाबा कीनाराम के श्री चरणों में कोटि-कोटी नमन अर्पित करते हुए कहा कि मेरा कार्यक्रम तो सोनभद्र में था मगर उनकी कृपा से मुझे यहां आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वे जन्म से ही एक दिव्य विभूति थे। एक कुलीन परिवार में उनका जन्म हुआ। साधना के माध्यम से उन्होंने सिद्धि प्राप्त की। सिद्धि प्राप्त करने के बाद अक्सर होता है कि व्यक्ति मद में कुछ नहीं देखता, किसी को कुछ नहीं समझता। लेकिन, बाबा ने अपनी साधना व सिद्धि का उपयोग राष्ट्र व लोक कल्याण के लिए किया। एक तरफ उन्होंने दलितों को आदिवासियों को और समाज के विभिन्न तबकों को जोड़ने का काम किया। बिना भेदभाव के एक ऐसे समाज की उन्होंने अलख जगाई, जो किसी संत, अघोराचार्य या योगी के द्वारा ही संभव था।

शासन को लगाई थी फटकार, समाज को जोड़ने का किया कार्य

योगी ने कार्यक्रम में बाबा कीनाराम की जीवन से जुड़ी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उच्च कुलीन परिवार जन्म लेने के बाद भी उन्होंने बड़ी संख्या में जनजातियों व यहां के रहवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए। दूसरी तरफ, मुगलों को सबक सिखाने के लिए शाहजहां को भी डपटकर भगाने का कार्य उन्होंने किया था। उन्होंने उस समय के शासन को फटकार लगाई थी। ये चीजें दिखाती हैं कि एक संत और योगी कभी सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता। उनके चमत्कार के कई किस्से हैं। उन्होंने भारत की सभी साधना विधियों को एक साथ जोड़कर काशी में क्रीं कुंड की स्थापना की। उनकी शक्ति और पवित्रता का प्रमाण हम सबके सामने है। सीएम योगी ने कहा कि जब चंदौली में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा था उस समय हमारे यहां के विधायक व सांसद ने प्रस्ताव रखा था कि बाबा के नाम पर कुछ होना चाहिए तो मैंने कहा था कि मेडिकल कॉलेज से बेहतर क्या हो सकता है। ये हमारा सौभाग्य है कि पूज्य बाबा के नाम पर बन रहा मेडिकल कॉलेज अब लोगों के उत्तम स्वास्थ्य और आरोग्यता का माध्यम बनेगा।

लोकमंगल के कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर लें हिस्सा

योगी ने कहा कि हममें भला कहां सामर्थ है, ये जो कुछ भी है वह बाबा की ही प्रेरणा से हो सका है। मुझे यहां आकर बेहद प्रसन्नता हो रही है क्योंकि समाज का हर तबका यहां आता है। उस समय बाबा कीनाराम द्वारा शुरू किए गए समाज सुधार के कार्यक्रमों को अघोर पीठ ने आज भी जारी रखा है। विवधा विवाह, स्त्री शिक्षा, कुष्ठ रोगियों की सेवा, दीन व दुखियों के साथ खड़ा होना, लोकमंगल के कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने बाबा कीनाराम जी के प्रति सच्ची आस्था व निष्ठा का मार्ग प्रशस्त करेगा। याद रखें, हमारा हर काम देश के नाम होना चाहिए। राष्ट्र प्रथम के भाव के साथ हमें कार्य करना होगा।

अघोराचार्य बाबा कीनाराम की जन्मस्थली पर आयोजित 425 वें अवतरण समारोह में अघोराचार्य बाबा सिद्घार्थ गौतम राम, पूर्व केंद्रीय मंत्री और चंदौली के पूर्व सांसद डॉ. महेंद्रनाथ पाण्डेय, राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह, साधना सिंह, विधायक सुशील सिंह,कैलाश खरवार,रमेश जायसवाल,सूर्य मणि त्रिपाठी,जिला पंचायत अध्यक्ष भीमानंद शर्मा,भाजपा के जिला अध्यक्ष काशीनाथ सिंह तथा बाबा कीनाराम के अघोरपीठ से जुड़े भक्तगण उपस्थित रहे। संत सत्ता का गुलाम नहीं हो सकता-योगी