

बुलंदशहर जेल में कमाकर देने वाले वार्डरों की नहीं बदलती ड्यूटी..! महिला अधीक्षक की तानाशाही से अधिकारियों कर्मियों में दहशत। राशन कटौती, मशक्कत, बैरेक ट्रांसफर की वसूली से बंदी त्रस्त। पान मसाला, बीड़ी, सिगरेट और गांजा बना जेल की कमाई का जरिया।
लखनऊ/बुलंदशहर। बुलंदशहर जेल अधीक्षक की तानाशाही से अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों में खासा आक्रोश व्याप्त है। मोटी रकम देकर मैनपुरी से बुलंदशहर जेल पहुंची जेल अधीक्षक ने अवैध वसूली करने में जुटी है। इस जेल में सत्ता परिवर्तन के बाद बंदियों को सुविधाएं देने के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर दी गई है। बंदियों से मनमाफिक बैरेक में जाने के लिए बंदियों से मोटी रकम वसूल की जा रही है। महिला अधीक्षक कमाई का कोई मौका छोड़ना नहीं चाह रही हैं। बंदियों को घटिया भोजन परोस कर जेल अधिकारी कैंटीन में मनमाने दामों पर खाद्य सामग्री बेचकर जेब भरने में जुटे गए है। आलम यह है कि जेलों में बंदियों को कैंटीन में मिलने वाली सामग्री खिलाकर नाश्ते में मिलने वाली खाद्य सामग्री को बचाकर प्रतिमाह लाखों रूपये की कमाई करने में जुटे हुए है। मजे की बात यह है कि इस जेल में कमाकर देने वाले हेड वार्डर और वार्डर की महीनों ड्यूटी ही नहीं बदली जाती है। प्रदेश के कारागार मंत्री, जिला प्रशासन एवं परिक्षेत्र के डीआईजी जेल को जेल निरीक्षण के दौरान यह भ्रष्टाचार दिखाई ही नहीं पड़ता है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक विभागीय मंत्री और शासन में सेटिंग गेटिंग कर मैनपुरी जेल अधीक्षक ने मोटी रकम देकर अपना तबादला बुलंदशहर जेल पर कराया। सूत्रों का कहना है बुलंदशहर जेल पहुंचते ही उन्होंने लूट मचाना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि जेल में मशक्कत और मनमाफिक बैरेक में जाने के लिए कैदियों से 10000, हवालातियों से 3000 बैरेक ट्रांसफर के लिए 5000 और अल्फाबेट से अलग रखने के लिए दो गुना धनराशि की वसूली की जा रही है।
सूत्र बताते है कि जेल में बंदियों के राशन में 40 से 50 फीसदी की कटौती की जा रही है। कटौती के राशन की खपत जेल में चल रही कैंटीन में बनने वाली खाद्य सामग्री छोला चावल, छोला भटूरा, ब्रेड पकौड़ा, समोसा, पूड़ी सब्जी, अंडा करी इत्यादि में की जा रही है। सूत्रों का कहना है कैंटीन में तैयार होने वाली सब्जी पूड़ी, मिठाइयां, पराठा, कोलड्रिंक से प्रतिदिन लाखों रुपए की वसूली होती है। इसके साथ ही कैंटीन से बिकने वाली सिगरेट, पान मसाला, बीड़ी, गुटखा, गांजा समेत अन्य मादक पदार्थों की बिक्री से भी एक दिन में मोटा लाभ मिलता है। इसके अलावा मुलाकात में कुछ बंदी सेकंड बैच के भी पहले बैच में आ जाते हैं। सेकंड और फर्स्ट बैच के जो बंदी सेकंड बैच तक जेल में रहकर मुलाकात करते हैं। उनसे जमकर अवैध वसूली की जा रही है। उधर इस संबंध में जब प्रमुख सचिव कारागार अनिल गर्ग से बात करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनका फोन नहीं उठा। परिक्षेत्र डीआईजी ने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी।
इन हेड वार्डर और वार्डर की नहीं बदलती ड्यूटी
बुलंदशहर जेल में अवैध वसूली करने और कमाकर देने वाले हेड वार्डर और वार्डर की ड्यूटी बदली नहीं जाती है। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लेकिन जेल के दस्तावेजों में इस सच की पुष्टि आसानी से की जा सकती है। ऐसा तब है जब जेल अधीक्षक का दावा है कि वह प्रत्येक वॉर्डर और हेड वार्डर को काम करने का मौका देती हूं। जेल में हकीकत ठीक इसके विपरीत है। सूत्रों के मुताबिक जेल में कैंटीन का संचालन एक हेड वार्डर समेत तीन वॉर्डर से कराया जा रहा है। हेड वार्डर मुकेश सिंह, वॉर्डर भारत सरकार, अमित शर्मा और शमशेर सिंह की पिछले कई माह से ड्यूटी बदली ही नहीं गई। अधीक्षक के इस रवैए से जेल के अन्य बंदीरक्षकों में खासा आक्रोश व्याप्त है। मामला अनुशासन से जुड़ा होने की वजह से उन्होंने इस गंभीर मसले पर चुप्पी साध रखी है। उधर अधीक्षक कोमल मंगलानी का कहना है कि जेल की बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने के लिए कुछ कदम जरूर उठाएं है लेकिन हेड वार्डर और वार्डरो के लंबे समय से एक ही जगह ड्यूटी किए जानेंगे सवाल पर उन्होंने कोई जवाब ही नहीं दिया। बुलंदशहर:महिला अधीक्षक की तानाशाही से अधिकारियों कर्मियों में दहशत























