भाजपा सरकार भ्रष्टाचार का स्मारक बनाने में कामयाब-कृष्णकांत पाण्डेय

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जेईई एंट्रेंस परीक्षा में छात्रों के प्रति सरकार का गैर जिम्मेदाराना रूख सामने आया।भाजपा सरकार भ्रष्टाचार का स्मारक बनाने में कामयाब।उद्घाटन के सात भी नहीं बीते कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे अपनी गाथा बयान करने लगा।उ0प्र0 राज्य परिवहन निगम में लगभग 25 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ।

लखनऊ।
भारतीय जनता पार्टी की पिछली सरकार जहां भ्रष्टाचार में रिकार्ड बनाये हुए थी वहीं पर मौजूदा सरकार भ्रष्टाचार का स्मारक बनाने में कामयाब है। साथ ही नौजवानों और छात्रों के प्रति यह सरकार कितना गंभीर है इसका अंदाजा आज के जेईई एंट्रेंस परीक्षा से देखा जा सकता है।कृष्णकांत पाण्डेय ने बताया कि आज जेईई की प्रवेश परीक्षा आयोजित थी जिसमें कुर्सी रोड़ स्थित ‘‘मिश्रपुर’’ निकट ग्रीन सिटी हॉस्पिटल, गुडम्बा लखनऊ में छात्र परीक्षा देने बैठे पूरा कम्प्यूटर सिस्टम खराब मिला, पूरी परीक्षा व्यवस्था बेहाल रही छात्रों में घोर निराशा देखने को मिली, यह है इस सरकार की नौजवानों एवं छात्रों के प्रति गंभीरता।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने बताया कि बुन्देलखंड ‘‘एक्सप्रेस वे’’ का बड़ी धूम-धाम एवं प्रचार-प्रसार से प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया। सात दिन भी नहीं बीते पांच किलोमीटर के अन्दर ही तमाम जगह टूटी एवं धंसी हुई सड़कें देखने को मिली। अब तक एक्सप्रेस वे पर फाइटर प्लेन उतरते रहें हैं लेकिन भाजपा सरकार इस एक्सप्रेस वे पर क्या पनडुब्बी उतारेगी? यह प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार का स्मारक है।

रोडवेज में आईटी कंपनी ट्राईमेक्स को लगभग 25 करोड़ का भुगतान कराने का घोटाला सामने आया है। इस बात का खुलासा मामले के आरोपी और लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक को दी गयी चार्जशीट से उजागर हुआ है। स्थानांतरण घोटला इस सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में शुमार है। इस सरकार की उपलब्धता यह भी है कि राज्यमंत्री स्वयं अपने विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर कर रहें हैं। एक तरफ एक कैबिनेट मंत्री के निजी स्टाफ को भ्रष्टाचार के आरोप में दिल्ली भेज दिया जाता है तथा जांच शुरू हो जाती है। संबधित विभाग के कई अधिकारी नप जाते हैं फिर भी मंत्री का बाल बांका नहीं होता।

जिन किसानों ने शहादत दी आज तक उनके परिवार को मुआवजा नहीं दिया गया। सरकार अपने उद्योगपति मित्रों के कर्ज माफ करने का रिकार्ड बनाती चली जा रही है वहीं किसान कर्ज के बोझ तले आत्महत्या करने को मजबूर है, उनके कर्ज की सरकार को कोई भी चिन्ता नहीं। फसल बीमा के नाम पर इन्शयोरेंस कंपनियों को करोड़ो का फायदा पहुंचाया जा रहा है। सरकार का वादा था 2022 तक आय दुगनी करने का लेकिन उनकी यातना दोगुनी कर दी गयी।