मंदिर पर माफियाओं की नज़र

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त्रिनाथ के. शर्मा

मंदिर पर माफियाओं की नज़र: फर्जीवाड़े से हड़पने की साजिश।दानपात्र तोड़ भगवान के चढ़ावे तक पर डाका, कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में आस्था का केंद्र भी अब जालसाजों की नजर से अछूता नहीं रहा। ऐशबाग के प्रसिद्ध राम जानकी मंदिर को हड़पने के लिए सात लोगों ने मिलकर ऐसा फर्जीवाड़ा रचा कि भगवान का घर ही कब्जे की साजिश का शिकार बन गया। आरोपियों ने न सिर्फ मंदिर के दस्तावेज जालसाजी से तैयार किए, बल्कि दानपात्र तोड़कर भक्तों की श्रद्धा से आई चढ़ावे की रकम तक गायब कर दी।


मंदिर का निर्माण उत्तर प्रदेश यज्ञसेनी वैश्य हलवाई महासभा के अध्यक्ष शिव प्रसाद गुप्ता ने अपने भाई ओमप्रकाश गुप्ता के साथ मिलकर कराया था। शिव प्रसाद के निधन के बाद ओमप्रकाश गुप्ता मंदिर के प्रबंधक के रूप में सेवा कर रहे थे। इसी दौरान नीरज गुप्ता नामक व्यक्ति ने संस्था के नवीनीकरण के बहाने धोखाधड़ी का जाल बिछाया।


बताया जा रहा है कि नीरज ने अशिक्षित ओमप्रकाश गुप्ता के हस्ताक्षरों का दुरुपयोग करते हुए अपने साथियों प्रवीण, अमित और विकासदीप भवन स्थित रजिस्ट्रार सोसाइटी कार्यालय के चार कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इसके बाद इन्होंने मंदिर पर कब्जा जमाने और उसकी संपत्ति हड़पने की कोशिशें शुरू कर दीं।


इतना ही नहीं, इन लोगों ने मंदिर का दानपात्र तक तोड़कर भगवान के चढ़ावे की राशि चुरा ली। बार-बार शिकायत के बावजूद जब कार्रवाई नहीं हुई, तो ओमप्रकाश गुप्ता ने न्यायालय की शरण ली। अदालत के आदेश पर अब नीरज गुप्ता, उसके सहयोगी प्रवीण, अमित और चार सरकारी बाबूओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मंदिर प्रबंधक ओमप्रकाश गुप्ता ने प्रशासन से आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और राम जानकी मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जो लोग भगवान के नाम पर भी धोखा कर सकते हैं, वे समाज के लिए खतरा हैं,ऐसे अपराधियों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है। यह मामला सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास पर हुए हमले का प्रतीक बन गया है।