जनसंख्या के अनुपात में हो आरक्षण

174
OBC भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन नहीं
OBC भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन नहीं

जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग,ओबीसी कल्याण बोर्ड का हो गठन। ओबीसी की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए उचित बजट नहीं।

लौटनराम निषाद

लखनऊभारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटन राम निषाद ने जनसंख्या के आधार पर ओबीसी को आरक्षण देने की मांग की है।उन्होनें कहा कि मण्डल कमीशन के संबंध में इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के मामले के निर्णय में उच्चतम न्यायालय के 9 जजों की पूर्ण पीठ ने 16 नवम्बर 1992 को ओबीसी के 27 प्रतिशत कोटे को वैधता सम्बन्धित निर्णय दिया। इसके संबंध में 10 सितम्बर 1993 को केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की गई। उन्होंने कहा कि 29-30 वर्षों बाद भी ओबीसी का कोटा पूरा नहीं हुआ।

क्लास-1 में 16.88 एवं क्लास-2 में अभी तक 15.77 प्रतिशत प्रतिनिधित्व के साथ क्लास-1 से क्लास-4 तक की सभी नौकरियों में मात्र 20.21 प्रतिशत ही प्रतिनिधित्व मिल पाया है। उन्होंने ओबीसी का बैकलॉग भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने की केन्द्र सरकार से माँग किया है। ओबीसी की जाति आधारित जनगणना को संवैधानिक बताते हुए सभी वर्गों का कास्ट सेंसस कराकर एससी, एसटी की भाँति ओबीसी को भी कार्यपालिका, विधायिका में समानुपातिक कोटा दिए जाने की मांग किया है।बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 60% ओबीसी बेरोजगारों को राज्य सरकार की नौकरियों में 27% वर्टिकल आरक्षण दिया जा रहा है।लेकिन अधिकांश नियुक्ति विज्ञापनों में ओबीसी के 27 प्रतिशत कोटा के अनुसार सीटें आबंटित न कर ओबीसी कोटा की हकमारी खुलेआम की जा रही है।

निषाद ने जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग करते हुए
कहा है कि राज्य में सभी आरक्षित वर्गों(एससी, एसटी,ईडब्ल्यूएस) को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जा रहा है तो ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में आधा ही क्यों? सामाजिक न्याय समिति के अनुसार उत्तर प्रदेश में ओबीसी 54.05 प्रतिशत थे। उन्होंने ओबीसी कल्याण बोर्ड बनाने की मांग करते हुए जनसंख्या अनुपात में बजट की व्यवस्था करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

6 लाख से अधिक दशमोत्तर कक्षा के ओबीसी के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो रहीं है। सामान्य वर्ग को उनकी जनसंख्या के अनुपात में काफी अधिक एवं ओबीसी को काफ़ी कम बजट आबंटित कर समस्या खड़ी की जा रही है।ओबीसी के साथ सौतेला व्यवहार भाजपा के सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सबका प्रयास नारे की पोल खोल दिया है।
निषाद ने कहा कि ओबीसी के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक उन्नति के लिए नीति और योजना बनाने के लिये ओबीसी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए,ताकि ओबीसी वर्ग में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से दिया जा सके।