
भाजपा जनता के लिए भारी बोझ बन गयी है। जिस दिन भाजपाई भ्रष्टाचार की पोटली को जनता तोल देगी, उस दिन भाजपा पटरी से उतर जाएगी… और अब वो दिन बहुत दूर भी नहीं।
रेल में यात्रियों के सामान को तोलने के नाम पर भ्रष्टाचार का एक और अध्याय खोला जा रहा है। ये फ़ैसला ग़रीबों के ख़िलाफ़ है, जो AC-1 में जा रहा है, उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है लेकिन उस ग़रीब से पूछो जो साल में एक-दो बार घर-गाँव जाता है और वहाँ से अपने साथ दाल-चावल-राशन बाँधकर लाता है। अब क्या ग़रीब मज़दूर-किसान की थाली का खाना भी भाजपा छीन लेना चाहती है।
पैसे की भूखी भाजपा को जो वसूलना है वो AC-1 और AC-2 तक के लोगों से वसूले न कि जनरल, स्लीपर या AC-3 वालों से। अगर भाजपा सरकार के शासनकाल में रेलवे का ख़ज़ाना पूरी तरह खाली हो गया है तो वो अपने सांसदों-विधायकों से कहे कि वो लोग अपने मुफ़्त के पास छोड़ दें। भाजपा के भ्रष्टाचार ने रेलवे को खोखला कर दिया है।
ये फ़ैसला वापस नहीं हुआ तो जनता भाजपा की वापसी का टिकट वक़्त से पहले काट देगी। जो गरीबों का बोझ न उठा सके ऐसे डबल इंजन पर धिक्कार है।
शर्मनाक निर्णय!

























