संभल घटना सोची समझी रणनीति-अखिलेश

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संभल घटना सोची समझी रणनीति-अखिलेश
संभल घटना सोची समझी रणनीति-अखिलेश

सपा सुप्रीमों पूर्व मुख्यमंत्री एवं कन्नौज से लोक सभा सदस्य अखिलेश यादव ने आज कहा कि संभल की घटना सोची समझी रणनीति के तहत योजनाबद्ध तरीके से हुई है। संभल सदियों से भाईचारे और सौहार्द के लिए जाना जाता है। सब मिलजुलकर रहते हैं लेकिन इस घटना के जरिए संभल के भाईचारे को गोली मारी गयी है। घटना साजिश है। ये जो भाजपा के सहयोगी और समर्थक देश के कोने कोने में बार-बार खुदाई की बात कर रहे हैं, इससे हमारे देश का सौहार्द, भाईचारा और गंगा जमुनी तहजीब खो जाएगा। संभल का माहौल विगाड़ने में याचिका कर्ता के साथ, पुलिस प्रशासन के लोग जिम्मेदार है। दोषी अधिकारियों को निलम्बित करना चाहिए। इनके खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए जिससे लोगों को इंसाफ मिल सके, भविष्य में संविधान के खिलाफ और गैरकानूनी घटना न हो। संभल घटना सोची समझी रणनीति-अखिलेश

ये लड़ाई दिल्ली और लखनऊ की है। दिल्ली की सत्ता में बैठे भाजपा के नेता जिस रास्ते से पहुंचे है, लखनऊ की सत्ता में बैठे भाजपा वाले भी उसी रास्ते से दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव को देखते हुए संभल की साजिश हुई है। उपचुनाव में भाजपा सरकार ने मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया। महिलाओं को वोट डालने से रोकने के लिए पिस्टल लगाकर डराया गया। यूपी में वोटों की हुई लूट की चर्चा न हो, इसके लिए सरकार के इशारे पर संभल की हिंसा करायी गयी। भाजपा सरकार संविधान और कानून नहीं मानती है। संविधान विरोधी कार्य कर रही हैं। जब प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट है, तो बार-बार इस तरह के मामले क्यों आ रहे है।

अखिलेश यादव ने कहा कि संभल की शाही जामा मस्जिद के खिलाफ 19 नवम्बर 2024 को सिविल जज सीनियर डिवीजन चंदौसी, संभल में एक याचिका दायर की गयी। कोर्ट ने दूसरे पक्ष सुने बगैर उसी दिन सर्वे के आदेश दे दिए। आश्चर्य जनक है, संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक आदेश को पढ़े बगैर दो ही घंटे के बाद सर्वे के लिए शाही जामा मस्जिद पहुंच गए। शाही मस्जिद की कमेटी जनप्रतिनिधियों, उलमा इकराम, समेत सभी पक्षों ने सहयोग दिया। जिलाधिकारी संभल और पुलिस अधीक्षक ने ढाई घंटे सर्वे के बाद कहा कि सर्वे पूरा हो चुका हैं, अब रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी जायेगी। 22 नवम्बर 2024 को जब लोग जुमे की नमाज के लिए मस्जिद पहुंचे तो पुलिस ने बैरिकेड लगा रखा था। फिर भी लोगों ने पूरे संयम से नमाज अदा की, कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। 29 नवम्बर 2024 को कोर्ट में अगली तारीख तय थी।

  जामा मस्जिद की कमेटी और सभी लोग कोर्ट में पैरवी की तैयारी कर रहे थे, परन्तु 23 नवम्बर 2024 की रात पुलिस प्रशासन ने अगले दिन दोबारा सर्वे की बात कही। की। शाही मस्जिद कमेटी और अधिवक्ताओं ने कहा कि जब सर्वे मुकम्मल हो चुका है, तो दूसरे सर्वे की क्या आवश्यकता है। अगर दोबारा सर्वे कराना है तो फिर कोर्ट से आदेश कराएं। लेकिन जिलाधिकारी संभल और पुलिस अधीक्षक ने सुनवाई नहीं की। अगले दिन सुबह से पहले ही सर्वे के लिए शाही जामा मस्जिद आ गये। मस्जिद कमेटी और सभी ने फिर धैर्य रखा, सर्वे के लिए अंदर गये। दोबारा सर्वे की जानकारी होने पर लोग एकत्र होने लगे। लोगों ने फिर सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने गाली गलौज की और लाठीचार्ज कर जख्मी कर दिया। लोगों ने इसका विरोध किया तो पुलिस के सिपाही से लेकर अधिकारियों तक ने अपने सरकारी और प्राइवेट हथियारों से गोलियां चलायी, जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए। अपने घरों से सामान खरीदने निकले पांच निर्दोष युवाओं की मौत हो गयी। अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में लोगों को पुलिस ने गालियां दी। पुलिस का व्यवहार बेहद खराब है। निर्दोष लोगों का फंसाया गया हैं। संभल में सब कुछ भाजपा सरकार करा रही है। वहां तैनात सरकार के खासम-खास अधिकारियों द्वारा पूरी घटना को अंजाम दिया गया है। संभल घटना सोची समझी रणनीति-अखिलेश