क्या आरएसएस नियंत्रित भाजपा से संविधान,लोकतंत्र व सामाजिक न्याय का संरक्षण असम्भव….?

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मण्डल पार्ट-1 व 2 को कांग्रेस की सरकार ने ही लागू किया। कांग्रेस ने देश के विकास व आत्मनिर्भरता के लिए किया,जिसे भाजपा बेच रही।

चौ.लौटनराम निषाद

भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि मण्डल पार्ट-1 व 2 की सिफारिश को कांग्रेस की ही सरकार ने लागू कर पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया। 7 अगस्त 1990 को तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह जी ने मण्डल कमीशन की सिफारिश के अनुसार ओबीसी को सरकारी सेवाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा की अधिसूचना जारी किए। संघीय मानसिकता के पिछड़ा विरोधियों ने इस पर रोक लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर दिया,जिस पर न्यायालय ने 1 अक्टूबर,1990 को रोक लगा दिया।मा. उच्चतम न्यायालय की 9 सदस्यीय संविधान पीठ ने दो तिहाई बहुमत मण्डल कमीशन की सिफारिश को 16 नवम्बर,1992 को संवैधानिक करार दिया।कांग्रेस की सरकार ने ओबीसी की जातियों को सरकारी सेवाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा का शासनादेश 10 सितम्बर,1993 को जारी किया।ओबीसी कोटा के तहत वी. राजशेखर पहले आईएएस चयनित हुए,जिन्हें नरसिंहा राव सरकार में समाज कल्याण मंत्री सीताराम केसरी जी ने नियुक्ति पत्र दिया।

डॉ. मनमोहन सिंह जी के नेतृत्व वाली यूपीए-1 की सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह जी ने मण्डल कमीशन की दूसरी सिफारिश को लागू करते हुए 13 मार्च,2006 को ओबीसी को उच्च शिक्षण संस्थानों में 27 प्रतिशत कोटा का शासनादेश जारी किए।इस निर्णय को भी पिछड़ा विरोधियों ने न्यायालय में चुनौती दिया।मा.उच्चतम न्यायालय ने 10 अप्रैल 2008 को मण्डल पार्ट-2 को संवैधानिक करार दिया।उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के इन दो निर्णयों से ओबीसी का प्रतिनिधित्व शिक्षा व नौकरियों में बढ़ने लगा।लेकिन आरएसएस नियंत्रित भाजपा सरकार ओबीसी आरक्षण को निष्प्रभावी करने के षड़यंत्र में जुटी हुई है।उन्होंने कहा कि जिस तरह बिल्ली से दूध की रखवाली कराना असम्भव है,उसी तरह आरएसएस व भाजपा से संविधान, लोकतंत्र व सामाजिक न्याय का संरक्षण कराना असम्भव है।


निषाद ने कहा कि भाजपा व संघ सिर्फ नफरत की राजनीति करने में माहिर है।कांग्रेस ने देश की तरक्की,उन्नति व आत्मनिर्भरता के लिए जो काम किया था,आज भाजपा उसी को तहस नहस करने में जुटी हुई है।जब देश आजाद हुआ,उस समय देश में सुई तक नहीं बनती थी।प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू जी ने बहुद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाओं, एनटीपीसी, कॉटन मिल,भेल,सेल, गेल,रेल, एचएएल, कोल इंडिया, ओएनजीसी, एचपी,बीपी,इंडियन ऑयल,पावर प्लांट, सिंचाई संसाधनों,खाद कारखाना,एयरपोर्ट आदि को स्थापित कराकर देश को आगे बढ़ाया।पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से बुनियादी समस्याओं को दूर किया।नहरों व रेलों का जाल बिछाया, स्कूल, हॉस्पिटल,यूनिवर्सिटी स्थापित किया।इंदिरा गांधी जी ने बैंकों व एलआईसी का राष्ट्रीयकरण कियाभाजपा सरकार सरकारी संस्थानों, उपक्रमों का निजीकरण कर इनपर गौतम अडानी,अम्बानी आदि का कब्जा करा रही है।


निषाद ने कहा कि 2013 में नरेंद्र मोदी जी पिछड़ी जाति का होने का खूब जोर शोर से दावा करते थे।11 अक्टूबर 2013 को इन्होंने कोच्चि स्थित माता अमृतानंदमयी देवी के आश्रम में बोले थे कि हम पिछड़ी जाति के हैं और राजनीति में भूतों के लिए अछूत हैं।लेकिन अगला 10 वर्ष पिछड़ों, दलितों का होगा।यकीन प्रधानमंत्री मोदी नकली ओबीसी साबित हो रहे हैं। संघ के इशारे पर जिस तरह पिछड़ा विरोधी काम कर रहे हैं,उससे लग रहा है कि 10 वर्ष का कार्यकाल पूरा करते,पिछड़ों का सत्यानाश कर देंगे।उन्होंने कहा कि पिछड़े फ़र्ज़ी हिन्दू बनने में पागल हो अपने पैर में कुल्हाड़ी मार रहे हैं,अपने बच्चों का भविष्य अंधकार में डालने की खाई खोद रहे हैं।मण्डल विरोधी भाजपा कभी पिछड़ों की हितैषी नहीं हो सकती।भाजपा के मातृ संगठन आरएसएस के डीएनए में ही सामाजिक अन्याय,फिरकापरस्ती,नफरत भरा हुआ है।भाजपा संघ के इशारे पर संविधान, लोकतंत्र व सामाजिक न्याय को कुंद व निष्प्रभावी करने में जुटी हुई है।

भारत सरकार के द्वारा वित्त पोषित उच्च शिक्षा संस्थानों में उपलब्ध सीटों में से 22.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति (दलित वर्ग) तथा अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) के छात्रों के लिए आरक्षित की गयी हैं (अनुसूचित जातियों के लिए 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजातियों के लिए 7.5 प्रतिशत ) तथा ओबीसी के लिए अतिरिक्त 27 प्रतिशत आरक्षण तथा सामान्य जाति को प्राप्त 10 प्रतिशत आरक्षण को सम्मिलित करके आरक्षण का यह प्रतिशत 59.5% तक बढ़ा दिया गया है | 10 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में सीटें 14 प्रतिशत अनुसूचित जातियों और 8 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए केवल 50 प्रतिशत अंक ग्रहणीय हैं। यहां तक कि संसद और सभी चुनावों में यह अनुपात लागू होता है, जहां कुछ समुदायों के लोगों के लिए चुनाव क्षेत्र निश्चित किये गये हैं। तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों में आरक्षण का प्रतिशत अनुसूचित जातियों के लिए 18 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों के लिए 1 प्रतिशत है, जो स्थानीय जनसांख्यिकी पर आधारित है।

आरक्षण लाभ के योग्य सामान्य जाति

  • आरक्षण प्राप्त करने के लिए आपकी वार्षिक आय 8 लाख से कम होनी चाहिए।
  • आप के पास 5 हेक्टेयर से कम कृषि योग्य जमीन।
  • आप का मकान 1000 स्क्वायर फीट से कम जमीं पर बना हो।
  • आपके पास नगर निगम की 109 गज से कम अधिसूचित जमीन हो।
  • आप किसी भी तरह के आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते हो।

भारत देश में आरक्षण की शुरूआत सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को समृद्ध बनाने तथा समानता प्रदान करने के लिए हुई थी, लेकिन समय के साथ आरक्षण को राजनीतिक पार्टियों ने वोट प्राप्ति के उद्देश्य से आरक्षण राजनीति का शिकार बनता गया, वर्तमान समय में प्रत्येक राजनितिक दल सत्ता प्राप्ति केउद्देश्य से आरक्षण शब्द का प्रयोग कर रहा है, राजनीति के कारण आरक्षण का मूल उद्देश्य समय के साथ समाप्त होता जा रहा है।

वर्ग आरक्षण प्रतिशत

अनुसूचित जाति (SC) 15

अनुसूचित जनजाति (ST) 7.5

सामान्य (GEN) 10

अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) 27

कुल आरक्षण 59.5

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में सामान्य जाति के गरीब वर्ग (आर्थिक रूप से कमजोर) को सरकारी नौकरी तथा शिक्षा के क्षेत्र में 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर दिया है, इस आरक्षण का लाभ सामान्य जाति के उन लोगो को प्राप्त होगा जिनकी वार्षिक आर 8 लाख से कम होगी | यह आरक्षण विधेयक लोक सभा तथा राज्यसभा में पास किया जा चुका है।