जीएसटी काउंसिल की बैठक से मध्यवर्गीय व्यापारियों को मिलेगी राहत। पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से महंगाई में आयेगी कमी। GST मध्यवर्गीय व्यापारियों को मिलेगी राहत-संजय गुप्ता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल ने जीएसटी परिषद की 53 वी बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 के लिए डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुर्माना समाप्त किए जाने पर संतोष व्यक्त किया तथा राहत की सांस ली उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश संजय गुप्ता ने कहा कि लम्बे समय से जीएसटी असेसमेंट में भारी जुर्मानों और ब्याज से व्यापारियों का उत्पीड़न अधिकारियों द्वारा किया जा रहा था उन्हें नोटिस देकर कार्यालय बुलाया जाता था ,व्यापारियों में बेहद निराशा और दवाब था।
संजय गुप्ता ने कहा GST लागू होंने पर बहुत सारी भ्रान्तियाँ और निरंतर हों रहें बदलावो से व्यवसायिक लेन देनों में चूक की संभावना थी जिसे न तो वकील, न चार्टेर्ड अकाउंटेंट और न ही विभागीय अधिकारी समझ एवं समझा पा रहे थे। अलग-अलग अधिकारी अपने-अपने विवेक के अनुसार व्यापारियों को डिमांड नोटिस जारी कर मनमाना ब्याज और जुर्माना लगा रहे थे जिस व्यापारी बहुत परेशान थे।
उन्होंने कहा शुरू के इन वित्तीय वर्षों के डिमांड नोटिसों पर जुर्माना और ब्याज समाप्त किए जाने से व्यापारियों को भारी राहत मिलेगी। व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा जीएसटी को और अधिक सरल करने की आवश्यकता है क्योंकि व्यापारी का अधिकतर समय अपने व्यापार में न लगकर जीएसटी के लेखा-जोखा में लग रहा है जिससे उसके व्यापार एवं मस्तिष्क पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है एवं व्यापारी केवल मुनीम बनकर रह गया है।
उन्होंने कहा जीएसटी काउंसिल का जीएसटीआर-1ए लाए जाने का भी निर्णय उचित है क्योंकि इससे जीएसटी आर- 3b के अंतर्गत यदि कुछ जोड़ना छूट गया है तो व्यापारी 1 ए के अंतर्गत फाइल कर सकेंगे व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने वित्त मंत्री से शीघ्र अति शीघ्र डीजल और पेट्रोल को भी जीएसटी के दायरे में ले जाने की मांग की ताकि सभी वस्तुओं का लागत मूल्य कम हो सके उन्होंने कहा केंद्र सरकार को इस हेतु सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से बातचीत कर सहमति बनाने हेतु गंभीर प्रयास करने चाहिए। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने निर्धारित अवधि में व्यापारियों के साथ बैठकर आपसी संवाद से व्यवहार में आ रही व्यवहारिक समस्याओं के निराकरण और वैश्विक न्यूनतम GST लागू देशों से टैक्स दरों से तुलना कर टैक्स दरों को घटाया जाना चाहिए क्योंकि भारत में संघीय ढांचे की वजह से जीएसटी अपनी मूल अवधारणा के विपरीत हो गया है। GST मध्यवर्गीय व्यापारियों को मिलेगी राहत-संजय गुप्ता