लखनऊ विश्वविद्यालय:किसान की बेटी अनुराधा सिंह वर्मा को मिला पहला गोल्ड मेडल

49
लखनऊ विश्वविद्यालय:किसान की बेटी अनुराधा वर्मा को मिला पहला गोल्ड मेडल
लखनऊ विश्वविद्यालय:किसान की बेटी अनुराधा वर्मा को मिला पहला गोल्ड मेडल
राजू यादव
राजू यादव

लखनऊ विश्वविद्यालय के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। 68वें स्थान समारोह में पहली बार किसी एलुमिनी द्वारा स्थापित गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। 1975 बैच के एम.एससी. केमिस्ट्री एलुमिनी ने अपनी गोल्डन जुबली (22-23 फरवरी) पर ₹5 लाख का कोष विश्वविद्यालय को दिया था। इस कोष के ब्याज से हर साल कैनिंग कॉलेज के एम.एससी. टॉपर छात्र/छात्रा को गोल्ड मेडल दिया जाएगा। इस परंपरा की शुरुआत का पहला सम्मान किसान की बेटी अनुराधा सिंह वर्मा को मिला। समारोह में कुलपति प्रो. मनुका खन्ना ने एलुमिनी को व्यक्तिगत आमंत्रण देकर सम्मानित किया। यह क्षण न सिर्फ लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए बल्कि 1975 बैच के एलुमिनी के लिए भी गर्व का विषय है। लखनऊ विश्वविद्यालय:किसान की बेटी अनुराधा सिंह वर्मा को मिला पहला गोल्ड मेडल

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक क्षण आज लखनऊ विश्वविद्यालय में 68वां दीक्षान्त समारोह बड़ी ही दिव्यता और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार किसी एलुमिनी द्वारा स्थापित गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। हम सभी साथियों ने, जिन्होंने वर्ष 1975 में लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.एससी. केमिस्ट्री की डिग्री प्राप्त की थी, अपनी गोल्डन जुबली (22-23 फरवरी) बड़े ही धूमधाम से मनाई थी। उसी समय यह निर्णय लिया गया था कि ₹5 लाख की निधि विश्वविद्यालय को दी जाएगी और उसके ब्याज से प्रतिवर्ष केविन कॉलेज के एम.एससी. टॉपर छात्र/छात्रा को गोल्ड मेडल प्रदान किया जाएगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय:किसान की बेटी अनुराधा सिंह वर्मा को मिला पहला गोल्ड मेडल

आज उसी निर्णय का प्रत्यक्ष फल मिला जब यह पहला गोल्ड मेडल एक किसान की बेटी अनुराधा सिंह वर्मा को प्रदान किया गया। यह क्षण न केवल विश्वविद्यालय के लिए बल्कि हम सभी एलुमिनी के लिए गर्व और आनंद का विषय है। लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति प्रो.मनुका खन्ना ने व्यक्तिगत निमंत्रण भेजकर इस अवसर पर आमंत्रित किया और हमें सम्मानित किया। इस विशेष अवसर पर अनुराधा सिंह वर्मा के साथ ग्रुप फ़ोटोग्राफ्स लिए गए, उनका इंटरव्यू हुआ और हम सबने उसे हर प्रकार से सहयोग देने का संकल्प लिया।

यह हमारे जीवन का एक अद्वितीय और दिव्य अवसर है। 1975 के हमारे 90 छात्रों के बैच में से आज लगभग 25-30 साथी अब भी जुड़े हुए हैं और लखनऊ सहित देश-विदेश में सक्रिय हैं। हम गर्वित हैं कि हमारे सहयोग से यह गोल्ड मेडल विश्वविद्यालय की परंपरा में स्थापित हुआ और इसका पहला सम्मान एक मेधावी छात्रा को मिला।

लखनऊ विश्वविद्यालय का 68वां दीक्षान्त समारोह दिव्यता और गरिमा के साथ हुआ संपन्न।
1975 बैच के एम.एससी. केमिस्ट्री एलुमिनी ने गोल्डन जुबली (22-23 फरवरी) पर ₹5 लाख का कोष विश्वविद्यालय को प्रदान किया।
इस कोष के ब्याज से हर वर्ष केविन कॉलेज एम.एससी. टॉपर छात्र/छात्रा को गोल्ड मेडल दिया जाएगा।
इतिहास में पहली बार किसी एलुमिनी द्वारा स्थापित यह गोल्ड मेडल अनुराधा सिंह वर्मा (किसान की बेटी) को मिला।
समारोह में कुलपति प्रो.मनुका खन्ना ने व्यक्तिगत आमंत्रण देकर एलुमिनी को सम्मानित किया।
1975 बैच के 90 छात्रों में से लगभग 25-30 साथी अब भी सक्रिय, देश-विदेश से जुड़े हुए हैं।
एलुमिनी ने इसे अपने जीवन का अद्वितीय और दिव्य अवसर बताया।

के. के. गुप्ता, कैलाश कुमार, प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव और नीरा मिश्रा का विशेष योगदान रहा।

आज के इस ऐतिहासिक क्षण में के. के. गुप्ता, कैलाश कुमार, प्रकाश चंद श्रीवास्तव और नीरा मिश्रा जी का इस कार्यक्रम के लिए विशेष योगदान एवं सहयोग भी रहा तथा इन लोगों ने आज के कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। लखनऊ विश्वविद्यालय:किसान की बेटी अनुराधा सिंह वर्मा को मिला पहला गोल्ड मेडल