फरवरी में रामलला मंदिर के गर्भगृह में हो जाएंगे विराजमान ….!

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श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा
श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा

फरवरी 2024 में रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। श्रद्धालु भव्य परिसर में दर्शन भी कर सकेंगे।अयोध्या में मंदिर निर्माण कार्य की निगरानी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।आज भी अयोध्या में बाजार दर पर भूमि खरीदने को तैयार हैं स्वामी गोविंद गिरी महाराज।काशी की तर्ज पर हो पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर परिसर का विकास।

एस0 पी0 मित्तल

28 फरवरी को शिवरात्रि के अवसर पर पुष्कर स्थित ब्रह्मा सावित्री वेद विद्यापीठ के परिसर में मुझे राष्ट्रीय संत और अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद गिरी जी महाराज से आशीर्वाद लेने का अवसर मिला। प्रतिवर्ष शिवरात्रि के अवसर पर स्वामीजी का प्रवास पुष्कर में ही रहता है। स्वामी जी के सानिध्य में ही पुष्कर में वेद विद्यापीठ की स्थापना हुई। आज यह विद्यापीठ वेद और संस्कृत के विद्वानों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। स्वामी जी से मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय मुद्दों और अयोध्या में बनने वाले भव्य मंदिर निर्माण पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि भारत में सनातन संस्कृति को मानने वालों का यह सौभाग्य है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं राम मंदिर निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे हैं। पिछले दिनों ही करीब 40 मिनट तक मोदी ने मुझ से मंदिर निर्माण की जानकारी ली। ऐसा मोदी जी समय समय पर करते हैं। यही वजह है कि अयोध्या में तेजी के साथ मंदिर निर्माण का कार्य हो रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। स्वामीजी ने बताया कि मंदिर निर्माण करने वाली एलएनटी कंस्ट्रक्शन कंपनी को कहा गया है कि मंदिर के गर्भगृह का कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा कर दिया जाए। चूंकि मकर संक्रांति तक मलपास की स्थिति रहेगी, इसलिए वर्ष 2024 के फरवरी माह में रामलला को मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कर दिया जाएगा। इस अवसर पर एक भव्य समारोह भी होगा, जिसमें देश के प्रमुख साधु संत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग लेंगे। गर्भगृह का परिसर विशाल है, जिसमें हजारों श्रद्धालु सुगमता के साथ खड़े हो सकते हैं। मौजूदा समय में रामलला को अस्थाई तौर पर विराजमान कर रखा है। स्वामी जी ने कहा कि फरवरी 2024 के जिस दिन रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे, वह देश के लिए महत्वपूर्ण दिन होगा।

अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए हजारों रामभक्तों ने अपना बलिदान दिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मंदिर का निर्माण आपसी सहमति से हो रहा है। गर्भगृह में रामलला के विराजमान होने के बाद भी अयोध्या में मंदिर निर्माण का कार्य जारी रहेगा। अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं जुटाई जा रही है, इसलिए न्यास को अभी भी बाजार दर पर भूमि की आवश्यकता है। जो लोग न्यास के पदाधिकारियों पर महंगी भूमि खरीदने का आरोप लगाते हैं, उनसे भी मेरा आग्रह है कि इन्हीं दरों पर न्यास को भूमि उपलब्ध करवा दें। स्वामी जी ने कहा कि जिन लोगों ने एक रुपए का भी सहयोग नहीं किया, वे हम पर आरोप लगा रहे हैं हम सन्यासी हैं। हमने तो पूरा जीवन ही मानव कल्याण को समर्पित कर दिया है। सनातन संस्कृति में भरोसा रखने वाले को हमारे त्याग और तपस्या के बारे में पता है। वो ही लोग आरोप लगा रहे हैं जिन्होंने मंदिर निर्माण में बाधाएं खड़ी की। स्वामीजी ने कहा कि भविष्य में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में राम मंदिर का निर्माण होता रहेगा। पुष्कर प्रवास के दौरान ब्रह्मा सावित्री वेद विद्यापीठ न्यास के अध्यक्ष आनंद राठी, उपाध्यक्ष राम अवतार जाजू, सचिव संदीप झंवर, कोषाध्यक्ष अशोक कालानी, अरुण अग्रवाल, सुभाष काबरा, पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक, विधायक सुरेश रावत, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण पाराशर आदि ने स्वामीजी का स्वागत सत्कार किया।

काशी की तर्ज पर हो ब्रह्मा मंदिर परिसर का विकास-

पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर के पुजारी रामनिवास वशिष्ठ ने भी राष्ट्रीय संत गोविंद गिरी महाराज से मुलाकात की। वशिष्ठ ने बताया कि सनातन संस्कृति में जिस प्रकार काशी और अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों का महत्व है, उसी प्रकार पुष्कर तीर्थ का भी महत्व है। सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने पुष्कर में ही यज्ञ किया था, यज्ञ वाले स्थान पर ही आज पवित्र सरोवर है, जो करोड़ों हिन्दुओं के आस्था का केंद्र है। ब्रह्मा मंदिर भी पुष्कर में ही है। पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर परिसर का विकास काशी के विश्वनाथ मंदिर की तरह किया जाना चाहिए। मौजूदा समय में मंदिर परिसर और उसके आसपास लगातार अतिक्रमण हो रहे हैं, जिसकी वजह से श्रद्धालुओं को आवागमन में भी परेशानी होती है। पुजारी वशिष्ठ को गोविंद गिरी महाराज ने भरोसा दिलाया कि इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद किया जाएगा।