बाबुल के आंसू और बेटी के सपने…

19
बाबुल के आंसू और बेटी के सपने...
बाबुल के आंसू और बेटी के सपने...

समाज की उन नादान लड़कियो को मेरा संदेश जो लडकियाँ लव के चक्कर में पड़कर अपने माँ-बाप को छोड़कर घर से भाग जाती हैं, मैं उन लडकियों के लिए कुछ कहना चाहूगा जो…

बाबुल की बगिया में जब तू, बनके कली खिली, तुमको क्या मालूम की, उनको कितनी खुशी मिली

उस बाबुल को मार के ठोकर,
घर से भाग जाती हो,
जिसका प्यारा हाथ पकड़ कर,
तुम पहली बार चली

तूने निष्ठुर बन भाई की, राखी को कैसे भुलाया, घर से भागते वक़्त माँ का, आँचल याद न आया तेरे गम में बाप हलक से, कौर निगल ना पाया, अपने स्वार्थ के खातिर, तूने घर में मातम फैलाया वो प्रेमी भी क्या प्रेमी, जो तुम्हें भागने को उकसाये, वो दोस्त भी क्या दोस्त, जो तेरे यौवन पे ललचाये ऐसे तन के लोभी तुझको, कभी भी सुख ना देंगे, उलटे तुझसे ही तेरा, सुख चैन सभी हर लेंगें सुख देने वालो को यदि, तुम दुःख दे जाओगी, तो तुम भी अपने जीवन में, सुख कहाँ से पाओगी अगर माँ बाप को अपने, तुम ठुकरा कर जाओगी, तो जीवन के हर मोड पर, ठोकर ही खाओगी जो – जो भी गई भागकर, ठोकर खाती हैं, अपनी गलती पर, रो-रोकर आशू बहाती हैं

एक ही किचन में,
रोटी के संग साग पकाती हैं,
हुईं भयानक भूल,
सोचकर अब पछताती हैं

जिंदगी में हर पल तू, रहना सदा ही जिन्दा, तेरे कारण माँ बाप को, ना होना पड़े शर्मिन्दा यदि भाग गई घर से तो, वे जीते जी मर जाएंगे, तू उनकी बेटी हैं यह, सोच – सोच पछताएगे

पहली बार जब बाबुल ने तेरे नन्हें हाथ थामे,
तो मानो पूरी दुनिया उसकी मुट्ठी में समा गई हो।
तेरी हंसी में उसका जीवन,
तेरे आंसुओं में उसकी बेचैनी,
तेरी कामयाबी में उसका गर्व,
और तेरे सपनों में उसका भविष्य बसता रहा।

बेटी चाहे जहां भी जाए, उसकी जड़ें हमेशा बाबुल की बगिया में ही रहती हैं। बाबुल का आशीर्वाद सदा उसकी छांव बनकर उसके जीवन पथ को रोशन करता रहता है। मेरा ये संदेश हर लडकी तक पहुंचाये और लडकी ही नही लड़को को भी गौर करना चाहिए। बाबुल के आंसू और बेटी के सपने…