अंबेडकरवादी और लोहियावादी मिल करेंगे भाजपा का सफाया..!

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संविधान बचाओ रैली से अखिलेश ने किसानों को भी साधने की कोशिस करते हुए कहा कि 2022 में सरकार बनी तो ‘शहीद’ किसानों के परिवार को देंगे 25 लाख रुपये.

अखिलेश यादव ने आज कहा कि बाबा साहेब डॉ0 भीम राव अम्बेडकर ने ऐसा संविधान बनाया है जो हम सबको बराबरी का हक और सम्मान देता है. संविधान से सामाजिक न्याय मिलता है. हमारा संविधान लोकतंत्र की आत्मा है. लेकिन आज संविधान और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हो रहा है. भाजपा सरकार लोगों से संविधान में दिये गये हक और सम्मान को छीन रही है. संविधान और कानून को कुचला जा रहा है. भारतीय संविधान दिवस एवं संविधान बचाओ विराट महा पंचायत के अवसर पर मान्यवर कांशीराम स्मृति उपवन लखनऊ में संविधान बचाओ रैली को सम्बोधित कर रहे थे.


   उन्होंने कहा संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए 2022 में भाजपा का सफाया किया जाना चाहिए. जो कानून संसद से बनाये और खत्म किये जाते थे वे राष्ट्र के नाम एक संदेश से हो रहे हैं. एक बार राष्ट्र के नाम संदेश आया और भारत सरकार का दिया गया रुपया बंद हो गया. रुपया का पता ही नहीं चला कि कहां चला गया. एक बार और राष्ट्र के नाम संदेश आया तो तीन काले कृषि कानून वापस हो गये. जो कानून पार्लियामेंट से वापस होने थे वे टी.वी. पर एक संदेश से वापस हो गये. इसलिए मंच पर जो सभी लोग कह रहे हैं कि संविधान को खतरा है उसे समझिए.


अखिलेश यादव ने कहा कि जो सरकार जनता को दुःख देती है. जनता समय आने पर उसका हिसाब-किताब करती है. भाजपा सरकार ने महंगाई, बेरोजगारी,अन्याय और अत्याचार बढ़ाया है. उत्तर प्रदेश की जनता इस बार भाजपा का दरवाजा बंद कर देगी. उन्होंने कहा कि जब किसान नहीं चाहते थे तब यह सरकार काला कानून क्यों लेकर आईं? किसानों को सर्दी,गर्मी,बरसात झेलना पड़ा. उन्हें रोकने के लिए कीले लगा दी गई. किसानों ने कुर्बानी दी। आंदोलन में 600 से ज्यादा किसान शहीद हो गये. तब जाकर काले कृषि कानून वापस हुए। किसानों के अपमान की जिम्मेदार भाजपा सरकार है. लखीमपुर खीरी में गृह राज्यमंत्री के बेटे ने किसानों को गाड़ी से कुचल कर हत्या कर दी. सिर्फ किसानों को ही नहीं कुचला देश के संविधान और कानून को कुचल दिया गया.


  समाजवादी सरकार आने पर हम शहीद किसान परिवारों की 25-25 लाख रूपये से मदद करेंगे. इसी तरह उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में भाजपा ने संविधान को कुचलते हुए जो जीते थे उन्हें हरा दिया. लोकतंत्र का चीरहरण हुआ. माताएं और बहनों के कपड़े तक छीन लिये गये. नौजवानों पर लाठियां बरसाई गई.श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार सब कुछ बेच रही है.भाजपा के लोगों को जो दिखाई देगा सब बिक जायेगा. एयरपोर्ट बेच दिया. हवाई जहाज बेच दिया। ये आपके पैसे से बनाये गये एयरपोर्ट भी बेच देंगे.समाजवादी सरकार आने पर किसानों को सम्मान दिया जायेगा. नौजवानों को रोजगार दिया जाएगा.संविधान बचाओ रैली को पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले, माननीय कांशीराम की बहन स्वर्ण कौर, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पूर्व मंत्री लालजी वर्मा,अपना दल (क) की पल्लवी पटेल, सुबचन राम, अच्छे लाल कनौजिया, मिठाई लाल भारती, बी.डी. नकवी समेत अन्य वक्ताओं ने सम्बोधित किया.

उत्तर प्रदेश में संविधान दिवस के अवसर पर राजधानी लखनऊ के स्मृति उपवन में संविधान बचाओ विराट महापंचायत का अयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने वाले दल के नेता शामिल हुए.कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सपा अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव मौजूद रहे। इसके अलावा डॉ अम्बेडकर के पौत्र पूर्व सांसद प्रकाश अम्बेडकर कार्यक्रम में उपस्थित रहे। काशीराम बहुजन मूल निवासी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सावित्री बाई फूले के द्वारा विराट महापंचायत का आयोजन किया गया.

संविधान दिवस के मौके पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर चुनाव में भाजपा को हराऊंगा. उन्होंने रालोद, अपना दल का नाम लेते हुए कहा कि हमारा दल एक गुलदस्ता है. इसमें अलग अलग रंग के कई फूल हैं. अखिलेश ने अपना चाचा शिवपाल पर कहा कि वह सपा में आएं तो पूरा सम्मान होगा. अखिलेश शुक्रवार को आजमगढ़ में कोयलसा ब्लाक स्थित तोनारी गांव में सपा जिला अध्यक्ष हवलदार यादव के भतीजी की शादी में शामिल होने पहुंचे थे.

संविधान बचाओ महारैली में शुक्रवार को पूर्व सीएम अखिलेश यादव भाजपा सरकार पर जमकर बरसे. लखीमपुर खीरी में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवारों को सरकार बनने पर 25-25 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की. लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में पूर्व सांसद सावित्रीबाई फुले की ओर से इस रैली का आयोजन किया गया था. अखिलेश ने कहा कि बाबा साहेब भीम अंबेडकर ने जो संकल्प दिलाया है, हम उसके साथ खड़े हैं. आने वाले समय में क्या परिस्थितियां होंगी, कोई नहीं जानता. दुनिया में बाबा के जैसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ और न ही होगा.


अखिलेश यादव का पंचायत चुनाव में पुलिस ज्यादती पर दिखा आक्रोश- हाल ही में बीते पंचायत चुनाव पर भी सपा सुप्रीमो का आक्रोश सामने आया. उन्होंने कहा, ”अभी पंचायत चुनाव हुआ. जीते हुए को हरा दिया गया. जिनकी संख्या ज्यादा थी, जिनके सदस्य ज्यादा थे, जिनके पास बहुमत था, वे चुनाव हार गए.”अखिलेश ने कहा, माता-बहनें जो प्रस्तावक थीं, उनके कपड़े फाड़ दिए गए. ऐसी स्थिति के बारे में तो महाभारत में ही पढ़ा था. बाल पकड़कर सड़कों पर घसीटा गया. पुलिस ने सड़क पर पीटा. हम लोग संविधान पर भरोसा करने वाले हैं. यही वजह है कि हम डटे हैं. आपका अधिकार छीना गया. लेकिन,हम विश्वास दिलाते हैं कि वह सम्मान और हक वापस दिलाएंगे.”

जब घाटे में हैं एयरपोर्ट, फिर क्यों बना रहे – जेवर में बन रहे इंटरनैशनल एयरपोर्ट को लेकर भी अखिलेश यादव ने निशाना साधा. लखनऊ एयरपोर्ट की तरफ इशारा करते हुए कहा, पहले यह सरकारी एयरपोर्ट था, लेकिन अब नहीं है. मुझे एक बात समझ नहीं आती, सारे एयरपोर्ट, एयरलाइंस, कंपनियां घाटे में हैं, फिर भाजपा वाले कैसे बोल रहे हैं कि सबसे बड़ा एयरपोर्ट बना रहे हैं. हमारे आपके पैसे से एयरपोर्ट बनाकर फिर किसी को बेच देंगे.

अखिलेश यादव ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के हवाई अड्डे बेच रहे हैं, दूसरी तरफ शिलान्यास कर रहे हैं। इनकी बातों पर कौन भरोसा करेगा। लखनऊ में भी सरकार का हवाई अड्डा बिक गया। नोएडा में भी नया एयरपोर्ट इसलिए बना रहे हैं कि बनते ही इसे भी बेच देंगे।आज देश एक तरफ जहां तरक्की की राह पकड़ रहा है वही अपने विकास के स्तर को खोता हुआ भी नजर आ रहा है। सरकार की स्थिति को देखकर समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर उसकी मंशा क्या है एक तरफ वह नए उद्योग धंधों की स्थापना नहीं कर पा रहा है तो दूसरी तरफ पुराने उद्योग धंधों को बेच भी रहा है। आखिर इस स्थिति में कैसे होगा देश का विकास, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज जहां एक तरफ एयरपोर्ट का शिलान्यास किया जाता है वहीं दूसरी तरफ निजीकरण से सरकारी हुए एयरपोर्ट हवाई जहाजों को वापस निजीकरण कर दिया जा रहा है अब यह बात जनता को समझ नहीं आती है। आखिर घाटे का सौदा कौन करेगा कोई भी प्राइवेट संस्थान किसी घाटे की चीज को परचेस करना पसंद नहीं करेगी ना ही कोई इतना नासमझ है कि डूबती नैया पर सवार होगा। तो इसमें कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ राज जरूर है जो सरकार घाटे की बात कह कर हमारे पुराने संसाधन को लगातार बेचती ही जा रही है।अगर इसी प्रकार से चला तो आगे हमारे युवा कहां पर रोजगार प्राप्त कर सकेंगे और अगर सभी सरकारी संस्थानों का इसी प्रकार निजीकरण किया जाता रहा तो हम आगे चलकर कहीं कुछ हाथों में गुलाम होकर न रह जाएं।

अखिलेश यादव ने नोटबंदी को भी किया याद – अखिलेश यादव ने नोटबंदी के फैसले को भी संविधान बचाओ महारैली के मंच से याद किया। बोले, एक बार राष्ट्र के नाम संदेश आया तो रुपया चलना बंद हो गया. हम सबको लाइन में लगा दिया. एक दिन फिर राष्ट्र के नाम संदेश आया तो 3 काले क़ानून वापस हो गए. जो कानून संसद से पास हुआ, उसे टीवी पर बोलकर वापस ले लिया गया.

अखिलेश यादव ने कहा भाजपा का दरवाजा यहीं से खुला था, यहीं से बंद होगासपा सुप्रीमों ने कहा कि भाजपा का दरवाजा यहीं से खुला था. इस बार उत्तर प्रदेश की जनता ने तय किया है कि यहीं से दरवाजा बंद होगा. इन्हें सत्ता से बाहर किया जाएगा. 2022 का विधानसभा चुनाव कोई मामूली चुनाव नहीं है.

”यह कोई नया नहीं है, बाबा साहेब के साथ डॉ0 राममनोहर लोहिया मिलकर काम करना चाहते थे. फ‍िर से हम लोगों ने कोशिश की पर वह सपना पूरा नहीं हुआ. लेकिन हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है और 2022 में यह सपना जरूर पूरा होगा.” उल्लेखनीय है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती से गठबंधन किया था. लेकिन सपा प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में महज पांच सीटों पर सिमट गई जबकि बसपा को दस सीटों पर जीत मिली थी.कार्यक्रम में अखिलेश यादव के अलावा बाबा साहेब अंबेडकर के पौत्र व पूर्व सांसद प्रकाश आंबेडकर, भीमराव यशवंत राव अंबेडकर, बसपा संस्थापक कांशीराम की बहन स्‍वर्ण कौर, सपा गठबंधन में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर, गठबंधन की एक अन्‍य साझेदार अपना दल (कमेरावादी) की प्रमुख नेता पल्‍लवी पटेल, पूर्व आयकर आयुक्‍त सुवचन राम समेत कई प्रमुख लोग शामिल हुए.

प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि ”समाज की राजनीति में अगर हम लोग फंस गये तो इंसानियत की राजनीति को भूल जाएंगे. इंसानियत की राजनीति को लेकर चलेंगे तब ही इस देश को इकट्ठा रख पाएंगे. इस देश की भाषा इंसानियत की होनी चाहिए.’ प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि ‘आज जो संविधान दिवस मनाया जा रहा है वह आरएसएस के लोग और बीजेपी नहीं मना रही है, हम लोगों को गुमराह करने के लिए सरकार मना रही है.’ उन्होंने बीजेपी पर सीबीआई और ईडी के सहारे दूसरे राजनीतिक दलों पर दबाव डालने और उसे समाप्त करने की साजिश का भी आरोप लगाया.इससे पूर्व बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के पौत्र पूर्व सांसद प्रकाश अम्बेडकर ने कहा कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है. यहां के लोगों की बड़ी जिम्मेदारी है. पूरी समझदारी से फैसला करें. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के पास समय है और उनसे उम्मीदे हैं. वक्त उनके साथ है। उन्होंने उन्हें देश का भावी नेतृत्व घोषित किया.

पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले के प्रति आभार प्रकट करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ‘हम समाजवादी लोग आपके संकल्‍प के साथ खड़े हैं और संविधान बचाने के लिए हम आपके साथ हैं.’ यादव ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ”जो लोग यहां से निकले, यहीं से दिल्‍ली का रास्‍ता बनाया, उनके लिए मैंने कहा था यहीं से बीजेपी का दरवाजा खुला और इस बार उत्तर प्रदेश की जनता ने तय किया है कि इस बार दरवाजा बंद होगा और वह सत्ता से बेदखल होंगे.” उन्‍होंने नोट बंदी और कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के प्रधानमंत्री के फैसलों की चर्चा करते हुए उन पर तंज कसा. सपा प्रमुख ने पंचायत चुनाव में बेईमानी का आरोप लगाते हुए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर भी जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई अपना अधिकार मांगेंगा तो पुलिस लाठियों से पीटेगी और बाल पकड़कर खींचेगी. साल 2014 में सावित्री बाई फुले ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बहराइच लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता और 2019 में आरक्षण और संविधान के मुद़दे पर उन्‍होंने बीजेपी के खिलाफ विद्रोही रुख अपनाते हुए इस्‍तीफा दे दिया. इसके बाद वह मार्च 2019 में कांग्रेस में शामिल हुईं. लेकिन दिसंबर 2019 में कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया.[/responsivevoice]